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कभी भी हो सकता है लैंडर विक्रम से संपर्क! चंद्रयान-2 पर इसरो का बड़ा बयान
इसरो ने चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम से संपर्क करने की कोशिश में अभी भी लगा हुआ है। बता दें कि पिछले महीने चंद्रमा की सतह पर 'सॉफ्ट लैंडिंग' की कोशिश के दौरान 'चंद्रयान-2' के लैंडर 'विक्रम' से संपर्क टूट गया था, लेकिन इसरो उससे संपर्क करने की कोशिशें अभी छोड़ी नहीं हैं।
बेंगलुरु: इसरो ने चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम से संपर्क करने की कोशिश में अभी भी लगा हुआ है। बता दें कि पिछले महीने चंद्रमा की सतह पर 'सॉफ्ट लैंडिंग' की कोशिश के दौरान 'चंद्रयान-2' के लैंडर 'विक्रम' से संपर्क टूट गया था, लेकिन इसरो उससे संपर्क करने की कोशिशें अभी छोड़ी नहीं हैं।
बता दें कि बीते सात सितंबर को चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ से कुछ मिनट पहले ‘विक्रम’ का जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया था।
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उसके बाद अंतरिक्ष एजेंसी इसरो लैंडर से संपर्क स्थापित करने के लिए 'हरसंभव' कोशिशें कर रही है, लेकिन चंद्रमा पर रात शुरू होने की वजह से 10 दिन पहले इन कोशिशों को स्थगित कर दिया गया था।
इसरो अध्यक्ष के. सिवन ने मंगलवार को कहा कि अभी यह संभव नहीं है, वहां रात हो रही है। शायद इसके बाद हम इसे शुरू करेंगे। हमारे लैंडिंग स्थल पर भी रात का समय हो रहा है।
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चंद्रमा पर रात होने का मतलब कि लैंडर अब अंधेरे में जा चुका है। उन्होंने कहा कि चंद्रमा पर दिन होने के बाद हम फिर कोशिश करेंगे।' 'चंद्रयान-2' काफी जटिल मिशन था जिसमें चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के अनछुए हिस्से की खोज करने के लिए ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर को एक साथ भेजा गया था।
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इसरो ने प्रक्षेपण से पहले कहा था कि लैंडर और रोवर का जीवनकाल एक चंद्र दिवस यानी कि धरती के 14 दिनों के बराबर होगा।
कुछ अंतरिक्ष विशेषज्ञों के मुताबिक लैंडर से संपर्क स्थापित करना अब काफी मुश्किल लगता है। मीडिया रिपोर्ट में इसरो के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा है कि मुझे लगता है कि कई दिन गुजर जाने के बाद संपर्क करना काफी मुश्किल होगा, लेकिन कोशिश करने में कोई हर्ज नहीं है।'