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कोरोना का कहर: 4 रुपए में बिक रहा चिकन, पोल्ट्री उद्योग को करोड़ों का नुकसान

कोरोना के प्रकोप से अब पोल्ट्री उद्योग भी चरमराने लगा है। चिकन की बिक्री में 80 प्रतिशत तक कमी आई है, वहीं अंडे की कीमत में भारी गिरावट देखने को मिल रही है

Aradhya Tripathi
Published on: 16 March 2020 3:17 PM IST
कोरोना का कहर: 4 रुपए में बिक रहा चिकन, पोल्ट्री उद्योग को करोड़ों का नुकसान
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कोरोना वायरस का कहर लगातार ज़ारी है। कोरोना के प्रकोप से अब पोल्ट्री उद्योग भी चरमराने लगा है। चिकन की बिक्री में 80 प्रतिशत तक कमी आई है, वहीं अंडे की कीमत में भारी गिरावट देखने को मिल रही है।

हालात यह हैं कि प्रदेश के पोल्ट्री उद्योग को 20 दिन में लगभग 3 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। जिसके चलते चिकन महज 4 रुपए किलो बिक रहा है। हालांकि इस बारे में पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर चिकन और मांस खाने से कोरोना फैलने से इनकार किया है।

50 रुपए से गिरकर 4 रुपए में पहुंचा चिकन

बरवाला रायपुर रानी क्षेत्र में स्थित एशिया की दूसरे नंबर की पोल्ट्री बेल्ट है। हरियाणा पोल्ट्री एसोसिएशन के प्रधान दर्शन सिंगला का कहना है कि बरवाला व रायपुररानी क्षेत्र से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, कोलकाता, बिहार, दिल्ली, असम और उत्तर-प्रदेश सहित कई राज्यों को अंडा और मुर्गी सप्लाई की जाती है।

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करीब पिछले 20 दिन से बरवाला रायपुर रानी क्षेत्र के पोल्ट्री उद्योग को अब तक करीब तीन हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। उन्होंने बताया कि पहले मुर्गी का रेट 50 रुपए किलो था, जो अब घटकर 4 रुपए किलो रह गया है। अंडे का रेट 4 रुपए 80 पैसे से घटकर 2 रुपए 30 पैसे रह गया है। लोग चिकन खाने से भी परहेज कर रहें हैं।

चिकन की बिक्री में आई 80 प्रतिशत की कमी

इसके चलते बाजार में भी चिकन की मांग में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है। पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर कहा था कि चिकन व अन्य मास के खाने से कोरोना वायरस नहीं फैलता है इसके बावजूद लोग चिकन खाने से बच रहे हैं। इसका असर सीधे पोल्ट्री उद्योग पर पड़ रहा है। जिसको भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

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दुकानदारों का दावा है कि कोरोना वायरस के चलते चिकन की बिक्री में 80 प्रतिशत की कमी आई है। पोल्ट्री फार्म संचालकों को मुर्गियों की खुराक जैसे मक्की, बाजरा व अन्य की भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। उनके अनुसार पोल्ट्री उद्योग बंद करने की नौबत आ गई है। पोल्ट्री एसोसिएशन ने सरकार से पोल्ट्री उद्योग को आर्थिक सहायता देने की मांग की है।



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Aradhya Tripathi

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