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गिर जाएगी खट्टर सरकार! हरियाणा में कांग्रेस का दांव, क्या जजपा छोड़ेगी BJP का साथ

हरियाणा में जाटों के दिग्गज नेता रहे चौधरी देवीलाल की विरासत का दम भरने वाले दुष्यंत चौटाला के लिए ये परीक्षा की घड़ी है।

Shivani Awasthi
Published on: 6 March 2021 3:47 AM GMT
गिर जाएगी खट्टर सरकार! हरियाणा में कांग्रेस का दांव, क्या जजपा छोड़ेगी BJP का साथ
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रामकृष्ण वाजपेयी

चंडीगढ़ः किसान आंदोलन और लव जेहाद को लेकर हरियाणा में भाजपा और जजपा के दुष्यंत चौटाला के बीच उभरे मतभेदों को लेकर कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव का ट्रंप कार्ड चल दिया है सवाल यह है कि क्या जजपा के दुष्यंत चौटाला अपने मुद्दों को लेकर भाजपा को झटका दे सकते हैं हालांकि हालात यही बयां कर रहे हैं कि हरियाणा में बड़ा उलटफेर अवश्यंभावी है।

भाजपा और जजपा के दुष्यंत चौटाला के बीच मतभेद

हरियाणा में जाटों के दिग्गज नेता रहे चौधरी देवीलाल की विरासत का दम भरने वाले दुष्यंत चौटाला के लिए ये परीक्षा की घड़ी है। अगर वर्तमान परिदृश्य पर नजर डालें तो हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं। दो सीटें खाली हैं। इस हालत में विधानसभा में सदस्यों की संख्या 88 बचती है। अब सबसे बड़े दल के रूप में भाजपा के 40 विधायक हैं और इसके बाद कांग्रेस के पास 30 विधायक है। सदन में सात निर्दलीय,10 विधायक जेजेपी के हैं। इसके अलावा हरियाणा लोकहित पार्टी के एकमात्र विधायक गोपाल कांडा हैं।

कांग्रेस का हरियाणा में अविश्वास प्रस्ताव

अब रही बात कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव की। तो मौजूदा सदन में खट्टर सरकार को 45 विधायकों का समर्थन चाहिए। भाजपा-जेजेपी और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से बनी सरकार के पास 55 विधायकों का समर्थन था। लेकिन कृषि कानूनों को लेकर आठ विधायक सरकार से अपनी नाराजगी जता चुके हैं। इनमें जेजेपी के 6 विधायक और दो निर्दलीय विधायक शामिल हैं।

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खट्टर सरकार के पास समर्थक विधायकों की संख्या 47

आठ विधायकों के सरकार के खिलाफ हो जाने के बाद खट्टर सरकार के पास समर्थक विधायकों की संख्या 47 ही बच रही है।

बात करें भूपेंद्र सिंह हुड्डा की तो वह पहले भी कई बार अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कर चुके हैं लेकिन पार्टी के अंतरकलह को लेकर कभी उसे लाने का साहस नहीं दिखा पाये हैं लेकिन इस बार किसानों के मुद्दे पर अविश्वास प्रस्ताव लाकर कांग्रेस ने जजपा के नेता दुष्यंत चौटाला को घेरने की पूरी कोशिश की है।

हालांकि खट्टर निजी क्षेत्र में आरक्षण का जजपा का चुनावी वादा पूरा कर चुके हैं ऐसे में दुष्यंत चौटाला क्या कदम उठाएंगे ये वक्त बताएगा। सवाल ये भी है कि क्या कांग्रेस दुष्यंत चौटाला की अल्पमत सरकार बनवा कर समर्थन का दांव खेल सकती है।

देवीलाल असली किंग मेकर, चौटाला पर निगाहें

भारतीय राजनीति के जिस ताऊ की विरासत को लेकर दुष्यंत चौटाला आगे बढ़ने की बात कर रहे हैं उस शख्सियत के राजनीतिक प्रबंधन और उठाने गिराने का कोई तोड़ नहीं था। देवीलाल असली किंग मेकर रहे। ऐसे में निगाहें चौटाला की तरफ उठना स्वाभाविक हैं।

Shivani Awasthi

Shivani Awasthi

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