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अरूणाचल प्रदेश में सेना के अभ्यास पर चीन ने जताया एतराज
केंद्र की मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा, आर्टिकल 370 को हटाए लगभग दो महिने का वक्त हो गया है, लेकिन जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की चाहत कम नहीं हो रही है।
नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा, आर्टिकल 370 को हटाए लगभग दो महिने का वक्त हो गया है, लेकिन जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की चाहत कम नहीं हो रही है, प्रतिदिन सीमापार से नई-नई चाल चली जा रही है।
सीमा पर आतंकी साजिश रोकने के लिए भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश में अपना सबसे बड़ा पहाड़ी युद्धाभ्यास 'हिम विजय' आयोजित किया है।
इसी बीच बड़ी खबर आ रही है कि चीन ने इसका विरोध किया है, क्योंकि अरुणाचल प्रदेश के एक बड़े हिस्से को वह दक्षिण तिब्बत का हिस्सा मानता है। आपको बताते चलें कि भारतीय सेना की पूर्वोत्तर राज्य में इस तरह की यह पहली कवायद है।
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आपको बता दें कि, वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से 100 किलो दूर तीन युद्ध समूह (प्रत्येक में 4 हजार सैनिक शामिल हैं) 14 हजार फुट की ऊंचाई पर हो रहे अभ्यास में भाग ले रहे हैं।
25 अक्टूबर को समाप्त हो रहा यह युद्धाभ्यास तवांग के पास अरुणाचल प्रदेश में कई चरणों में किया जा रहा है। यह अभ्यास ऐसे समय में किया जा रहा है, जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग पीएम नरेंद्र मोदी के साथ दूसरी अनौपचारिक बैठक के लिए भारत का दौरा करेंगे। यह बैठक महाबलीपुरम में होने की संभावना है।
जानकारी के अनुसार, चीनी राष्ट्रपति शी की यात्रा की देखरेख करने के लिए यहां आए चीनी उप-विदेश मंत्री लुओ झाओहुई ने 3 अक्टूबर को विदेश सचिव विजय गोखले से मुलाकात के दौरान इस मुद्दे को उठाया।
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आपको बता दें, राष्ट्रपति शी के भारत आने की डेट अभी नहीं बताई गयी है। कश्मीर के मुद्दे पर भारत-चीन संबंधों में तनाव के बीच उनकी यह यात्रा हो रही है। जम्मू एवं कश्मीर के मुद्दे पर बीजिंग ने अपने अच्छे दोस्त पाकिस्तान का पक्ष लेने का फैसला किया है। चाइना के विदेश मंत्री वांग यी ने पिछले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में कश्मीर मुद्दे को भी उठाया था।