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कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा, पूछा- ICMR ने 245 की किट 600 में क्यों खरीदी

कोरोना वायरस की एंटीबॉडी रैपिड टेस्ट किट की खरीद के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और केंद्र सरकार सवालों के घेरों में आ गई है।

Shreya
Published on: 27 April 2020 7:52 AM GMT
कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा, पूछा- ICMR ने 245 की किट 600 में क्यों खरीदी
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस की एंटीबॉडी रैपिड टेस्ट किट की खरीद के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और केंद्र सरकार सवालों के घेरों में आ गई है। रैपिड किट की खरीद पर सवाल खड़ा करते हुए कांग्रेस ने पूछा है कि आईसीएमआर ने 245 रुपए में आयात की गई रैपिड किट को 600 में क्यों खरीदा? उन्होंने ये भी कहा कि आशा है कि सरकार इसे जल्द ही स्पष्ट करेगी।

कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि...

हाल ही में कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि, हाल ही में दिल्ली HC के फैसले ने एक स्थायी सवाल उठाया है- आईसीएमआर को 600 रुपये प्रति पीस के लिए एंटीबॉडी टेस्ट किट क्यों खरीदना पड़ा, जिसे 245 रुपये में आयात किया गया था? महामारी के बीच में, किसी को गरीब की कीमत पर लाभ नहीं देना चाहिए। आशा है कि सरकार इसे स्पष्ट करेगी।



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क्या है पूरा मामला?

चीन से मंगवाई गई कोरोना वायरस रैपिड टेस्ट किट को लेकर रेयर मेटाबॉलिक्स लाइफ़ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड और आर्क फार्मास्यूटिकल्स ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था। दोनों कंपनियों ने कोविड- 19 की 10 लाख टेस्ट किट को चीन से भारत में लाने के लिए मैट्रिक्स लैब के साथ समझौता किया था।

क्या है कंपनी का कहना?

मैट्रिक्स लैब 7 लाख 24 हजार कोविड-19 टेस्ट किट दे चुका है। मैट्रिक्स लैब ने, जब तक उसे किट के पूरे पैसे नहीं मिल जाते, तब तक बाकी की बची 2 लाख 76 हजार किट देने से इंकार कर रहा था। उसका कहना है कि उसका कहना है कि में से अभी केवल 12.75 करोड़ रुपये का ही भुगतान हुआ है।

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एग्रीमेंट के मुताबिक, पहले आयातक को बाकी बचे 8.25 करोड़ रुपये का भुगतान करना था। लेकिन रेयर मेटाबोलिक्स ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर HC से बाकी बची 2.24 लाख किट दिलवाने का अनुरोध किया है। ताकि वह आईसीएमआर को टेस्ट किट आपूर्ति करने का अपना एग्रीमेंट पूरा कर सके।

हाई कोर्ट ने किट के रेट घटाने के दिए आदेश

इन दौरान इस बात का खुलासा हुआ है कि इस टेस्ट किट की भारत में आयात लागत केवल 245 रुपये प्रति किट ही है, लेकिन इसे ICMR को 600 रुपये में बेचा गया है, यानी 145 फीसदी के मुनाफे के साथ इसके ICMR तक पहुंचाया गया है। जिस पर हाई कोर्ट ने इस किट का रेट घटाने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट का कहना है कि टेस्ट किट 400 रुपये से ज्यादा रेट पर नहीं बेची जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए टेस्ट बेहद जरूरी है। ऐसे में किट को कम से कम रेट पर बेचा जाना जरूरी है। HC ने कहा कि यह मामला लोगों के जनहित से जुड़ा हुआ है, ऐसे में मुनाफा कमाने से ज्यादा अभी आम लोगों को सस्ती किट मुहैया कराना अधिक जरूरी है।

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