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कोरोना वायरस पर सुप्रीम कोर्ट से आई बड़ी खबर, अब ऐसे होगी सुनवाई
चीफ जस्टिस (सीजेआई) एसए बोबडे ने रविवार को स्पष्ट कर दिया कि देश में फैले कोरोना वायरस महामारी के चलते कोर्ट को पूरी तरह से बंद नहीं किया जा सकता।
नई दिल्ली। चीफ जस्टिस (सीजेआई) एसए बोबडे ने रविवार को स्पष्ट कर दिया कि देश में फैले कोरोना वायरस महामारी के चलते कोर्ट को पूरी तरह से बंद नहीं किया जा सकता।
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सीजेआई ने वर्तमान स्थिति की चर्चा करने और इस खतरनाक रोग को फैलने से रोकने के लिए उठाये जाने वाले कदमों पर चर्चा के लिए सुप्रीम कोर्ट के चार न्यायाधीशों, सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स आन रिकार्ड एसोसिएशन (एससीएओआरए) के बार नेताओं, नई दिल्ली स्थित एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया सहित प्रमुख चिकित्सकों के साथ एक बैठक की।
शुरू होने वाले हैं वर्चुअल कोर्ट
एससीएओआरए ने कहा कि जस्टिस बोबडे ने शीर्ष अदालत को बंद करने की संभावना से मना किया और कहा कि वर्चुअल कोर्ट शुरू होने वाले हैं ऐसे में वर्तमान समय में केवल सीमित रूप से बंद किया जाना ही संभव हो सकता है।
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बैठक की अध्यक्षता भारत के चीफ जस्टिस ने की, इसके अलावा इसमें न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति यू यू ललित, न्यायूमूर्ति डी वाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव भी थे।
पटना हाईकोर्ट में जरूरी केसों पर सुनवाई
सीजेआई ने बार से अनुरोध किया कि विशेषज्ञों द्वारा सुझाये गए सुरक्षा उपायों का पालन सुनिश्चित किया जाए। इस बात पर बार ने कहा कि बैठक के बाद चिकित्सकीय विशेषज्ञों द्वारा एक मेडिकल परामर्श जारी किया गया।
इस बीच, पटना से प्राप्त एक खबर के मुताबिक पटना हाईकोर्ट ने रविवार को कहा कि वह इस महीने के अंत तक सिर्फ रेग्यूलर जमानत याचिकाओं और तत्काल सुनवाई योग्य विषयों की ही सुनवाई करेगा।
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वहीं, गुवाहाटी हाईकोर्ट ने अपने कामकाज के दौरान अदालत कक्ष में वकीलों और पक्षकारों की उपस्थिति सीमित करने और अगले आदेश तक सिर्फ तत्काल सुनवाई योग्य विषयों की ही सुनवाई करने का फैसला किया।
सभी हाई कोर्ट से संपर्क में हैं CJI
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि चीफ जस्टिस एसए बोबड़े इस मामले में सभी हाई कोर्ट से संपर्क में है। हमने पहला कदम उठा लिया है, दूसरा कदम डिजिटल और वर्चुअल अदालतों का होगा। सभी वकील, पक्षकार और अदालत आने वाले इसमें सहयोग करें। हमने बड़े मेडिकल एक्सपर्ट से इस मामले में संपर्क किया है।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए होगी बहस
सुप्रीम कोर्ट की ई-समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की देखरेख में तैयारी हो रही है। लोगों से लोगों के संपर्क को कम करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालती कार्यवाही शुरू करने की तैयारी है। प्रत्येक पक्षकार के वकील के लिए अलग कमरे उपलब्ध कराए जाएंगे।
अब हो सकेगी 24 घंटे ई-फाइलिंग
एक वकील को केवल एक साधारण आवेदन को डाउनलोड करना होगा और वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालती कार्यवाही को सक्रिय करना होगा। पत्रकारों की सुविधा के लिए प्रेस लाउंज में स्मार्ट टीवी लगाए जाएंगे। बार के सदस्यों को ई-फाइलिंग के लिए बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा। अब 24 घंटे ई-फाइलिंग हो सकेगी।