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Congress Meeting: अरविंद केजरीवाल के विरोध में कांग्रेस की दिल्ली और पंजाब ईकाई, क्या आलाकमान मानेगा सुझाव ?

Congress Meeting: सोमवार को कांग्रेस मुख्यालय में दिल्ली और पंजाब के नेताओं के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बैठक की।

Krishna Chaudhary
Published on: 29 May 2023 7:52 PM IST
Congress Meeting: अरविंद केजरीवाल के विरोध में कांग्रेस की दिल्ली और पंजाब ईकाई, क्या आलाकमान मानेगा सुझाव ?
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Congress Meeting (photo: social media )

Congress Meeting: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इन दिनों उस कांग्रेस पार्टी का समर्थन हासिल करने के लिए बेताब हैं, जिनके खिलाफ लड़कर सियासत में उन्होंने अपने लिए जगह बनाई। दिल्ली हो या पंजाब इन दोनों जगहों पर उन्होंने देश की ग्रैंड ओल्ड पार्टी का सूफड़ा ही साफ कर डाला। अब इसे वक्त की नजाकत कहें या कुछ और आम आदमी पार्टी संसद में उसी कांग्रेस का समर्थन हासिल करने के लिए उनके बड़े नेताओं के सामने हाथ-पैर मार रही है।

कांग्रेस आलाकमान तो केजरीवाल के लिए थोड़ा बहुत रहम दिल दिखाने के लिए तैयार है, लेकिन वो राज्य ईकाईयां जिन्हें आम आदमी पार्टी के उभार का सबसे अधिक सियासी नुकसान उठाना पड़ा है, वे किसी भी सूरत में उन्हें समर्थन नहीं देना चाहतीं। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के खिलाफ संसद में आम आदमी पार्टी को समर्थन के मुद्दे पर कांग्रेस ने दिल्ली में आज बड़ी बैठक की, जिसमें राहुल गांधी भी शामिल हुए।

दिल्ली और पंजाब के नेताओं ने किया विरोध

सोमवार को कांग्रेस मुख्यालय में दिल्ली और पंजाब के नेताओं के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बैठक की। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, दोनों राज्य ईकाईयों के नेताओं ने अरविंद केजरीवाल का किसी भी प्रकार का समर्थन न देने का सुझाव दिया है। दोनों राज्यों के नेताओं ने आलाकमान को अध्यादेश के मसले पर आम आदमी पार्टी का समर्थन न करने को कहा है। हालांकि, इस मामले में अंतिम फैसला राज्य के नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व को ही लेने के लिए अधिकृत किया है। आलाकमान जो फैसला लेगा वे उसका समर्थन करेंगे।

दिल्ली, पंजाब और गुजरात में पहुंचाया नुकसान

आम आदमी पार्टी के उभार से देश में किसी राजनीतिक दल को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है, तो वो है कांग्रेस पार्टी। 15 सालों तक दिल्ली पर लगातार राज करने वाली पार्टी के पास न तो विधानसभा में और न ही लोकसभा में एक भी मेंबर है। दिसंबर में हुए निगम चुनाव में भी पार्टी की हालत काफी खराब थी। ऐसे में अगर कांग्रेस केजरीवाल का समर्थन करती है तो दिल्ली में उसका बचा-खुचा स्पेस भी खत्म हो जाएगा। यही हाल पंजाब का है, जहां फिलहाल कांग्रेस मुख्य विपक्षी की भूमिका में है। आम आदमी पार्टी ने गुजरात में भी कांग्रेस को कम नुकसान नहीं पहुंचाया। इसी तरह पार्टी एमपी, राजस्थान जैसे राज्यों में भी पैर पसारने की कोशिश कर रही है।

खड़गे और वेणुगोपाल केजरीवाल के समर्थन में

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल का मोदी सरकार के खिलाफ समर्थन करने के पक्ष में हैं। बताया जाता है कि राज्यसभा में रहने के दौरान खड़गे और आप सांसद संजय सिंह के बीच बेहतर तालमेल स्थापित हो गया था। लेकिन राहुल गांधी केजरीवाल को लेकर फिलहाल ओके के मूड में नहीं हैं। इसलिए जब वेणुगोपाल ने एकतरफा संसद में केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी के समर्थन का ऐलान किया तो पार्टी में हड़कंप मच गया।

दिल्ली और पंजाब के नेताओं की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आने के बाद फिर कहा गया कि राज्यों के नेताओं का पक्ष सुने बगैर कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा। उधर, अरविंद केजरीवाल लगातार राहुल गांधी से मिलने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन उन्हें अभी तक कामयाबी नहीं मिली है। दिल्ली में आज कांग्रेस नेताओं की हुई बैठक के बाद क्या निर्णय होता है, इस पर सबकी नजरें रहेगी। क्योंकि कांग्रेस के समर्थन के बगैर राज्यसभा में दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़े केंद्र के अध्यादेश को रोकना मुश्किल है।

Krishna Chaudhary

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