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दुनिया की सबसे बड़ी हड़ताल: 25 करोड़ कर्मचारी होंगे शामिल, निपटा लें बैंक का काम

देश भर के 25 करोड़ से ज्यादा कामगार केंद्र सरकार की जनविरोधी आर्थिक नीतियों, कामगार विरोधी श्रम नीतियों एवं किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ एक साथ खड़े होंगे। दावा है कि यह हड़ताल विश्व की सबसे बड़ी आम हड़ताल होगी।

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Published on: 25 Nov 2020 5:26 AM GMT
दुनिया की सबसे बड़ी हड़ताल: 25 करोड़ कर्मचारी होंगे शामिल, निपटा लें बैंक का काम
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26 नवंबर को यूनियन्स की हड़ताल, 25 करोड़ कामगार होंगे शामिल

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के खिलाफ 26 नवंबर को केंद्रीय ट्रेड यूनियन राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेंगे। इस हड़ताल में अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ, बैंक, बीमा, केंद्र, राज्य, बीएसएनएल एवं अन्य संस्थानों समेत 10 केंद्रीय श्रमिक संगठन में कार्यरत ट्रेड यूनियन ने भी शामिल होने की घोषणा की है।

विश्व की सबसे बड़ी आम हड़ताल

जानकारी के मुताबिक, देश भर के 25 करोड़ से ज्यादा कामगार केंद्र सरकार की जनविरोधी आर्थिक नीतियों, कामगार विरोधी श्रम नीतियों एवं किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ एक साथ खड़े होंगे। दावा है कि यह हड़ताल विश्व की सबसे बड़ी आम हड़ताल होगी। ऑल इंडिया बैंक एंप्लाइज एसोसिएशन के आह्वान पर देशभर के लाखों बैंक कर्मी इस हड़ताल में शामिल होंगे।

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दरअसल, सरकार ने हाल ही में तीन नए श्रम कानूनों को पारित किया है और 27 पुराने कानूनों को खत्म कर दिया है, जिसके विरोध में ये हड़ताल की जा रही है। इसमें भारतीय मजदूर संघ को छोड़कर 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 26 नवंबर को राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल की घोषणा की है।

AIBEA ने जारी किया बयान

मंगलवार को अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (AIBEA) ने अपने बयान में कहा कि लोकसभा ने हाल में संपन्न सत्र में तीन नए श्रम कानूनों को पारित किया है और कारोबार सुगमता के नाम पर 27 मौजूदा कानूनों को समाप्त कर दिया है। ये कानून शुद्ध रूप से कॉरपोरेट जगत के हित में हैं। साथ ही कहा कि इस प्रक्रिया में 75 फीसदी श्रमिकों को श्रम कानूनों के दायरे से बाहर कर दिया गया है। एआईबीईए ने कहा कि नए कानूनों में इन श्रमिकों को किसी तरह का संरक्षण नहीं मिलेगा।

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जानकारी के लिए बता दें कि एआईबीईए भारतीय स्टेट बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक को छोड़कर ज्यादातर बैंकों का प्रतिनिधित्व करता है। इसके सदस्यों में विभिन्न सार्वजनिक व पुराने निजी क्षेत्र के बैंकों और कुछ विदेशी बैंकों के चार लाख कर्मचारी शामिल हैं। बयान में कहा गया है कि महाराष्ट्र में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, पुरानी पीढ़ी के निजी क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और विदेशी बैंकों की 10000 ब्रांच के करीब 30,000 कर्मचारी हड़ताल में शामिल होंगे।

जानकारी के मुताबिक इस हड़ताल में 26 नवंबर को बैंक कर्मचारी भी अपनी मांगों को रखेंगे। साथ ही बैंक कर्मियों की तरफ से बैंक निजीकरण का विरोध, आउटसोर्सिंग व कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम का विरोध, पर्याप्त नियुक्तियां, बड़े कॉरपोरेट डिफॉल्टर्स के खिलाफ कड़ा एक्शन, बैंक डिपॉजिट की ब्याज दर में बढ़ोत्तरी और सर्विस चार्ज में कटौती जैसे मांगें रहेंगे।

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