चीनी महिला का नेपाल: बिगाड़ दिए पुराने रिश्ते, रचा नक्शा विवाद

चीन के साथ-साथ नेपाल भी इस समय भारत से सीमा नोक-झोंक को लेकर तनातनी कर रहा है। नेपाल की राष्ट्रपति ने विवादित राजनीतिक नक्शें पर अपनी हामी भर दी है।

Vidushi Mishra
Published on: 20 Jun 2020 7:14 AM GMT
चीनी महिला का नेपाल: बिगाड़ दिए पुराने रिश्ते, रचा नक्शा विवाद
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नई दिल्ली। चीन के साथ-साथ नेपाल भी इस समय भारत से सीमा नोक-झोंक को लेकर तनातनी कर रहा है। नेपाल की राष्ट्रपति ने विवादित राजनीतिक नक्शें पर अपनी हामी भर दी है। और अब इसके बाद नेपाल ने उत्‍तराखंड में भारत से लगे बॉर्डर पर हथियारबंद अपने जवान तैनात कर दिए हैं। नेपाल विवादित नए नक्शे में भारत के तीन इलाकों को अपना क्षेत्रीय इलाका बता रहा है। जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा इलाके भारत के लिए सामरिक तौर पर काफी महत्वपूर्ण इलाके रहे हैं।

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रिश्ते हमेशा से ही अच्छे

साथ ही ऐसा भी माना जा रहा है कि भारत के इलाकों को अपना कहने का काम नेपाल ने चीन के भड़काने पर कर रहा है। विशेषकर नेपाल में चीन की राजदूत होऊ यांगी ने इस मुद्दे के लिए नेपाल पीएम ओली को सहमत किया है।

तभी इसके बाद ही ओली ने ऐसा नक्शा तैयार किया। इसे भारत के खिलाफ एक बड़े कदम की तरह देखा जा रहा है, जबकि नेपाल के साथ भारत के रिश्ते हमेशा ही अच्छे रहे। तो चलिए बताते है आखिर ये होऊ यांगी कौन है।

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चीनी नागरिक होऊ यांगी

होऊ यांगी नेपाल में 2018 से चीन की राजदूत हैं। उन्हें दक्षिण एशियाई मामलों का जानकार माना जाता है। इस हिसाब से होऊ यांगी ने मिनिस्ट्री ऑफ फॉरेन अफेयर्स में भी लंबे समय तक डिप्टी डायरेक्टर की भूमिका निभाई और तमाम फैसले लिए है। जिनसे चीन का संबंध पड़ोसी देशों से प्रभावित हुआ। होऊ यांगी ने चीनी राजदूत के तौर पर पाकिस्तान में भी तीन साल बिताए।

होऊ यांगी के कूटनीतिक दिमाग का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एकदम अलग संस्कृति वाले देश में मेलजोल बढ़ाने के लिए इस राजदूत ने उर्दू भाषा सीखी और राजनेताओं से मेलजोल के मौके पर फ्लूएंट उर्दू बोला करती थीं ताकि उन्हीं में से एक लगें।

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भारत से कहीं न कहीं मतलब

ऐसे में भारतीय खुफिया एजेंसियों के हिसाब से पाकिस्तान में राजदूत रहते हुए होऊ यांगी ने कई पाकिस्तानी नीतियों के लिए काम किया, जिसका भारत से कहीं न कहीं मतलब था।

साथ ही पाकिस्तान में तीन अहम साल देने के बाद होऊ यांगी को नेपाल भेजा गया। इसके पीछे एक राजदूत के तौर पर यांगी की सफलता ही मानी जाती है।

तो अब जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले भारत-नेपाल के रिश्ते काफी अच्छे रहे और कूटनीतिक टकराव की नौबत नहीं आई थी। लेकिन अब माना जा रहा है कि नेपाल के पीएम ओली के विवादित नक्शे के पीछे होऊ यांगी का ही हाथ है। उन्होंने ही पीएम ओली और नेपाल की संसद को इसके लिए तैयार किया।

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