×

Chandrayaan-3 पर इसरो का बड़ा अपडेट, प्रज्ञान रोवर ने की सल्फर के मौजूदगी की पुष्टि

Chandrayaan -3 Update: अंतरिक्ष एजेंसी (ISRO) ने कहा कि अंतरिक्ष यान के प्रज्ञान रोवर पर लगे एक अन्य उपकरण अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (एपीएक्सएस) ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव (South Pole) पर सल्फर की मौजूदगी की पुष्टि की है।

Durgesh Bhatt
Published on: 31 Aug 2023 4:21 PM IST
Chandrayaan-3 पर इसरो का बड़ा अपडेट, प्रज्ञान रोवर ने की सल्फर के मौजूदगी की पुष्टि
X
(Pic: ISRO Image)

Chandrayaan-3 Update: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार को चंद्र मिशन चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के संबंध में एक और अपडेट साझा किया। अंतरिक्ष एजेंसी (ISRO) ने कहा कि अंतरिक्ष यान के प्रज्ञान रोवर पर लगे एक अन्य उपकरण अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (एपीएक्सएस) ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव (South Pole) पर सल्फर की मौजूदगी की पुष्टि की है। उपकरण ने क्षेत्र में सल्फर सहित अन्य छोटे तत्वों का भी पता लगाया। इसने एल्युमीनियम, सिलिकॉन, कैल्शियम और आयरन जैसे प्रमुख तत्वों की भी खोज की। मंगलवार को सल्फर की मौजूदगी की पुष्टि प्रज्ञान रोवर (Pragyan Rover) के लेजर-प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (एलआईबीएस) उपकरण द्वारा भी की गई थी।

इसरो ने शेयर किया वीडियों

इसरो ने रोवर की गतिविधियों का एक वीडियो शेयर किया और लिखा "वीडियो में एक स्वचालित यंत्र दिखाया गया है जो 18 सेमी लंबे एपीएक्सएस को घुमाता है, जो डिटेक्टर हेड को चंद्र सतह के करीब 5 सेमी की दूरी पर अलॉइन करता है। पीआरएल, अहमदाबाद ने एपीएक्सएस सिस्टम को विकसित किया है।

अहमदाबाद की भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पीआरएल) द्वारा विकसित अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (एपीएक्सएस) उपकरण, चंद्रमा जैसे कम वातावरण वाले ग्रहों की सतह पर मिट्टी और चट्टानों की मौलिक संरचना के इन-सीटू विश्लेषण के लिए सबसे उपयुक्त है। उपकरण में रेडियोधर्मी स्रोत होते हैं जो सतह के नमूने पर अल्फा कण और एक्स-रे उत्सर्जित करते हैं। एपीएक्सएस उपकरण अहमदाबाद के भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पीआरएल) द्वारा अहमदाबाद में स्पेस एप्लिकेशन सेंटर (एसएसी) के सहयोग से विकसित किया गया है। बेंगलुरु के यूआर राव सैटेलाइट सेंटर (यूआरएससी) ने उपकरण का परिनियोजन केंद्र बनाया है।

इतना ही नहीं, इसरो ने सुरक्षित मार्ग खोजने के लिए चंद्रमा की सतह पर घूमते हुए प्रज्ञान रोवर का एक और वीडियो भी साझा किया। रविवार को रोवर को अपने रास्ते में चार मीटर चौड़े गड्ढे का भी सामना करना पड़ा। इसके बाद नए रास्ते पर आगे बढ़ने का आदेश दिया गया। रोवर द्वारा छोड़े गए ट्रैक को उसके नेविगेशन कैमरे द्वारा कैप्चर किया गया था। अगले सप्ताह एक चंद्र दिवस समाप्त होने से पहले रोवर को कई वैज्ञानिक प्रयोग पूरे करने होंगे। चंद्रयान-3 ने 23 अगस्त को तब इतिहास रचा, जब इसका प्रज्ञान रोवर विक्रम लैंडर (Vikram Lander) के साथ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर आसानी से उतर गया।

Durgesh Bhatt

Durgesh Bhatt

Next Story