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कांग्रेस के 'सिद्धू' दे सकते हैं झटका, किया ऐसा काम
क्या नवजोत सिंह सिद्धू का कांग्रेस से मोहभंग हो चुका है। दरअसल सिद्धू लंबे समय से सियासी अज्ञातवास में चल रहे हैं। इस दौरान वह पंजाब विधानसभा समेत किसी...
नई दिल्ली। क्या नवजोत सिंह सिद्धू का कांग्रेस से मोहभंग हो चुका है। दरअसल सिद्धू लंबे समय से सियासी अज्ञातवास में चल रहे हैं। इस दौरान वह पंजाब विधानसभा समेत किसी सार्वजनिक मंच पर भी नहीं दिखे।
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उन्होंने जुलाई, 2019 में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से अपना विभाग बदले जाने के बाद कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। लंबे समय बाद रविवार को सिद्धू जब एक एलबम रिलीज के लिए सार्वजनिक मंच पर नजर आए तो फिर चर्चा का विषय बन गए।
विपक्षी नेताओं से दुरी बनाए रखा
नवजोत सिंह सिद्धू रविवार रात अमृतसर नाट्यशाला में पत्रकार बरजिंदर सिंह की एलबम के रिलीज समारोह के दौरान आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के साथ मंच साझा किया तो अटकलों का बाजार फिर गरम हो गया।
उनके साथ फ्रंटलाइन में टकसाली अकाली नेता व पूर्व मंत्री रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा, अमृतसर से कांग्रेस सांसद गुरजीत औजला और धुर विरोधी पूर्व अकाली मंत्री बिक्रम मजीठिया बैठे। इस दौरान सिद्धू औजला से बात करते नजर आए। हालांकि, उन्होंने मजीठिया से दूरी बनाए रखी।
दिल्ली चुनाव में कांग्रेस के तरफ से प्रचार नही करने गए थे सिद्धू
पंजाब के पूर्व मंत्री सिद्धू ने मंच पर टकसाली नेता रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा का अभिवादन किया। सिद्धू के 8 महीने बाद अचानक इस तरह सार्वजनिक मंच पर नजर आने और विरोधी नेताओं के साथ मंच साझा करने से पंजाब की सियासत में कयासबाजी शुरू हो गई है।
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उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में स्टार कैंपेनर बनाए जाने के बाद भी कांग्रेस के लिए प्रचार नहीं किया था। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने जानबूझकर दिल्ली में चुनाव प्रचार से दूरी बनाई। इसके बाद उनके कांग्रेस छोड़ने की अटकलें लगाई जाने लगीं। कभी उनके आम आदमी पार्टी तो कभी बीजेपी में फिर शामिल होने की चर्चा शुरू हो गई।
अटकलों के बीच अपने पत्ते खोलने को तैयार नहीं सिद्धू
तमाम अटकलों के बीच सिद्धू ने अपने पत्ते नहीं खोले। उन्होंने इस बारे में मीडिया से कोई बात नहीं की। अब अनुमान लगाया जा रहा है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी के संगठन में फेरबदल होने पर उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। वहीं, पंजाब की एक पार्टी भी उन्हें अपने खेमे में लाने की जुगत में लगी हुई है।
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पार्टी ने ये भी एलान कर दिया है कि अगर सिद्धू साथ आते हैं तो वे पंजाब विधानसभा चुनाव में सीएम चेहरा होंगे। हालांकि अभी भी नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से कोई बयान नहीं आया है।