हाड़ कंपाने वाली ठंड: कश्मीर में पारा शून्य से 9 डिग्री नीचे, ठंड को लेकर अलर्ट

मौसम विभाग के अधिकारियों के अनुसार उत्तरी कश्मीर के गुलमर्ग में तापमान शून्य से नौ डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। घाटी में गुलमर्ग सबसे ठंडा स्थान रहा। अमरनाथ यात्रा के लिए दक्षिण कश्मीर में आधार शिविर पहलगाम में पारा शून्य से 7.8 डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान चला गया।

SK Gautam
Published on: 1 Jan 2021 1:47 PM GMT
हाड़ कंपाने वाली ठंड: कश्मीर में पारा शून्य से 9 डिग्री नीचे, ठंड को लेकर अलर्ट
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हाड़ कंपाने वाली ठंड: कश्मीर में पारा शून्य से 9 डिग्री नीचे, ठंड को लेकर अलर्ट

श्रीनगर: ठंड का कहर जारी है कश्मीर में हाड़ कंपाने वाली शीत लहर जारी है। नए साल पर घाटी में कई स्थानों पर न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से नीचे चला गया। अधिकारियों ने बताया कि घाटी के तापमान में गिरावट के बाद कई जलाशयों सहित जल आपूर्ति के पाइपों में पानी जम गया। शुष्क मौसम ने गुलमर्ग के प्रसिद्ध स्की-रिजॉर्ट में नए साल पर बर्फ गिरने का इंतजार कर रहे सैकड़ों पर्यटकों को निराश कर दिया। हालांकि, रिजॉर्ट में विभिन्न स्थानों पर घास के मैदान पर बड़े-बड़े बर्फ के टुकड़े नए साल के जश्न को और मनोरम बना रहे थे।

घाटी में गुलमर्ग सबसे ठंडा स्थान

मौसम विभाग के अधिकारियों के अनुसार उत्तरी कश्मीर के गुलमर्ग में तापमान शून्य से नौ डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। घाटी में गुलमर्ग सबसे ठंडा स्थान रहा। अमरनाथ यात्रा के लिए दक्षिण कश्मीर में आधार शिविर पहलगाम में पारा शून्य से 7.8 डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान चला गया। जम्मू कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में तापमान शून्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया जबकि उससे एक दिन पहले न्यूनतम तापमान शून्य से 5.9 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया था।

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अगले दो दिनों में मौसम शुष्क रहने की संभावना

अधिकारियों ने यह भी बताया कि काजीगुंड में शून्य से 5.7 डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान रहा। उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में शून्य से 5.6 डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने कहा है कि अगले दो दिनों में मौसम शुष्क रहने की संभावना है, लेकिन सोमवार से कुछ दिनों तक विभिन्न स्थानों पर बारिश या बर्फबारी का जारी रहने की संभावना है।

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कश्मीर में 'चिल्लई कलां' की अवधि चल रही है और 40 दिनों की इस अवधि में भीषण ठंड पड़ती है। तापमान गिरने से प्रसिद्ध डल झील समेत घाटी के विभिन्न भागों में जलापूर्ति की पाइपलाइनों में पानी जम जाता है।

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