TRENDING TAGS :
चीन की खतरनाक साजिशः बातचीत के साथ, बढ़ती जा रही लाल सेना
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने भले लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा की कुछ जगहों पर तनाव कम करने के कदम उठाये हैं लेकिन अब भी वह कई महत्वपूर्ण जगहों पर ख़तरा बना बैठा है।
नई दिल्ली: चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने भले लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा की कुछ जगहों पर तनाव कम करने के कदम उठाये हैं लेकिन अब भी वह कई महत्वपूर्ण जगहों पर ख़तरा बना बैठा है। सूत्र बताते हैं कि चीनी सेना की टुकड़ियाँ पैंगोंग झील के उत्तरी तट पर फिंगर फोर पर जमीं हुईं हैं। इस जमावड़े से चीन को फिंगर 3 से फिंगर 8 तक के इलाके पर सामरिक बढ़त मिल जाती है। चीनी सेना ने तनाव घटाने के नाम पर बस इतना किया है कि वह फिंगर 4 पर दो जगहों से हट गयी है।
ये भी पढ़ें:कोरोना महामारी के दौरान रेडक्रॉस शिविर में 31 यूनिट महादानियो ने किया रक्तदान
हॉट स्प्रिंग्स में भी चीनी सेना
लद्दाख में कोंगका ला के पास स्थित गोग्रा हॉट स्पिंग्स की भी स्थिति कुछ बदली नहीं है। यहाँ चीनी सेना की टुकड़ियाँ घुस आयीं थीं और उनका इरादा कुगरांग नदी तक पहुँच जाना था। इस स्थिति में भी बदलाव नहीं आया है।
कूटनीतिक चाल
चीन अब ये कूटनीतिक चाल चल रहा है जिसमें भारत के निचले स्तर के अधिकारियों से होने वाली रूटीन बातचीत को भी बहुत बढ़ा चढ़ा हर पेश किया जाता है। चीन का मकसद भारत को अतिक्रमणकरी के रूप में पेश करना है।
युद्धक जेट तैनात
रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन ने साल 2017 में डोकलाम विवाद के बाद से ही लद्दाख के पैंगोंग सो से 200 किलोमीटर दूर फाइटर जेट्स तैनात कर दिए थे। डोकलाम का इलाका भूटान बॉर्डर के पास है। इस इलाके में चीन की सेना रोड बना रही थी जिसका भारत ने विरोध किया था। इसके बाद यहां 16 जून से लेकर 28 अगस्त 2017 तक गतिरोध बना रहा। बाद में कई दौर के बातचीत के बाद मसले को सुलझाया गया था। अंग्रेजी अखबार डीएनए ने डिफेंस एक्सपर्ट के हवाले से लिखा है कि चीन के पास तीन अलग-अलग सेक्टर में 14 हवाईअड्डे हैं। हाल ही में यूएस एयरफोर्स चाइना एरोस्पेस स्टडीज़ इंस्टिट्यूट ने एक रिपोर्ट में खुलासा किया था कि चीन ने 36 एयरक्राफ्ट तैनात किए हैं। ये एयरक्राफ्ट शिनजियांग के होटान एयरबेस और नागरी गुनासा में तैनात किए गए हैं।
एयरबेस पर नजर
चीन के तीन एयरबेस भारत के लद्दाख से काफी नजदीक हैं। ये है- होटान, यारकांट और काशगर एयरबेस। युद्द के दौरान चीन इसका इस्तेमाल कर सकता है। भारतीय सीमा के पास सबसे अहम फॉरवर्ड हवाई ठिकाने और हवाई क्षेत्र- होटान, ल्हासा / गोंगगर, नगरी-गुनासा और जिगज़े पर स्थित हैं। यहां से चीन के फाइटर जेट्स भारत के कश्मीर, उत्तरी भारत और उत्तर-पूर्व भारत के ठिकाने को निशाना बना सकते हैं।
ये भी पढ़ें:कोरोना महामारी के दौरान रेडक्रॉस शिविर में 31 यूनिट महादानियो ने किया रक्तदान
चीन की तैयारी
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों और भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्टों से पता चलता है कि चीन ने गलवान और हॉट स्प्रिंग क्षेत्रों में फिंगर 4 में घुसपैठ करने से पहले बहुत तैयारी की थी। चीन ने पहले से ही कुछ क्षेत्रों में आधुनिक तकनीक से लैस हथियार तैनात कर दिए थे।
देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।