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शेल्टर होम कांड फिर सेः सेक्स रैकेट का खुलासा, छत्तीसगढ़ की महिलाओं से हैवानियत

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के एक सरकारी शेल्टर होम में सेक्स रैकेट का मामला सामने आया है। यहां महिलाओं को बंदी बनाकर उनके साथ बलात्कार और अत्याचार किया जा रहा था। पीड़ित महिलाओं ने 'उज्वला होम' में सेक्स रैकेट चलाए जाने का गंभीर आरोप लगाया है।

Ashiki
Published on: 21 Jan 2021 10:29 AM IST
शेल्टर होम कांड फिर सेः सेक्स रैकेट का खुलासा, छत्तीसगढ़ की महिलाओं से हैवानियत
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शेल्टर होम कांड फिर सेः सेक्स रैकेट का खुलासा, छत्तीसगढ़ की महिलाओं से हैवानियत

रायपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के एक सरकारी शेल्टर होम में सेक्स रैकेट का मामला सामने आया है। यहां महिलाओं को बंदी बनाकर उनके साथ बलात्कार और अत्याचार किया जा रहा था। पीड़ित महिलाओं ने 'उज्वला होम' में सेक्स रैकेट चलाए जाने का गंभीर आरोप लगाया है। साथ ही पीड़ितों ने बताया कि इसमें पुलिस की भी मिली भगत है।

जानकारी के मुताबिक, महिलाओं का कहना है कि पुलिस की मिली भगत होने के कारण एफआईआर भी दर्ज नहीं की गयी है। पीड़ित महिलाओं ने बताया कि उनके साथ शेल्टर होम में रेप किया गया। शिकायत की बात सामने आने पर संचालक ने जान से मारने की धमकी भी दी है। यहां आश्रय देने के नाम पर लड़कियों का शोषण किया जाता है।

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सेवा की आड़ में सैक्स रैकेट का कारोबार

दरअसल, छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर में पीड़ित और शोषित महिलाओं को आसरा देने के लिए 'उज्वला होम' की स्थापना की गई थी, लेकिन यहां आसरा देने की आड़ में शेल्टर होम रह रही महिलाओं के साथ अत्याचार होने लगा। किसी तरह यहां से आजाद हुई तीन लड़कियों ने जानकारी दी कि उन पर अनावश्यक रूप से दबाव डालकर सेक्स करने के लिए मजबूर किया जाता था। उन्होंने बताया कि सेन्टर में गाली गलौच और हिंसक व्यवहार तो आम बात थी।

पीड़ित महिलाओं की आपबीती

इस पूरे मामले में जब महिलाओं ने हिम्मत कर पुलिस में शिकायत दर्ज करानी चाही तो पुलिस ने शिकायत लिखने से भी मना कर दिया। जानकारी के मुताबिक लड़कियों द्वारा बताए जाने पर भी पुलिस दैहिक शोषण की बजाय सिर्फ मारपीट व दुर्व्यहार का मामला ही दर्ज कर रही है। आखिरकार पूरा मामला मीडिया में आया और पुलिस प्रशासन पर दबाव बना तो इस पर शिकायत दर्ज कर ली गई है। हालांकि ये भी बताया जा रहा है कि जांच की रफ्तार भी बेहद धीमी है।

पुलिस की भूमिका पर सवाल

पीड़ितों में एक लड़की ने बताया कि 2 महीने तक उज्जवला होम में रही। पहुंचने के चौथे दिन ही संस्था संचालक ने गलत हरकत किया। जब मैंने पुलिस में शिकायत की बता कही तो उसने कहा कि कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। इसके बाद उसने टॉर्चर करना शुरू कर दिया। इस बीच मेरे साथी के पति आए। उन्हीं की वजह से हम बाहर निकलने में कामयाब हुए हैं। जब हम थाना रिपोर्ट लिखाने गए तो वहां भी एक महिला पुलिस वाली ने हमारे बयान को बदल दिया।

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जब उज्जवला होम का सेक्स रैकेट सुर्खियों में आया तो पुलिस हरकत में आयी। महिला बाल विकास विभाग ने भी मामले को संज्ञान में लिया। एडिश्नल एसपी उमेश कश्यप ने कहा कि मामला काफी गंभीर है। सरकंडा के राजकिशोर नगर स्थित उज्जवला होम्स में कई युवतियां रहती हैं। सेन्टर से जुड़ी कई गंभीर शिकायतें थाने में दर्ज हुई हैं। पुलिस पूरे मामले में गंभीरता से जांच कर रही है।

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