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Rahul Gandhi News: 2024 की जंग में वायनाड सीट नहीं छोड़ेंगे राहुल, रावत ने बताई ये बड़ी वजह

Rahul Gandhi News: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने साफ तौर पर कहा है कि राहुल गांधी वायनाड सीट नहीं छोड़ेंगे क्योंकि वहां के मतदाताओं ने संकट के दिनों में राहुल गांधी का साथ दिया है।

Anshuman Tiwari
Published on: 20 Aug 2023 9:13 AM IST
Rahul Gandhi News: 2024 की जंग में वायनाड सीट नहीं छोड़ेंगे राहुल, रावत ने बताई ये बड़ी वजह
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Rahul Gandhi News (photo: social media )

Rahul Gandhi News: 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की संसदीय सीट को लेकर इन दिनों खूब चर्चाएं हो रही हैं। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष अजय राय के बयान के बाद इन चर्चाओं ने तेजी पकड़ी है। अध्यक्ष बनते ही अजय राय ने यह कह कर सियासी धमाका कर दिया कि 2024 में राहुल गांधी अमेठी से ही चुनाव लड़ेंगे। उनके इस बयान के बाद कांग्रेस और भाजपा नेताओं के अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं।

हालांकि पार्टी हाईकमान की ओर से अभी तक इस बाबत कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है। इस बीच उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत के बयान से इन सियासी चर्चाओं में नया मोड़ आ गया है। रावत ने साफ तौर पर कहा है कि राहुल गांधी वायनाड सीट नहीं छोड़ेंगे क्योंकि वहां के मतदाताओं ने संकट के दिनों में राहुल गांधी का साथ दिया है।

वायनाड ने संकट में दिया राहुल का साथ

रावत के इस बयान के बाद अब सवाल यह उठने लगा है कि क्या 2019 की तरह 2024 में भी राहुल गांधी दो सीटों पर किस्मत आजमाने के लिए चुनावी अखाड़े में उतरेंगे? 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने अमेठी और वायनाड दोनों सीटों पर चुनाव लड़ा था। अमेठी की संसदीय सीट पर राहुल को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था जबकि वायनाड सीट पर राहुल गांधी विजयी रहे थे। 2019 के चुनावों की याद दिलाते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने बड़ा बयान दिया है।

रावत ने 2019 के चुनाव के दौरान संकट के दिनों में वायनाड के लोगों की ओर से राहुल गांधी को दिए गए समर्थन की याद दिलाई है। उन्होंने खुलासा किया कि 2024 की जंग में राहुल गांधी वायनाड से भी जरूर चुनाव लड़ेंगे। रावत ने अमेठी को राहुल गांधी की स्वाभाविक सीट बताया मगर यह अभी कहा कि वायनाड के लोगों के समर्थन को नहीं भूला जा सकता। उन्होंने कहा कि अमेठी के राहुल की स्वाभाविक सीट होने के साथ ही वे वायनाड से भी जरूर चुनाव लड़ेंगे। इसका कारण यह है कि संकट के समय में वायनाड ने राहुल का साथ दिया था।

अजय राय के बयान से सियासी चर्चाएं तेज

रावत से पहले उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष अजय राय ने भी राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र की ओर स्पष्ट तौर पर इशारा किया था। उनका कहना था कि अमेठी के लोगों की ओर से राहुल गांधी से फिर चुनाव लड़ने की मांग की जा रही है और राहुल 2024 में निश्चित रूप से अमेठी से चुनाव लड़ेंगे। उनका यह भी कहना था कि क्षेत्र की जनता स्मृति ईरानी से बौखलाई हुई है। उन्होंने क्षेत्र के लोगों से 13 रुपए किलो चीनी दिलाने का वादा किया था मगर क्या वे अपना वादा पूरा कर पाईं? उनका कहना था कि स्मृति ईरानी को इस बात का जवाब देना चाहिए कि तेरह रुपए किलो वाली चीनी कहां चली गई।

अजय राय और हरीश रावत दोनों के अलग-अलग बयानों से साफ हो गया है कि 2019 की तरह 2024 में भी राहुल गांधी दो संसदीय सीटों से किस्मत आजमा सकते हैं। कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम का कहना है कि अजय राय ने अमेठी से राहुल के चुनाव लड़ने की बात काफी सोच समझकर ही कही होगी। उन्हें हाईकमान से इस बात का इशारा मिला होगा। तभी उन्होंने इस बाबत बयान दिया है।

वायनाड सीट से राहुल का जुड़ाव

वैसे रावत के बयान में इसलिए भी दम माना जा रहा है क्योंकि राहुल गांधी ने वायनाड के लोगों से लगातार संपर्क बनाए रखा है। मोदी सरनेम केस में सजा सुनाए जाने के बाद राहुल गांधी की सांसदी रद्द कर दी गई थी मगर सुप्रीम कोर्ट की ओर से राहत मिलने के बाद अब उनकी सांसदी एक बार फिर बहाल हो गई है।

सांसदी बहाल होने के बाद राहुल गांधी तत्काल वायनाड के दौरे पर पहुंचे थे और अपने प्रवास के दौरान उन्होंने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था। सियासी जानकारों का मानना है कि राहुल के इस दौरे से साफ हो गया था कि वे आगे के दिनों में भी वायनाड के साथ अपने रिश्ते बनाए रखेंगे। राहुल गांधी समय-समय पर वायनाड के साथ अपने जुड़ाव की चर्चा भी करते रहे हैं।

हार के बाद अमेठी में कम सक्रियता

2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान अमेठी लोकसभा क्षेत्र में राहुल गांधी को स्मृति ईरानी के हाथों करीब 55,000 वोटो से हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि इसके पूर्व 2014 के चुनाव में भी स्मृति ईरानी को हराने में कामयाब रहे थे। अमेठी संसदीय सीट को गांधी परिवार का गढ़ माना जाता रहा है और इस सीट पर सिर्फ दो बार गांधी परिवार को हार का सामना करना पड़ा है। गांधी परिवार 1977 और 2019 में यह सीट जीतने में कामयाब नहीं हो सका था।

2019 की हार ने राहुल गांधी का दिल तोड़ दिया था और 2019 के बाद वे अभी तक सिर्फ तीन बार अमेठी के दौरे पर पहुंचे हैं। इनमें से राहुल का दो दौरा 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान हुआ था। हालांकि कोरोना काल में वे अमेठी के लोगों को मदद पहुंचाने से पीछे नहीं रहे थे।

स्मृति ईरानी कर रहीं लगातार दौरे

दूसरी और स्मृति ईरानी 2014 से ही अमेठी संसदीय क्षेत्र में काफी सक्रिय रही हैं। 2014 का चुनाव हारने के बावजूद वे लगातार क्षेत्र में सक्रिय बनी रहीं और 2019 में उनको इसी सक्रियता का इनाम मिला। वे राहुल गांधी को हराने में कामयाब रहीं। 2019 का लोकसभा चुनाव जीतने के बाद भी वे लगातार क्षेत्र में सक्रिय रही हैं।

पिछले करीब चार वर्षों के दौरान उन्होंने अमेठी के करीब सौ दौरे किए हैं। आमतौर पर वे महीने में दो से तीन बार अमेठी पहुंचती रही हैं। उनके रुख से साफ है कि वे 2024 में भी इसी संसदीय सीट से किस्मत आजमाने के लिए उतरेंगी।

भाजपा को मिलेगा फिर हमला करने का मौका

वैसे राहुल गांधी के दो संसदीय सीटों से चुनाव लड़ने पर भाजपा को हमला करने का मौका मिलता रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी के दो संसदीय सीटों से चुनाव मैदान पर में उतरने पर भाजपा जोरशोर से यह प्रचार करने में जुटी थी कि अमेठी के लोगों पर भरोसा न होने के कारण राहुल गांधी ने वायनाड से चुनाव लड़ने का फैसला लिया।

अब कांग्रेस के दो बड़े नेताओं के बयानों से साफ हो गया है कि 2024 की सियासी जंग में भी राहुल गांधी दो सीटों से चुनाव लड़ सकते हैं। ऐसी स्थिति में भाजपा 2024 में भी राहुल के दो सीटों से चुनाव लड़ने को मुद्दा बना सकती है। जानकारों का कहना है कि कांग्रेस को इसका सियासी नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।



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Anshuman Tiwari

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