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चीन फड़फड़ायाः मंडराए फाइटर, सेना हर स्थिति के लिए तैयार

एलएसी के पास तनाव दोनों देशों के बीच बने सीमा विवाद को हल करने के लिए शनिवार को एक अहम बैठक होने वाली है। लेकिन इस बैठक से पहले चीन भारत को डराने की कोशिश में जुटा है।

Shreya
Published on: 5 Jun 2020 6:44 AM GMT
चीन फड़फड़ायाः मंडराए फाइटर, सेना हर स्थिति के लिए तैयार
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नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच बीते एक महीने से लद्दाख के पास लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पास तनाव की स्थिति बनी हुई है। दोनों देशों के बीच विवाद को हल करने के लिए शनिवार को एक अहम बैठक होने वाली है। लेकिन इस बैठक से पहले चीन भारत को डराने की कोशिश में जुटा है।

चीन ने बढ़ाई लड़ाकू विमानों की हलचल

बताया जाता है कि चीन ने अक्साई चिन के इलाके में अपने फाइटर जेट की हलचल बढ़ा दी है। वहीं भारतीय सेना ने भी चीन की हर हरकत पर नजर रखी हुई है। मामले के गंभीरता के मद्देनजर वायुसेना को अलर्ट पर रखा गया है।

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चीनी वायुसेना ने युद्धाभ्यास किया तेज

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने एलएसी पर बने तनाव के बाद अपने लड़ाकू विमानों की हलचल बढ़ा दी है। भारतीय वायुसेना चीन की सभी गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है। जानकारी के मुताबिक, चीनी वायुसेना ने सीमा पर युद्ध अभ्यास तेज कर दिया है और सीमा पर अपने लड़ाकू विमानों की हलचल बढ़ा दी है।

भारतीय वायुसेना अलर्ट मोड पर

बताया जा रहा है कि चीन का कोई भी लड़ाकू विमान अब तक सीमा पर दस किलोमीटर के नो फ्लाई ( No fly) के दायरे में नहीं आया है। इसके बावजूद भी भारतीय वायुसेना अलर्ट मोड पर है और लगातार चीन की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है।

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दोनों सेना सैन्य अड्डों पर बढ़ा रही युद्ध क्षमता

पूर्वी लद्दाख के विवादित क्षेत्र के पास स्थित अपने सैन्य अड्डों पर दोनों देशी की तरफ से भारी उपकरण, तोप व युद्धक वाहनों समेत हथियार प्रणालियों को पहुंचाया जा रहा है। दोनों देश की सेनाएं अपनी युद्धक क्षमता को बढ़ाने में जुटे हुए हैं। वो भी उस वक्त जब दोनों देश सैन्य व कूटनीतिक स्तर पर बातचीत के माध्यम से इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।

भारतीय वायुसेना लद्दाख में बेहतर स्थिति में

बता दें कि लद्दाख में भारतीय वायुसेना काफी बेहतर स्थिति में है। क्योंकि शॉर्ट नोटिस पर भी श्रीनगर और चंडीगढ़ एयरबेस से वायुसेना के लड़ाकू विमानों में ईंधन और हथियारों की सप्लाई की जा सकती है। वहीं दूसरी ओर चीन के एयर बेस बेहद ऊंचाई पर स्थित होने की वजह से चीन की वायुसेना को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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