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चीनी हैकर्स का हमला: भारत पर मंडरा रहा बड़ा खतरा, मुंबई में दिखाया था ट्रेलर
चीन के सायबर अटैकर्स का निशाना अब भारत के पॉवर सप्लाई पर है। इस बारे में सामने आई एक रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि सरकार द्वारा चलाए जा रहे कम से कम 12 संस्थान चीनी हैकर्स के निशाने पर थे।
नई दिल्ली। चीन के सायबर अटैकर्स का निशाना अब भारत के पॉवर सप्लाई पर है। इस बारे में सामने आई एक रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि सरकार द्वारा चलाए जा रहे कम से कम 12 संस्थान चीनी हैकर्स के निशाने पर थे। जिनमें से मुख्य रूप से पॉवर यूटिलिटी और उनके लोड डिस्पैच सेंटर्स शामिल हैं। ऐसे में साल 2020 के बीच में चीनी सरकार के समर्थन वाले कुछ समूहों ने मालवेयर इंजेक्ट करने की कोशिश की थी। इसी कड़ी में चीनी हैकर्स की कोशिश ये थी कि वह भारत में बड़ा पावर कट कर सकें।
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12 संगठन महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर
चीन के सायबर अटैकर्स को लेकर रिकॉर्डेड फ्यूचर की एक स्टडी के मुताबिक, एनटीपीसी लिमिटेड पांच रीजनल लोड डिस्पैच सेंटर्स और दो बंदरगाहों पर हैकर्स ने हमला किया था। भारतीय राष्ट्रीय महत्वपूर्ण सूचना इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर (NCIIPC) की परिभाषा के अनुसार, सभी 12 संगठन महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर हैं।
ऐसे में रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ सीमा पर गतिरोध पैदा करने वाले भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच मई 2020 की झड़पों से पहले इसकी कोशिश शुरू हो गई थी। बीते साल 'भारत के बिजली क्षेत्र का एक बड़े संस्थान' को निशाना बनाने के लिए चीनी संगठनों ने एक विशेष सॉफ्टवेयर का खूब इस्तेमाल किया।
फोटो-सोशल मीडिया
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चीन की मुख्य खुफिया और सुरक्षा एजेंसी
आगे इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हैकर्स के कुछ समूह राज्य सुरक्षा मंत्रालय (MSS), या चीन की मुख्य खुफिया और सुरक्षा एजेंसी, और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) से भी जु़ड़े हुए हैं। वहीं रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि बिजली क्षेत्र के अलावा, कई सरकारी और रक्षा संगठन भी रडार पर थे।
लेकिन इस रिपोर्ट में मैलवेयर की वजह से हुई किसी गड़बड़ी का जिक्र नहीं किया गया था। इसने 13 अक्टूबर, 2020 को मुंबई में बड़े पैमाने पर ब्लैकआउट की का जिक्र है। जोकि कथित तौर पर पडघा के एक स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर में मैलवेयर इंसर्शन के कारण हुआ था।
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