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चिदंबरम हार्ड या CBI! आज दोपहर होगा कोर्ट में इनका फैसला
सीबीआई जांच के दौरान लगातार नये नये तथ्य सामने आये है, साथ ही सीबीआई चिदंबरम के द्वारा दिये गये जवाबों से पूरी तरह संतुष्ट नहीं है, सीबीआई की कोशिश रहेगी कि जांच के दौरान जो नये तथ्य सामने आये है उनको कोर्ट में पेश करके चिदंबरम की कस्टडी को बढ़ाया जाये।
नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। बता दें कि आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ्तार चिदंबरम की सीबीआई हिरासत आज खत्म हो रही है। उन्हें दोपहर 2 बजे के बाद राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया जाएगा।
सीबीआई संतुष्ट नहीं...
सीबीआई जांच के दौरान लगातार नये नये तथ्य सामने आये है, साथ ही सीबीआई चिदंबरम के द्वारा दिये गये जवाबों से पूरी तरह संतुष्ट नहीं है, सीबीआई की कोशिश रहेगी कि जांच के दौरान जो नये तथ्य सामने आये है उनको कोर्ट में पेश करके चिदंबरम की कस्टडी को बढ़ाया जाये।
21 अगस्त को गिरफ्तार हुए थे चिदंबरम...
सीबीआई की दलील रहेगी कि जांच के दौरान जो तथ्य सामने आये हैं, उन्ही के आधार पर और जांच में सहयगो ना करने के कारण उनकी कस्टडी बढ़ाई जाए। बताते चलें कि चिदंबरम 8 दिनों से सीबीआई हिरासत में है। चिदंबरम को सीबीआई ने जोरबाग स्थित उनके आवास से 21 अगस्त की रात गिरफ्तार किया था। उन्हें 22 अगस्त को कोर्ट में पेश किया गया, जिसने उन्हें चार दिनों की सीबीआई हिरासत में सौंप दिया था। 26 अगस्त को कोर्ट ने सीबीआई हिरासत की अवधि चार और दिन के लिये बढ़ा दी थी।
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INX मीडिया मामला...
वहीं इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जो दस्तावेज़ इकठ्ठा हैं, दस्तावेज़ के मुताबिक इस मामले में रिश्वत की रकम के सीधे तार चिदंबरम से जुड़े हैं। ये भी बताया जा रहा है कि ईडी के ये दस्तावेज़ सीबीआई ने मंगाए थे।
सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई को भेजे ईडी के दस्तावेजों में लिखा है कि जिस कंपनी को रिश्वत की रकम भेजी गई थी, उसी कंपनी ने चिदंबरम के ट्रस्ट को लाखों रुपए दान दिए थे. दस्तावेज़ों के मुताबिक, नार्थस्टार कंपनी ने पलानीएप्पा चेटियर ट्रस्ट को 33.05 लाख रुपए की रकम डोनेशन में दी थी. ट्रस्ट का पूरा नाम L. Ct. L. Palaniappa Chettiar Trust बताया गया है।
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यह है पूरा मामला...
पूरा मामला चिदंबरम के वित्त मंत्री कार्यकाल का है, इस दौरान सीबीआई ने 15 मई 2017 को 2007 में आईएनएक्स मीडिया समूह को एफआईपीबी की मंजूरी दिलाने में बरती गई कथित अनियमितताओं को लेकर एफआईआर दर्ज की थी। यह मंजूरी 305 करोड़ रुपये का विदेशी धन प्राप्त करने के लिए दी गई थी। इसके बाद, ईडी ने भी 2017 में इस सिलसिले में मनी लॉन्ड्रिंग का एक मामला दर्ज किया था।