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Maharashtra : 'सहकारिता क्षेत्र में डॉ विट्ठल राव विखे पाटिल का योगदान अतुलनीय', अहमदनगर में बोले राजनाथ सिंह

Rajnath Singh on Vitthalrao Vikhe Patil: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विट्ठलराव विखे पाटिल की 123वीं जयंती पर एक पुरस्कार वितरण समारोह में शामिल हुए। उन्होंने 'कला गौरव पुरस्कार' हर साल विट्ठलराव विखे पाटिल की जयंती के अवसर पर वितरित किया जाता है।

Aman Kumar Singh
Published on: 31 Aug 2023 5:44 PM IST (Updated on: 31 Aug 2023 5:53 PM IST)
Maharashtra : सहकारिता क्षेत्र में डॉ विट्ठल राव विखे पाटिल का योगदान अतुलनीय, अहमदनगर में बोले राजनाथ सिंह
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Rajnath Singh on Vitthalrao Vikhe Patil (Social media)

Rajnath Singh on Vitthalrao Vikhe Patil: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) गुरुवार (31 अगस्त) को महाराष्ट्र के अहमदनगर में थे। रक्षा मंत्री शिरडी के साईं बाबा मंदिर में पूजा-अर्चना की। राजनाथ सिंह के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) और राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल (Radhakrishna Vikhe Patil) भी थे। रक्षा मंत्री ने यहां कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस दौरान अहमदनगर के उद्योगपति विट्ठलराव विखे पाटिल (Vitthalrao Vikhe Patil) की 123वीं जयंती पर एक पुरस्कार वितरण समारोह में शामिल होने पहुंचे। बता दें, 'कला गौरव पुरस्कार' हर साल विट्ठलराव विखे पाटिल की जयंती के अवसर पर वितरित किया जाता है।

राजनाथ- विट्ठल राव पाटिल का अतुलनीय योगदान

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा, ये पहला अवसर है जब अहमदनगर जिले के दौरे पर आए हैं। इस दौरान राजनाथ बोले, 'सहकारिता क्षेत्र में डॉ. विट्ठल राव विखे पाटिल जी का योगदान अतुलनीय है।' उन्होंने कहा, विखे पाटिल जी ने हमेशा समाज की भलाई के लिए काम किया और हमेशा ही राजनीति को माध्यम बनाने पर जोर दिया। समाज में सार्थक परिवर्तन लाना और गरीबों और गांवों की समस्याओं के समाधान के लिए।'

'विट्ठल राव का जीवन कृषि-सहकारिता को समर्पित'

अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने कहा, 'ये धरती संभाजी महाराज, सावित्री बाई फुले और डॉ भीमराव अंबेडकर की है। लेकिन, आज डॉ. विट्ठल राव विखे पाटिल की जयंती के 123वें कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिला। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद गणमान्य लोगों का भी आभार जताया। उन्होंने कहा, कृषि सहकारिता से जुड़े सभी लोगों का सम्मान। इस क्षेत्र से जुड़े सभी लोग विट्ठल राव पाटिल की संस्कृति को आगे बढ़ा रहे हैं। विट्ठल राव जी ने अपना सम्पूर्ण जीवन कृषि और सहकारिता के क्षेत्र में अर्पित कर दिया।'

'विट्ठल राव पाटिल को शत-शत नमन'

उन्होंने कहा, 'आज कॉपरेटिव सेक्टर में जो समृद्धि दिखाई दे रही है, महाराष्ट्र ही नहीं पूरे देश में, उसमें पद्मश्री डॉ. विट्ठल राव विखे पाटिल का अहम् योगदान रहा है। कृषि क्षेत्र में उन्होंने जो कुछ भी किया, उससे हिंदुस्तान के अन्य राज्यों के लोगों ने सीख ली। ये आज का सम्मान समारोह भी कृषि और सहकारिता क्षेत्र से संबंधित लोगों द्वारा आयोजित है, इसलिए विट्ठल राव पाटिल को शत-शत नमन।'

स्वयं सहायता समूह का महत्व

राजनाथ सिंह ने कहा, 'आपमें से अधिकांश लोग कृषि सहकारिता क्षेत्र से जुड़े हैं। इसलिए आप इस बात का महत्व जानते होंगे, कि वर्तमान में तथा आने वाले समय में भी सहकारी समितियाँ (cooperative societies) किस तरह से भारत की विकास यात्रा में अपनी बड़ी भूमिका निभाने वाली हैं। मैं आप सबसे स्वयं सहायता समूह (Self Help Groups) के बारे में भी बात करना चाहूंगा। ये समूह, legal या formal रूप में भले ही co-operative societies के अंतर्गत न आते हों, लेकिन वह भी लोगों के बीच co-operation का एक माध्यम हैं। वह भी सहकार का ही एक स्वरूप है।'

ग्रामीण सहकारी बैंकों की मज़बूती पर दे रहे ध्यान

रक्षा मंत्री बोले, 'सहकार से समृद्धि' के नाम से हमने एक स्कीम की शुरुआत की है। जिसके माध्यम से हम देश में सहकारी चीनी उद्योग समेत अनेक क्षेत्रों के revival का प्रयास कर रहे हैं। इसके साथ ही हम इस योजना के माध्यम से ग्रामीण सहकारी बैंकों की मज़बूती की तरफ भी ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, यदि आप अकेले रहकर कोई काम करते हैं तो आप वह काम कर तो सकते हैं, लेकिन यदि उसमें संगठन का बल लग जाए तो वह काम पूजा की तरह लगता है, तथा उससे समृद्धि आती है, ख़ुशहाली आती है।'

राजनाथ सिंह से पहले राष्ट्रपति गई थीं शिरडी

राजनाथ सिंह शिरडी के साईं बाबा मंदिर भी गए। बता दें, इससे पहले जुलाई महीने में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) को भी शिरडी के साईं बाबा मंदिर में पूजा करते देखा गया था। हालांकि, राष्ट्रपति ने अपनी यात्रा के दौरान मीडिया को सीधे तौर पर संबोधित नहीं किया था। तब साईंबाबा सनातन ट्रस्ट के सीईओ ने कहा था कि, उन्होंने साईं बाबा के जीवन और समय के बारे में जानकारियां ली। राष्ट्रपति मुर्मू के साथ महाराष्ट्र के रमेश बैस और राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल भी थे।

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