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मुर्गों को हार्ट अटैक: बर्ड फ्लू से डरे पक्षी, चिकन बैन के बाद मौत की नई वजह

देश के 8 राज्यों में चिकन पर बैन लगा दिया गया है। इसका असर जितना कारोबार पर पड़ा उससे ज्यादा चिकन के तौर पर खाए जाने वाले ब्रायलर मुर्गे-मुर्गियों पर पड़ा।

Shivani Awasthi
Published on: 13 Jan 2021 12:12 PM IST
मुर्गों को हार्ट अटैक: बर्ड फ्लू से डरे पक्षी, चिकन बैन के बाद मौत की नई वजह
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नई दिल्ली. भारत बर्ड फ्लू का कहर झेल रहा है। देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद सैंकड़ों हजारों पक्षियों की मौत हो चुकी है। कुछ पक्षी बर्ड फ्लू की चपेट में आकर मर गए तो वहीं इस वायरस को रोकने के लिए सरकार ने एहतियातन पोल्ट्री फ़ार्म के सैकड़ों मुर्गे मुर्गियों को मारकर दफनाने के आदेश दिए। हालाँकि अब पोल्ट्री फार्म में मुर्गों की मौत की नई वजह सामने आ रही है।

बर्ड फ्लू की वजह से 8 राज्यों में चिकन बैन

दरअसल, बर्ड फ्लू की वजह से पोल्ट्री फ़ार्म कारोबारी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। देश के 8 राज्यों में चिकन पर बैन लगा दिया गया है। इसका असर जितना कारोबार पर पड़ा उससे ज्यादा चिकन के तौर पर खाए जाने वाले ब्रायलर मुर्गे-मुर्गियों पर पड़ा। बताया जा रहा है कि चिकन बैन के कारण मुर्गे-मुर्गियों की हार्ट अटैक से मौत हो रही है।

Bird flu

पोल्ट्री फ़ार्म में हार्ट अटैक से मर रहे मुर्गे-मुर्गियां

बर्ड फ्लू के अलावा मुर्गे-मुर्गी की मौत की एक वजह हार्ट अटैक बन गयी है, जो उनके वजन के कारण बढ़ रही है। जानकारी के मुताबिक, 2.5 किलो वजनी मुर्गे को कई तरह की परेशानी होने लगती हैं। ऐसे में जब चिकन पर बैन लगा तो मुर्गो की बाज़ार में बिक्री बंद हो गई और पोल्ट्री फार्म में दाना खा-खाकर उसका वजन बढ़ रहा है।

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बिक्री न होने से पोल्ट्री में ब्रायलर ब्रीड मुर्गे हुए ओवर वेट

एक पोल्ट्री फार्म के मालिक के मुताबिक, ब्रायलर ब्रीड का मुर्गा या मुर्गी 15 दिन की उम्र में 500 से 600 ग्राम वजन का होता है। वहीं 30 दिन में उसका वजह करीब 1.25 किलो का हो जाता है। इसके बाद इस ब्रीड के मुर्गे -मुर्गियों की खुराक बढ़ जाती है और ज्यादा दाने चुगने से उनका वजन बढ़ने लगता है। मात्र 5 दिन में यानि 35 दिनों के भीतर मुर्गे मुर्गियों का वजन 2 किलो तक पहुँच जाता है। अगर मुर्गा तब तक न बिका तो 40 दिन की उम्र में उसका वजह 2.5 किलो तक होने से बड़ी समस्याएं आने लगती हैं।

ओवर वेट मुर्गे शारिरीक कमजोर, पोल्ट्री फार्म में मर रहे बीमारी से

वैसे तो बाजारों में ढाई किलो तक के वजनी मुर्गों की डिमांड रहती है लेकिन उसके बाद ज्यादा वजन के मुर्गे -मुर्गियों की बिक्री ज्यादा नहीं होती। वहीं ओवर वेट मुर्गो को शारीरिक समस्याएं आने लगती हैं। वे ठीक से चल नहीं पाते और ऐसे में दाना पानी नहीं खा-पी पाते। एक जगह पड़े रहते हैं और फिर मर जाते हैं। मरने की वजह हार्ड अटैक होती है। चिकेन बैन होने से अब मुर्गे इसी समस्या से जूझ रहे हैं।

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