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हिल गया चीन: भारत के साथ हुआ ये देश, लगा जोरदार झटका

पूरी दुनिया में कोरोना वायरस महामारी का संक्रमण फैलाने वाले चीन को एक जोरदार झटका लगा है। बीते कई दिनों से चीन ने ताइवान से लेकर हांगकांग और लद्दाख बॉर्डर पर तनातनी का माहौल बना रखा है।

Vidushi Mishra
Published on: 1 Jun 2020 1:37 PM GMT
हिल गया चीन: भारत के साथ हुआ ये देश, लगा जोरदार झटका
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नई दिल्ली: पूरी दुनिया में कोरोना वायरस महामारी का संक्रमण फैलाने वाले चीन को एक जोरदार झटका लगा है। बीते कई दिनों से चीन ने ताइवान से लेकर हांगकांग और लद्दाख बॉर्डर पर तनातनी का माहौल बना रखा है। लेकिन इन हालातों में ऑस्ट्रेलिया भारत के समर्थन में आया है। सोमवार को ऑस्ट्रेलिया के राजदूत बैरी ओ फ्रेल ने चीन पर प्रत्यक्ष रूप से हल्ला बोलते हुए कहा कि कुछ देश अपनी सीमा से बाहर के क्षेत्र में जबर्दस्ती दखल देते हुए अनावश्यक तनाव को बढ़ावा दे रहे हैं, जो कि स्वीकार्य नहीं है।

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ऑस्ट्रेलिया के राजदूत बैरी ओ फ्रेल ने कहा

ऑस्ट्रेलिया के राजदूत बैरी ओ फ्रेल ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र को स्वतंत्र और मुक्त रखना भारत और ऑस्ट्रेलिया की जिम्मेदारी है। उन्होंने ये बातें एक सवाल के जवाब में कहीं।

साथ ही ताइवान से लेकर पूर्वी लद्दाख में चीन ने जो तनाव की स्थिति पैदा की है उस पर बैरी ओ फ्रेल ने कहा कि "भारत और ऑस्टेलिया दोनों लोकतांत्रिक देश हैं।

आगे कहते हुए दोनों देशों में क्रिकेट बहुत लोकप्रिय और दोनों देश इंडो-पैसिफिक रीजन (हिंद-प्रशांत क्षेत्र) को स्वतंत्र और मुक्त रखना चाहते हैं। दोनों देश इस क्षेत्र को मुक्त और स्वतंत्र रखने के लिए बाध्य हैं। जबर्दस्ती दखल देना सही सही नीति नहीं है।

वार्ता के जरिये मुद्दे को सुलझाना चाहिए

चीन पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, "भारत और चीन को द्विपक्षीय वार्ता के जरिये मुद्दे को सुलझाना चाहिए। ऑस्ट्रेलिया या किसी अन्य देश को टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।"

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इसके बाद उन्होंंने भारत और ऑस्ट्रेलिया के मजबूत संबंधो को लेकर कहा कि एक जैसी मानसिकता वाले दो लोकतांत्रिक देशों का मिलकर काम करना बहुत महत्वपूर्ण है। बैरी ओ फ्रेल ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सदस्यता दिए जाने की वकालत की।

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के बीच आगामी 4 जून को पहली वर्चुअल समिट होने वाली है। फिलहाल यह अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है कि यह मीटिंग कितनी देर तक चलेगी।

4 जून को होने वाली वर्चुअल मीटिंग में रक्षा, म्युचुअल लॉजिस्टिक सपोर्ट प्रबंधन और कोरोना महामारी से मिलकर निपटने जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।

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