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चिराग पासवान के जल्द NDA में शामिल होने के संकेत, नित्यानंद राय ने की मुलाकात, 18 को होनी है बड़ी बैठक

Chirag Paswan: एनडीए की 18 जुलाई को बड़ी बैठक होने वाली है और जानकारों के मुताबिक इस बैठक में चिराग भी हिस्सा ले सकते हैं।

Anshuman Tiwari
Published on: 9 July 2023 7:37 AM GMT
चिराग पासवान के जल्द NDA में शामिल होने के संकेत, नित्यानंद राय ने की मुलाकात, 18 को होनी है बड़ी बैठक
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Chirag Paswan (Image: Social Media)

Chirag Paswan: भारतीय जनता पार्टी बिहार में अपने समीकरण दुरुस्त करने की कोशिश में जुटी हुई है। इसी कड़ी में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के मुखिया चिराग पासवान के जल्द एनडीए में शामिल होने की संभावना है। इस सिलसिले में चिराग पासवान ने आज पार्टी पदाधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक की जिसमें आखिरी फैसला लेने के लिए चिराग को अधिकृत कर दिया गया है।

इस बीच केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता नित्यानंद राय ने चिराग पासवान से मुलाकात करके विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की है। माना जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच चिराग की एनडीए में वापसी और बिहार के सियासी समीकरण पर मंथन हुआ है। एनडीए की 18 जुलाई को बड़ी बैठक होने वाली है और जानकारों के मुताबिक इस बैठक में चिराग भी हिस्सा ले सकते हैं।

चिराग फैसला लेने के लिए अधिकृत

चिराग पासवान के लंबे समय से एनडीए में शामिल होने की अटकलें लगाई जाती रही हैं। चिराग ने रविवार को अपनी पार्टी के पदाधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक के दौरान अगले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी की रणनीति पर गहराई से चर्चा की गई। पार्टी पदाधिकारियों ने इस संबंध में फैसला लेने का अधिकार चिराग को सौंप दिया है। पार्टी पदाधिकारियों ने कहा कि इस संबंध में चिराग जो भी फैसला लेंगे,वह सभी को मंजूर होगा।

पार्टी पदाधिकारियों की बैठक के बाद चिराग पासवान दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं और माना जा रहा है कि वे जल्द ही भाजपा नेताओं से इस संबंध में आगे की चर्चा करेंगे। चिराग के जल्द कैबिनेट मंत्री बनने की भी संभावना जताई जा रही है। हालांकि चिराग का कहना है कि केंद्रीय मंत्री बनना मेरी प्राथमिकता नहीं है। एनडीए में शामिल होने पर मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में बातचीत चल रही है और जल्द ही फैसला लिया जाएगा।

नित्यानंद राय की मुलाकात से मिला संकेत

इस बीच केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय की चिराग पासवान से मुलाकात को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। चिराग गुट की बैठक से पूर्व यह मुलाकात हुई है। हालांकि इस बैठक के बाद नित्यानंद राय ने चिराग के एनडीए में शामिल होने के संबंध में स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा। उन्होंने कहा कि यह हमारा पुराना घर है और इसलिए चिराग से मुलाकात अच्छे माहौल में होती है।

उन्होंने कहा कि चिराग के पिता रामविलास और भाजपा ने हमेशा बिहार के विकास और लोगों के कल्याण के लिए काम किया है। नित्यानंद राय ने कहा कि पीएम मोदी की लोकप्रियता से विपक्ष डरा हुआ है और इसीलिए विपक्षी दलों के बीच एकजुटता की कवायद शुरू की गई है।

चाचा और भतीजे की जंग का पेंच

चिराग को लेकर एक पेंच यह फंसा हुआ है कि उन्होंने अगला लोकसभा चुनाव हाजीपुर लोकसभा सीट से लड़ने का ऐलान कर दिया है। दूसरी ओर उनके चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस हाजीपुर सीट पर अपनी दावेदारी छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। उनका कहना है कि वे 2019 में लोकसभा का चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं थे मगर भइया रामविलास पासवान के निर्देश पर उन्होंने चुनाव लड़ा था। ऐसे में अब हाजीपुर सीट पर चिराग को दावेदारी करने का कोई हक नहीं है। उन्होंने चाचा और भतीजे के बीच आने वाले दिनों में एकजुटता की संभावना को भी खारिज कर दिया है।

हाजीपुर लोकसभा सीट से रामविलास पासवान ने कई बार लोकसभा का चुनाव जीता था। इसी आधार पर चिराग पासवान का कहना है कि यह सीट मेरे पिता की विरासत है और मैं इस सीट पर अपनी दावेदारी नहीं छोड़ सकता। दोनों नेताओं के बीच चल रही खींचतान में भाजपा की मुसीबत बढ़ा रखी है और अब यह देखने वाली बात होगी कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस विवाद को कैसे सुलझाता है।

18 जुलाई को होनी है एनडीए की बड़ी बैठक

भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से 18 जुलाई को एनडीए की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में महाराष्ट्र से अजित पवार और शिंदे गुट के भी शामिल होने की संभावना है। बिहार में जीतन राम मांझी के एनडीए में शामिल होने के बाद अब सबकी निगाहें चिराग पासवान,उपेंद्र कुशवाहा और मुकेश साहनी पर लगी हुई हैं। जानकारों का मानना है कि ये तीनों नेता भी जल्द ही एनडीए में शामिल हो सकते हैं।

सूत्रों के मुताबिक चिराग पासवान जल्द ही दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ बातचीत करेंगे। उनके एनडीए में शामिल होने की घोषणा जल्द की जा सकती है। चिराग पासवान के जरिए भाजपा बिहार में दलित वोटों के समीकरण को साधने की कोशिश में जुटी हुई है ताकि 2024 के लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार से हिसाब चुकाने में मदद मिल सके।

Anshuman Tiwari

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