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Elections : कांग्रेस को जातीय समीकरण से वोटों की उम्मीद
इंदौर: मध्य प्रदेश में मालवा- निमाड़ क्षेत्र के मालवा की चार लोकसभा सीटों पर कांग्रेस जातीय समीकरण बैठाने की रणनीति पर चल रही है। कांग्रेस ने सुनियोजित तरीके से अपने प्रत्याशियों का चयन जातीय समीकरणों के आधार पर ही किया है। कांग्रेस उज्जैन से बाबूलाल मालवीय, शाजापुर से टिप्पणियां और इंदौर से पंकज संघवी को लड़ा रही है। इंदौर और उज्जैन संभाग की 8 सीटों में से मंदसौर, उज्जैन, शाजापुर, और इंदौर की सीट मालवा अंचल में आती हैं जबकि खरगोन, खंडवा और झाबुआ निमाड़ में गिने जाते हैं। धार संसदीय क्षेत्र के चार विधानसभा क्षेत्र मालवा में तथा चार निमाड़ में आते हैं। मालवा के मंदसौर और उज्जैन की बात करें, तो मंदसौर से 8 बार डॉ. लक्ष्मी नारायण पांडे जीते हैं। वह हमेशा से जनसंघ, जनता पार्टी और भाजपा के टिकट पर जीतते रहे हैं।
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मंदसौर लोकसभा क्षेत्र में ब्राह्मणों की संख्या 70 हजार के आसपास है। इसी तरह उज्जैन संसदीय क्षेत्र में साढ़े तीन लाख बलाई समाज के मतदाता हैं। यहां से पहले भारतीय जनसंघ की ओर से हुकुमचंद कछवाय और बाद में सत्यनारायण जटिया क्रमश: चार और सात बार जीते हैं। दोनों नेता गैर बलाई दलित हैं। उज्जैन से कांग्रेस 1984 और 2009 में जीती है। 1984 में सत्यनारायण पवार और 2009 में प्रेमचंद गुड्डïू जीते थे। यह दोनों भी गैर बलाई दलित हैं।
शाजापुर संसदीय क्षेत्र के लिए अमित शाह ने एक सभा में कहा कि यह जनसंघ का पालना रहा है। यहां से सबसे अधिक बार भाजपा के फूलचंद वर्मा सांसद रहे जो दलित खटिक समाज से आते थे। 2009 में कांग्रेस की ओर से जीते सज्जन सिंह वर्मा भी दलित खटिक समाज के हैं।
इंदौर संसदीय क्षेत्र से नाई समाज के रामसिंह भाई वर्मा और पारसी समाज के होमी दाजी सांसद रहे हैं। इन दोनों नेताओं की जाति के मतदाता अल्प संख्या में हैं लेकिन फिर भी वे अच्छे बहुमत के साथ जीते। इसी तरह श्वेतांबर जैन समाज के कल्याण जैन 1977 की जनता लहर में जीते थे। इंदौर के जैन समाज में श्वेतांबरों के मुकाबले दिगंबर जैन समाज की संख्या अधिक है। दिगंबर जैन समाज दो दशक पूर्व तक परंपरागत रूप से कांग्रेसी था लेकिन राष्ट्रीय मुद्दों का जब भी सवाल आया मतदाताओं ने जाति से ऊपर उठकर फैसला किया है।
1991 के चुनाव में कांग्रेस ने दिगंबर जैन समाज के ललित जैन को लोकसभा का टिकट दिया। माना जा रहा था कि ललित जैन सुमित्रा महाजन यानी ताई को कड़ी टक्कर देंगे। कांग्रेस के नेता मानते थे की 1989 में सुमित्रा महाजन की विजय वाला बेग के कारण हुई थी। उस चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी वाला बेग ने इंदौर लोकसभा क्षेत्र से 88 हजार मत प्राप्त किए थे और प्रकाश चंद्र सेठी चुनाव हार गए थे। कांग्रेस अपने गढ़ को बचाने के लिए ललित जैन को लाई थी। नेमी नगर लगभग शत प्रतिशत दिगंबर जैन समाज की आबादी वाली कॉलोनी है। परिणाम आया तो यहां के बूथों से ललित जैन भारी अंतर से हारे। वह चुनाव सुमित्रा महाजन 93 हजार मतों से जीती थीं।