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गलवान जैसी झड़प का था चीन का इरादा, रॉड और भाला लेकर की थी घुसपैठ
चीन के करीब 50 सैनिक रेजांग ला के उत्तर में स्थित मुखपारी चोटी के पास काफी आक्रामक तरीके से आगे बढ़े थे। वे रेनजांग ला और मुखपारी चोटी के इलाकों से भारतीय सैनिकों को हटाना चाहते थे।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच चल रहे सैन्य विवाद में तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। चीनी सेनाओं को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सेना की ओर से मुस्तैदी बढ़ा दी गई है। इस बीच खुलासा हुआ है कि रेजांग ला इलाके में चीनी सैनिक खतरनाक साजिश को अंजाम देना चाहते थे। उनकी योजना गलवान में हुई हिंसक झड़प जैसी घटना को अंजाम देने की थी मगर भारतीय सेना ने चीनी मंसूबों को पूरी तरह नाकाम कर दिया। रेजांग ला इलाके में घुसपैठ करने वाले चीनी सैनिकों की तस्वीरें इस बात की तस्दीक करती हैं कि चीनी सेना का मंसूबा काफी खतरनाक था।
धारदार हथियारों से लैस थे चीनी सैनिक
सूत्रों का कहना है कि चीन के करीब 50 सैनिक रेजांग ला के उत्तर में स्थित मुखपारी चोटी के पास काफी आक्रामक तरीके से आगे बढ़े थे। वे रेनजांग ला और मुखपारी चोटी के इलाकों से भारतीय सैनिकों को हटाना चाहते थे। चीनी सैनिकों के मंसूबों को इस बात से ही समझा जा सकता है कि ये सैनिक रॉड, भाला और धारदार हथियारों से लैस थे और उनका मंसूबा गलवान जैसी हिंसक झड़प को अंजाम देना था।
घटना के बाद चीन की बेशर्मी
भारतीय सेना की ओर से दिए गए मुंहतोड़ जवाब के बाद चीनी सैनिक वापस अपने कदम खींचने को मजबूर हो गए मगर इसके बाद चीन ने बेशर्मी दिखाते हुए भारतीय जवानों पर ही एलएसी का उल्लंघन करने का आरोप मढ़ दिया। चीन ने आरोप लगाया है कि भारतीय जवानों ने सीमा पार करके चीनी सेना पर हमले का प्रयास किया। चीन के इन आरोपों को का जवाब भारतीय सेना की ओर से दिया गया है।
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भारतीय सेना की ओर से जारी बयान में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि हम क्षेत्र में शांति और स्थिरता स्थापित करने में जुटे हुए हैं मगर इसके साथ ही हम राष्ट्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने के लिए भी पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।
पूरी दुनिया को गुमराह कर रहा चीन
भारतीय सेना की ओर से स्पष्ट किया गया है कि चीन अपने नागरिकों के साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी लोगों को गुमराह करने की कोशिश में जुटा हुआ है। सेना की ओर से एलएसी पर चीन की उत्तेजक गतिविधियों का खुलासा भी किया गया है।
सेना ने स्पष्ट किया है कि भारतीय जवानों ने न तो एलएसी लांघी और न ही किसी आक्रामक साधनों का सहारा लिया। सेना ने कहा कि हम एलएसी पर पैदा हुए विवाद के शांतिपूर्ण समाधान और सेनाओं को पीछे हटाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
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सेना ने किया चीन को बेनकाब
आर्मी ने चीन को बेनकाब करते हुए कहा है कि 7 सितंबर को हुई घटना के दौरान चीनी सैनिकों ने एलएसी पर हमारे फॉरवर्ड पोजिशन के करीब पहुंचकर आक्रामकता दिखाने की कोशिश की। रोके जाने पर चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों को उकसाने के लिए फायरिंग की।
सेना की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी दोनों देशों के बीच हुए समझौतों का उल्लंघन करने में जुटी हुई है। चीन दोनों देशों के बीच हुई वार्ताओं में बनी सहमति का भी उल्लंघन कर रहा है।
जून में हुई थी गलवान में झड़प
दोनों देश की सेनाओं के बीच गलवान घाटी में 14 और 15 जून की रात हिंसक झड़प हुई थी जिसमें भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। भारतीय सेना की ओर से भी चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया गया था और उसके भी कई सैनिक मारे गए थे।
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हालांकि अभी तक चीन की ओर से मारे गए सैनिकों के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है मगर अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि इस हिंसक झड़प के दौरान चीन के करीब 35 सैनिक मारे गए थे। इस घटना के बाद भी चीन झूठ बोलने की अपनी पुरानी आदत से बाज नहीं आया था और उसने भारतीय जवानों को ही घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया था।
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