TRENDING TAGS :
Chandrayaan-3 Update: चांद पर दर्ज हुआ अशोक स्तंभ और ISRO का अमिट निशान, जानिए रोवर प्रज्ञान ने कैसे किया यह काम
Chandrayaan-3 Update: चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल विक्रम की चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद रोवर प्रज्ञान लैंडर विक्रम से बाहर आ गया। इस काम में करीब ढाई घंटे का वक्त लगा क्योंकि धूल के पूरी तरह से खत्म हो जाने का इंतजार किया जा रहा था।
Chandrayaan-3 Update: देश के वैज्ञानिकों की मेहनत के दम पर भारत ने चांद पर बड़ी कामयाबी हासिल की है। बुधवार को चांद पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद रोवर प्रज्ञान ने भी काम शुरू कर दिया है। चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल विक्रम की चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद रोवर प्रज्ञान लैंडर विक्रम से बाहर आ गया।
इस काम में करीब ढाई घंटे का वक्त लगा क्योंकि धूल के पूरी तरह से खत्म हो जाने का इंतजार किया जा रहा था। इसरो के वैज्ञानिकों ने धूल का गुबार खत्म होने के बाद रोवर प्रज्ञान को विक्रम से बाहर निकाल। इसके बाद विक्रम ने चांद पर अपने अशोक स्तंभ और इसरो के अमिट निशान छोड़ दिए हैं।
रोवर प्रज्ञान कैसे छोड़ रहा अमिट निशान
लैंडर विक्रम की चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद वैज्ञानिकों के सामने अगली चुनौती उसकी गोद में बैठे रोवर प्रज्ञान को बाहर निकालने की थी। इसके लिए वैज्ञानिकों ने थोड़ी देर इंतजार करना बेहतर समझा क्योंकि लैंडिंग के बाद काफी धूल का गुबार था। लैंडर विक्रम से बाहर आने के बाद रोवर प्रज्ञान ने अपना काम शुरू कर दिया है।
Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 24, 2023
Chandrayaan-3 ROVER:
Made in India ??
Made for the MOON?!
The Ch-3 Rover ramped down from the Lander and
India took a walk on the moon !
More updates soon.#Chandrayaan_3#Ch3
आने वाले 14 दिन काफी महत्वपूर्ण
रोवर प्रज्ञान के बाहर निकालने के बाद अब असली मिशन शुरू होगा। विक्रम और रोवर प्रज्ञान मिलकर चांद के दक्षिणी ध्रुव का पूरा ब्योरा भेजेंगे। इसरो की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया है कि रोवर प्रज्ञान लैंडर विक्रम से बाहर आकर अपना काम शुरू कर चुका है। उसने चांद की सतह पर अशोक स्तंभ और इसरो के अमिट निशान छोड़ दिए हैं।
आने वाले 14 दिन काफी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं क्योंकि इस दौरान रोवर प्रज्ञान चांद पर रहकर अध्ययन करने के साथ ही विभिन्न प्रकार के डेटा भी जुटाएगा। चांद की सतह पर डेटा कलेक्ट करने के बाद रोवर प्रज्ञान उसे लैंडर विक्रम के पास भेजा भेजेगा और वहां से सभी प्रकार की जानकारियां इसरो के साइंटिस्टों के पास पहुंचेगी। इसके बाद इसरो के वैज्ञानिक इन जानकारियों का गहराई से अध्ययन करेंगे।
चंद्रयान-3 के तीन बड़े लक्ष्य
चंद्रयान-3 के तीन बड़े लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं और इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए चंद्रयान को 14 दिन का वक्त मिलेगा। इसरो की ओर से तय किए गए लक्ष्य के मुताबिक पहला लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग की क्षमता प्रदर्शित करने का था। दूसरा लक्ष्य रोवर प्रज्ञान के चंद्रमा पर भ्रमण का प्रदर्शन और तीसरा वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देने का है। लक्ष्य हासिल करने के लिए लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान में सात पेलोड लगे हुए हैं।
रोवर प्रज्ञान देगा चांद की संरचना की जानकारी
रोवर प्रज्ञान पर दो पेलोड लगाए गए हैं। पहले पेलोड के जरिए चंद्रमा की सतह पर मौजूद तमाम तत्वों का गुणात्मक, मात्रात्मक व रासायनिक विश्लेषण किया जाएगा। चंद्रमा को डीप स्पेस स्टेशन के तौर पर इस्तेमाल करने के लिहाज से यह विश्लेषण काफी अहम माना जा रहा है। दूसरे पेलोड के जरिए लैंडिंग साइट के आसपास चंद्रमा की धूल और चट्टानों की मौलिक संरचना का पता लगाया जाएगा। इन दोनों अध्ययनों के जरिए चंद्रमा से जुड़े तमाम रहस्यों का खुलासा होने की उम्मीद जताई जा रही है।