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चीन बनना चाहता है ये देश, राष्ट्रपति ने उठाया बड़ा कदम, बदलेगा पूरा भविष्य

तुर्की भी अब ड्रैगन की ही तरह अपने नागरिकों पर चौबीस घंटे निगरानी रखने की योजना तैयार कर रहा है। केवल यही नहीं वह मजहबी नेता गुलेन के समर्थकों और अपने विरोधियों और का सफाया करने में भी जुटा हुआ है।

Shreya
Published on: 22 Sep 2020 6:12 AM GMT
चीन बनना चाहता है ये देश, राष्ट्रपति ने उठाया बड़ा कदम, बदलेगा पूरा भविष्य
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तुर्की अपने नागरिकों पर रखेगा 24 घंटे नजर, समर्थकों का भी करेगा सफाया

अंकारा: अब तुर्की ने भी चीन की राह पकड़ ली है। तुर्की भी अब ड्रैगन की ही तरह अपने नागरिकों पर चौबीस घंटे निगरानी रखेगा। केवल यही नहीं वह मजहबी नेता गुलेन के समर्थकों और अपने विरोधियों और का सफाया करने की भी योजना बना रहा है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान ऐसा आजीवन बने रहने के लिए कर रहे हैं। वो भी शी जिनपिंग की तरह हमेशा राष्ट्रपति के पद पर बने रहना चाहते हैं।

तुर्की में दबदबा बढ़ाना चाहते हैं एर्दोगन

बता दें कि जब से राष्ट्रपति एर्दोगन सत्ता में आए हैं, तब से ही वो और उनकी पार्टी देश में धीरे-धीरे तानाशाही और दुनियाभर में इस्लामिक देशों का नेता बनने की दिशा में काम कर रही है। तुर्की में उनका दबदबा और बढ़ाने और इस्लामी दुनिया में भी अपनी हैसियत बढ़ाने के मकसद से एर्दोगन एक के बाद एक कई फैसले ले रहे हैं।

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turkey देश के नागरिकों पर अब रखी जाएगी निगरानी (फोटो- सोशल मीडिया)

देश के नागरिकों पर अब रखी जाएगी निगरानी

एर्दोगन ने देश पर अपना नियंत्रण और बढ़ाने के लिए Presidential Directorate for Integrated Surveillance की योजना तैयार की है। यह एजेंसी देश के सभी नागरिकों के मोबाइल फोन और सोशल मीडिया के माध्यम से उनके डेली एक्टिविटी पर निगरानी करेगी। ऐसा करके तुर्की चीन के बाद अपनी जनता पर कड़ी निगरानी रखने वाला दूसरा देश बन जाएगा।

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Erdogan गुलेन समर्थकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश (फोटो- सोशल मीडिया)

गुलेन समर्थकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश

तुर्की अपने विरोधियों का भी सफाया करने में जुटा हुआ है। तुर्की मीडिया के मुताबिक, रेसेप तैयप एर्दोगन ने कानून लागू करने वाली एजेंसियों को आदेश दिया है कि वे गुलेन समर्थकों का पता लगाकर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। यह अभियान 15 सितंबर से शुरू भी हो चुका है। वहीं इस अभियान के तहत अब तक 66 तुर्की सैनिक पकड़े जा चुके। ये वहीं सैनिक हैं, जिन्होंने गुलेन समर्थकों के खिलाफ हो रही कार्रवाई पर उनके साथ सहानुभूति जताई थी।

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FETO से जुड़े लोग हुए गिरफ्तार

इसके अलावा फेतुल्ला टेररिस्ट ऑर्गेनाइजेशन (FETO) से कथित रूप से जुड़े 79 लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने एफईटीओ से जुड़े होने के आरोप में अंकारा से लगभग 12 कॉलेज टीचर्स को भी अरेस्ट किया है। आरोप है कि ये मोबाइल एप के जरिए एक-दूसरे से जुड़े थे और गुलेन की विचारधार का प्रचार करने में शामिल थे। तुर्की एजेसिंया FETO के अन्य सदस्यों की भी तलाश कर ही हैं। इस अभियान में पुलिस 47 और लोगों की भी तलाश कर रही है और इनकी खोज में छापेमारी कर रही है।

एर्दोगन की पार्टी ऐसा मानती है कि उनकी सरकार के साथ गठबंधन के दौरान गुलेन समर्थकों ने सभी अहम सरकारी संस्थाओं में घुसपैठ कर ली और वहां पर अपने लोगों को जमा दिया। जिसके चलते एर्दोगन इन सब विरोधियों का सफाया करना चाहते हैं।

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