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थर-थर कांपे नक्सली: पुलिस के सामने गैंग का सरेंडर, 3 थे लखटकिया इनामी
छत्तीसगढ़ का दंतेवाड़ा जिला नक्सलियों का गढ़ होने के बावजूद यहां पुलिस की अपील काम कर रही है। एक बार फिर बुधवार 10 फरवरी को दंतेवाड़ा में 13 कुख्यात नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया। इनमें से तीन वो नक्सल थे जिनपर पहले से ही एक एक लाख का इनाम था।
रायपुर: छत्तीसगढ़ का दंतेवाड़ा जिला नक्सलियों का गढ़ होने के बावजूद यहां पुलिस की अपील काम कर रही है। एक बार फिर बुधवार 10 फरवरी को दंतेवाड़ा में 13 कुख्यात नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया। इनमें से तीन वो नक्सल थे जिनपर पहले से ही एक एक लाख का इनाम था। इन नक्सलियों में 11 पुरुष और दो महिलाएं भी शामिल थी जिन्होंने दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
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सफल हो रहा पुलिस का ये अभियान
दरअसल, छत्तीसगढ़ में पुलिस नक्सलियों की घर वापसी के लिए 'लोन वर्राटू' अभियान चला रही है, जिसके तहत लगातार नक्सली सरेंडर कर रहे हैं। दंतेवाड़ा एसपी ने कहा कि नक्सलियों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए स्पेशल अभियान चलाया जा रहा है। उसके अच्छे परिणाम दिखने लगे हैं। यहीं वजह है कि लगातार नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं। सरेंडर करने वाले नक्सलियों ने हत्या, हत्या की कोशिश, पुलिस पर हमला और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज है।
8 महीने में 310 नक्सलियों ने किया सरेंडर
दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि नक्सलियों की घर वापसी के लिए जून 2020 में लोन वर्राटू कैंपेन लॉन्च किया गया था। जिसके तहत पिछले 8 महीने में 310 नक्सलियों ने सरेंडर किया है, जिसमें 77 नक्सली इनामी थे। एसपी ने बताया कि सरेंडर करने वाले नक्सलियों को प्रशासन की तरफ से 10-10 हजार रुपये तुरंत दिए जाते हैं।
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दरअसल, छत्तीसगढ़ का दंतेवाड़ा जिला नक्सलियों का गढ़ है। नक्सली गतिविधि को रोकने के लिए सुरक्षा बल के जवान लगातार इन इलाकों में अभियान चला रहे हैं। एसपी ने कहा कि हमारा संकल्प है कि इस जिले को हम नक्सल मुक्त बनाएं। इसके तहत सरेंडर करने वाले नक्सलियों को उनका मनचाहा रोजगार दिया जाएगा। वहीं, इस अभियान के तहत अंदरूनी ग्रामीण इलाकों और इनामी नक्सलियों के गांवों में उनके पोस्टर लगाकर सरेंडर करने की अपील की जाती है।