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चीन का घिनौना काम: भारत में डंप कर रहा ये मेडिसिन, ऐसे बना रहा टारगेट

भारत में घरेलू स्तर पर इस्तेमाल होने वाली जरूरी दवा के निर्माण के लिए 90% एक्टिव फार्मास्यूटिकल्स इन्ग्रेंडिएंट्स (API) का आयात चीन से होता है। इतना ही नहीं, भारत में चीन से 98 प्रतिशत सिप्रोफ्लोक्सासिन हाइड्रोक्लोराइड (Ciprofloxacin Hydrochloride) का निर्यात होता है।

SK Gautam
Published on: 18 Jun 2020 1:21 PM GMT
चीन का घिनौना काम: भारत में डंप कर रहा ये मेडिसिन, ऐसे बना रहा टारगेट
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नई दिल्ली: ऐसा लगता है कि चीन, भारत को चारों तरफ से घेरने की अपनी चाल चल रहा है। एक तरफ चीन से फैले कोरोना वायरस से भारत के साथ पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था संकट में है। वहीं दूसरी तरफ भारत चीन सीमा की गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक भीडंत। इस बीच भारत सरकार ने पता किया है कि चीन एक बेहद महत्वपूर्ण दवा को देश में डंप कर रहा है। यह दवा बैक्टीरियल इंफेक्शन को रोकने के लिए बेहद कारगर है। लेकिन अभी चीन इस दवा को भारत के बाजार में डंप कर रहा है ताकि भारतीय दवा उद्योग को भारी नुकसान हो।

भारतीय दवा बाजार में सिप्रोफ्लोक्सासिन हाइड्रोक्लोराइड की मात्रा तेजी से बढ़ी

बता दें कि इस दवा का नाम है सिप्रोफ्लोक्सासिन हाइड्रोक्लोराइड (Ciprofloxacin Hydrochloride)। यह दवा त्वचा, हड्डी, फेफड़े में संक्रमण, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) और कुछ प्रकार के डायरिया को ठीक करने के काम आती है। सरकार ने इस बात की जांच की और पाया कि चीन से आयात होने वाली सिप्रोफ्लोक्सासिन हाइड्रोक्लोराइड (Ciprofloxacin Hydrochloride) की मात्रा तेजी से भारतीय दवा बाजार में बढ़ी है।

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भारत में चीन से 98 प्रतिशत सिप्रोफ्लोक्सासिन हाइड्रोक्लोराइड का निर्यात

भारत में घरेलू स्तर पर इस्तेमाल होने वाली जरूरी दवा के निर्माण के लिए 90% एक्टिव फार्मास्यूटिकल्स इन्ग्रेंडिएंट्स (API) का आयात चीन से होता है। इतना ही नहीं, भारत में चीन से 98 प्रतिशत सिप्रोफ्लोक्सासिन हाइड्रोक्लोराइड (Ciprofloxacin Hydrochloride) का निर्यात होता है। एक दवा एसोसिएशन के अधिकारी ने अंग्रेजी अखबार एचटी को नाम न छापने की शर्त पर बताया कि घरेलू दवा की कीमत चीन की दवा से 3।3 डॉलर प्रति किलोग्राम ज्यादा है। इसकी वजह से यह दवा चीन से मंगाई जाती है, क्योंकि वहां से आई दवा सस्ती पड़ती है।

एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने की तैयारी

डायरेक्टरेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज (DGTR) ने 15 जून को जांच की रिपोर्ट दी। इसमें कहा गया है कि चीन इस दवा की भारत में इतनी ज्यादा डंपिंग कर रहा है कि हमें उसपर अब एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने की तैयारी करनी पड़ रही है। DGTR अगले महीने इस दवा के संबंध में सभी संबंधित संस्थानों, कंपनियों और लोगों से बात करने के बाद एंटी डंपिंग ड्यूटी को लेकर फैसला लेगा।

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डीजीटीआर भारत में डंप की जा रही सभी वस्तुओं की जांच कर रहा है

DGTR देश की वह सरकारी संस्था है जो घरेलू दवा उद्योग को गलत व्यापारिक तरीकों से बचाता है और गलत काम करने वालों को रोकता है। संस्था ने घरेलू दवा कंपनियों और व्यापारियों की शिकायत पर इस साल जनवरी में इस दवा के डंपिंग की जांच करनी शुरू की थी। डीजीटीआर इस समय उन सभी वस्तुओं की जांच कर रहा है जिसे चीन लगातार भारत में डंप कर रहा है। जैसे-जैसे उत्पादों के नाम और मात्रा सामने आती जाएगी, चीन के ऊपर कड़ी व्यापारिक कार्रवाई की जाएगी।

चीन के दो दर्जन से ज्यादा उत्पादों पर पहले भी लग चुकी है एंटी डंपिंग ड्यूटी

आपको बता दें कि डीजीटीआर ने पांच साल पहले भी चीन के दो दर्जन से ज्यादा उत्पादों पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाई थी। जिसमें कैल्क्यूलेटर्स से यूएसबी ड्राइव, स्टील, सोलर सेल्स, विटामिन ई जैसे उत्पाद शामिल थे। इस साल ये ड्यूटी एक्सपायर हो रहे थे।

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मेक इन इंडिया कैंपेन को बढ़ावा देने की लगातार भारत की कोशिश

भारत लगातार चीन के गलत व्यापारिक गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई करता आया है। ताकि देश के घरेलू उत्पाद उद्योग बचे रहें। साथ ही मेक इन इंडिया कैंपेन को बढ़ावा मिल सके।

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