चीन की उड़ी नींद: आ गया भारत का ये सबसे ताकतवर हथियार, कैसे बचेगा अब

दुनिया को तबाही की कगार पर लाकर खड़े करने वाला चीन अब देश की लद्दाख और कई अन्य सीमाओं पर अपना हस्तक्षेप करने से बाज नहीं आ रहा है। सीमाओं पर कई दिनों से चल रहे विवाद के बीच इंडियन एयरफोर्स ने भी अपनी तैयारी कर ली है।

Vidushi Mishra
Published on: 27 May 2020 8:21 AM GMT
चीन की उड़ी नींद: आ गया भारत का ये सबसे ताकतवर हथियार, कैसे बचेगा अब
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नई दिल्ली। दुनिया को तबाही की कगार पर लाकर खड़े करने वाला चीन अब देश की लद्दाख और कई अन्य सीमाओं पर अपना हस्तक्षेप करने से बाज नहीं आ रहा है। सीमाओं पर कई दिनों से चल रहे विवाद के बीच इंडियन एयरफोर्स ने भी अपनी तैयारी कर ली है। इंडियन एयरफोर्स ने अपनी 18वीं स्क्वॉड्रन को एक्टिव कर दिया है। वायुसेना को ये आदेश एयरफोर्स चीफ एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया ने दिया है। इसके साथ ही उन्होंने तमिलनाडु के कोयम्बटूर के पास सुलूर एयरफोर्स स्टेशन पर स्वदेशी विमान तेजस के इस कार्यक्रम का आयोजन किया।

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दुश्मन से तेज और न डरने वाला

एयरफोर्स चीफ एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया ने 18वीं स्क्वॉड्रन में तैनात फ्लाइंग बुलेट्स हल्के लड़ाकू विमान एलसीए तेजस को सक्रिय रहने के लिए कहा है। बता दें वायुसेना की 18वीं स्क्वॉड्रन का ध्येय वाक्य है तीव्र और निर्भय। मतलब की दुश्मन से तेज और न डरने वाला।

इंडियन एयरफोर्स की ये दूसरी स्क्वाड्रन एलएसी तेजस विमान से लैस है। बता दें, तेजस को उड़ाने वाली वायुसेना की यह दूसरी स्क्वाड्रन है।

भारतीय वायुसेना ने हल्के लड़ाकू विमान तेजस को एचएएल से खरीदा गया है। इसके लिए नवंबर 2016 में भारतीय वायुसेना ने 50,025 करोड़ रुपए में 83 तेजस मार्क-1 ए की खरीदी को मंजूरी दी थी।

इस समझौते पर आखिरी समझौता लगभग 40 हजार करोड़ रुपए में हुआ है। मतलब की पुराने दामों से लगभग 10 हजार करो़ड़ रुपए कम में।

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1 अप्रैल को सुलूर में फिर से शुरू

जानकारी के लिए बता दें कि इंडियन एयरफोर्स स्क्वाड्रन 18 की शुरुआत 1965 को आदर्श वाक्य ‘तीव्र और निर्भय’ के साथ हुई थी। वायुसेना की इस स्क्वाड्रन 15 अप्रैल 2016 से पहले मिग 27 विमान उड़ा रही थी। स्क्वाड्रन को इस साल 1 अप्रैल को सुलूर में फिर से शुरू किया गया था।

साथ ही अगर लड़ाकू विमान तेजस के बारे में बात करें तो ये एक चौथी पीढ़ी का हल्का विमान है। इसकी तुलना अपने जेनरेशन के सभी फाइटर जेट्स में सबसे हल्के विमान के तौर पर होती है।

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विमानों की पहली खेप में फ्रांस

स्क्वाड्रन की कमी से जूझ रही भारतीय वायुसेना को इसी साल 36 रफाल लड़ाकू विमानों की पहली खेप में फ्रांस से मिलने जा रही है। इसी के चलते तेजस की एक नई स्क्वाड्रन का सम्मिलित होना राहत की बात है।

आपकों बता दें, कि बीते कई दिनों से भारत की चीन और नेपाल के साथ तगड़ी तनातनी जारी है। पिछले दिनों लद्दाख में चीन और भारत के सैनिक आमने-सामने आ गए, जिसके बाद से ही बॉर्डर पर जवानों की संख्या बढ़ाई गई है। इन हालातों को देखते हुए ही भारत ने भी अपनी क्षमता को बढ़ाया है।

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