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Coromandel Express Accident: क्या है ट्रेनों का पटरी से उतरने का प्रमुख कारण, ऐसे होती है बड़ी रेल दुर्घटना
Coromandel Express Accident: अबतक की तीसरी सबसे बड़ी रेल दुर्घटना बताया जा रहा है। करीब 288 मौते हुई। हजार से अधिक घायल हुए। कितनों के परिवार उजड़ गए।
Coromandel Express Accident: भारत में ट्रांसपोर्ट के लिहाज से रेलवे एक महुत्वपूर्ण माध्यम है। भारत में सड़क मार्ग सबसे अधिक व्यस्त और विश्व में अमेरिका के बाद सबसे अधिक व्यस्त मार्ग है। वहीं रेल परिवहन की बाद करें तो भारत में चौथा सबसे बड़ा और विश्व में दूसरा सबसे व्यस्त मार्ग है। इसकी कुल लंबाई करीब 65 हजार किलोमीटर है। भारत में रेल का इतिहास लगभग 150 साल पुराना है। इस दौरान कई दुर्घटनाएं हुई जिसने सभी को अंदर से झकझोर के रख दिया। ऐसी ही एक घटना ओडिशा में हुई, जहां लगातार तीन ट्रेने दुर्घटनाग्रस्त हो गईं। इसे अबतक की तीसरी सबसे बड़ी रेल दुर्घटना बताया जा रहा है। करीब 288 मौते हुई। हजार से अधिक घायल हुए। कितनों के परिवार उजड़ गए। प्रत्येक मानवीय आंखें नम हो गई। ये भयंकर सड़क दुर्घटना ट्रेन के पटरी से उतरने के कारण हुई। आज हम इस लेख में इसी विषय पर चर्चा करेंगे कि आखिर ट्रेने पटरी से क्यों उतरती हैं।
इन कारणों से ट्रेने होती हैं बेपटरी
- ट्रेनों के बेपटरी होने का सबसे बड़ा कारण मैकेनिकल फाल्ट
- रेलवे ट्रैक पर लगने वाले उपकरण का खराब होना है।
- पटरियों में दरार पड़ने के कारण
- ट्रेन के डिब्बों को बाधे रखने वाला उपकरण खराब या ढीला होने पर
- एक्सेल जिसपर ट्रेन की बोगी रखी जाती है, टूटने के कारण
- लगातार ट्रेनों के चलने पर पटरियों में बदलाल आता है। दि उसपर विशेष ध्यान न दिया जाए तो दुर्घना हो सकती है।
ज्वाइंट प्वाइंट प्रमुख वजह
रेल हादसे की प्रमुख वजह ज्वाइंट प्वाइंट को भी माना जाता है। प्रत्येक ज्वाइंट में 2.5 से 3 सेंटीमीटर का गैप होना चाहिए। लेकिन रखरखाव अच्छा न होने के कारण ये गैप कम ज्यादा हो जाता है। इस वजह से भी ट्रेन हादसे होते हैं। इसे रोकने के लिए समय-समय पर निरिक्षण कार्य होते रहना चाहिए। निरंतर मेंटिनेन्स का कार्य न होने के कारण ही ओडीशा में कोरोमण्डल एक्सप्रेस जैसी दुर्घटना होती है।