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चीन का तगड़ा निवेश: भारतीय कंपनियों में 7500 करोड़ रुपये, सरकार ने दी जानकारी
देश की 1,600 से भी अधिक भारतीय कंपनियों को अप्रैल 2016 से मार्च 2020 के दौरान चीन से एक अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त हुआ। सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
नई दिल्ली: एक तरफ भारत और चीन के बीच सीमा तनाव के कारण केंद्र सरकार चीन के सामन पर लगातार प्रतिबन्ध लगा रही है। तो वहीं दूसरी तरफ देश की 1,600 से भी अधिक भारतीय कंपनियों को अप्रैल 2016 से मार्च 2020 के दौरान चीन से एक अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त हुआ। सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
भारत की स्टार्ट-अप कंपनियों में चीनी एजेंसियों द्वारा बड़े पैमाने पर निवेश
बता दें कि यह आंकड़ा मंगलवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दिया गया। सरकार से प्रश्न किया गया था कि क्या यह तथ्य है कि भारतीय कंपनियों, विशेष रूप से स्टार्ट-अप में चीनी एजेंसियों द्वारा बड़े पैमाने पर निवेश किया गया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 1,600 से अधिक कंपनियों ने अप्रैल 2016 से मार्च 2020 की अवधि के दौरान चीन से 102 करोड़ 2.5 लाख डॉलर (1.02 अरब डॉलर) का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त किया।
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10 करोड़ डॉलर से अधिक का एफडीआई प्राप्त
जवाब में यह भी बताया गया कि ये कंपनियां 46 क्षेत्रों में थीं। इनमें से ऑटोमोबाइल उद्योग, पुस्तकों की छपाई (लिथो प्रिंटिंग उद्योग सहित), इलेक्ट्रॉनिक्स, सेवाओं और बिजली के उपकरणों की कंपनियों ने इस अवधि के दौरान चीन से 10 करोड़ डॉलर से अधिक का एफडीआई प्राप्त किया। आंकड़ों से पता चलता है कि ऑटोमोबाइल उद्योग ने चीन से अधिकतम 17.2 करोड़ डॉलर का एफडीआई प्राप्त किया।
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सेवा क्षेत्र ने 13 करोड़ 96.5 लाख डॉलर का एफडीआई प्राप्त किया
सेवा क्षेत्र ने 13 करोड़ 96.5 लाख डॉलर का एफडीआई प्राप्त किया। निगमित मामलों के राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने लिखित जवाब में कहा कि कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय चीनी एजेंसियों द्वारा किए गए निवेश के बारे में जानकारी नहीं रखता है।