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बड़ा फैसला: इन नागरिकों के लिए बंद हुए होटल-गेस्ट हाउस के दरवाजे

सीमा पर खूनी हिंसा के बाद से पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है। गलवान घाटी में देश के 20 जवानों को खोने का आक्रोश पूरे देश में है।

Vidushi Mishra
Published on: 25 Jun 2020 6:58 AM GMT
बड़ा फैसला: इन नागरिकों के लिए बंद हुए होटल-गेस्ट हाउस के दरवाजे
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नई दिल्ली। सीमा पर खूनी हिंसा के बाद से पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है। गलवान घाटी में देश के 20 जवानों को खोने का आक्रोश पूरे देश में है। जिसके बाद से जनता चीन से जुड़ी हर चीज का बहिष्कार कर रही है। ऐसे में अब दिल्ली के होटल और गेस्ट हाउस में चीन के नागरिकों को न रोकने का फैसला किया है। यानी चीन का कोई भी नागरिक यहां नहीं ठहर सकता है।

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एक बड़ा फैसला

बता दें, कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के चीन के सामान का बहिष्कार के आह्वान पर दिल्ली के बजट होटलों के संगठन दिल्ली होटल एंड गेस्ट हाउस ओनर्स एसोसिएशन (धुर्वा) ने एक बड़ा फैसला लिया है।

इस संगठन ने घोषणा की है कि चीन की हरकतों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है कि दिल्ली के होटल और गेस्ट हाउस में अब से किसी भी चीनी नागरिक को ठहराया नहीं जाएगा।

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होटल कारोबारियों में बहुत गुस्सा

जानकारी देते हुए दिल्ली में करीब 3000 बजट होटल और गेस्ट हाउस हैं। जिनमें करीब 75000 कमरे हैं। दिल्ली होटल एंड गेस्ट हाउस ओनर्स एसोसिएशन के महामंत्री महेंद्र गुप्ता ने इस बारे में बताया कि चीन जिस प्रकार से भारत के साथ व्यवहार कर रहा है और हिंसक झड़प में जिस तरीके से भारतीय सैनिक शहीद हुए, उसके कारण दिल्ली के सभी होटल कारोबारियों में बहुत गुस्सा है।

आगे उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने देश भर में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का अभियान चलाया है, उसमें दिल्ली के होटल और गेस्ट हाउस कारोबारी भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेंगे और उसी को देखते हुए हमने यह फैसला किया है कि अब से दिल्ली के किसी भी बजट होटल या गेस्ट हाउस में किसी भी चीनी व्यक्ति को ठहराया नहीं जाएगा।

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राष्ट्रीय संगठनों से संपर्क

कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने इस फैसले को अच्छा बताते हुए कहा कि इससे यह स्पष्ट है कि कैट के जरिए शुरू किया गया चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के आह्वान से देश के विभिन्न वर्गों के लोग जुड़ रहे हैं।

इसी सिलसिले में उन्होंने कहा की इसी सिलसिले में कैट अब ट्रांसपोर्ट, किसान, हॉकर्स, लघु उद्योग, उपभोक्ता स्वयं उद्यमी, महिला उद्यमी के राष्ट्रीय संगठनों से संपर्क कर उन्हें भी इस अभियान से जोड़ेगा।

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