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बेल्जियम को सस्ती तो भारत में महंगी क्यों, कांग्रेस ने वैक्सीन धंधे पर सरकार को घेरा

कोरोना वैक्सीन को लेकर नया हंगामा खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने रविवार को कहा कि देश में कई टीकाकरण अभियान इससे पहले चलाए गए लेकिन कभी इसके लिए देशवासियों से पैसा नहीं लिया गया।

Roshni Khan
Published on: 17 Jan 2021 5:10 PM IST
बेल्जियम को सस्ती तो भारत में महंगी क्यों, कांग्रेस ने वैक्सीन धंधे पर सरकार को घेरा
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बेल्जियम को सस्ती तो भारत में महंगी क्यों, कांग्रेस ने वैक्सीन धंधे पर सरकार को घेरा (PC: social media)

नई दिल्ली: ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका की भारत में बनी कोरोना वैक्सीन बेल्जियम सरकार को सस्ती मिल रही है तो भारत सरकार को महंगी क्यों? भारत बॉयोएनटेक की वैक्सीन भी सरकार महंगी क्यों खरीद रही है। इन सवालों पर रविवार को कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरा और वैक्सीन खरीद में धांधली का शक जताया। कांग्रेस ने यह भी पूछा है कि सरकार यह बताए कि देश के नागरिकों को वैक्सीन फ्री मिलेगी या नहीं।

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कोरोना वैक्सीन को लेकर नया हंगामा खड़ा हो गया है

कोरोना वैक्सीन को लेकर नया हंगामा खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने रविवार को कहा कि देश में कई टीकाकरण अभियान इससे पहले चलाए गए लेकिन कभी इसके लिए देशवासियों से पैसा नहीं लिया गया। केंद्र की मोदी सरकार को बताना चाहिए कि देश के सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन कब मिलेगी। यह सभी लोगों को मुफ्त में मिलेगी या नहीं। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस में कोरोना वैक्सीन के दाम को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना वैक्सीन को लेकर मुनाफे और भ्रष्टाचार का धंधा शुरू किए जाने का आरोप भी लगाया। मीडिया को उन्होंने बताया कि बेल्जियम की सरकार ने ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन खरीदी है और उसे यह वैक्सीन 158 रुपये में मिल रही है। जबकि सीरम इंस्टीट्यूट के अदार पूनावाला ने दावा किया है कि वह लागत मूल्य पर भारत सरकार को वैक्सीन उपलब्ध कराएंगे।

congress-party-flag congress-party-flag (PC: social media)

सरकार उनसे दो सौ रुपये में वैक्सीन खरीद रही है

इसके बावजूद सरकार उनसे दो सौ रुपये में वैक्सीन खरीद रही है। ऐसा क्यों किया जा रहा है। इसी तरह भारत बॉयोएनटेक की वैक्सीन भी केंद्र सरकार 295 रुपये में खरीद रही है। जबकि भारत बॉयोएनटेक ने यह वैक्सीन आईसीएमआर के सहयोग से विकसित की है। रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा सरकार को यह बताना चाहिए कि केंद्र सरकार के सहयोग से विकसित की जाने वाली वैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन के मुकाबले 95 रुपये ज्यादा दाम पर क्यों खरीदा जा रहा है। इसके अलावा सीरम इंस्टीट्यूट जिस वैक्सीन को बेल्जियम सरकार को 158 रुपये में दे रहा है वह भारत सरकार को 42 रुपये महंगा क्यों दे रहा है। क्या इस खरीद में भी कोई धांधली की जा रही है।

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कांग्रेस ने देशवासियों के लिए चलाए तीन बड़े अभियान

सुरजेवाला ने मीडिया को बताया कि कांग्रेस की सरकारों ने देश में तीन बड़े टीकाकरण अभियान चलाए। राष्ट्रीय स्तर पर संचालित इन अभियानों के लिए सरकार ने कभी नागरिकों से शुल्क नहीं लिया। सबसे पहले राष्ट्रीय ट्यूबरकुलोसिस नियंत्रण कार्यक्रम 1962, राष्ट्रीय चेचक उन्मूलन कार्यक्रम 1962 और देश में पोलियो मुक्त अभियान चलाया।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार के ड्रग कंट्रोलर के अनुसार सरकार ने अब तक केवल 165 लाख वैक्सीन खुराक आर्डर किया है। हर व्यक्ति को दो खुराक दी जाएंगी। इस तरह केवल 82 लाख 50 हजार स्वास्थ्यकर्मियों को ही वैक्सीन दी जा सकेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन करोड़ लोगों को वैक्सीन देने का एलान किया है तो क्या देश के करोड़ों दलितों, आदिवासियों और गरीब लोगों को वैक्सीन नहीं दी जाएगी।

रिपोर्ट- अखिलेश तिवारी

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