कोरोना विस्फोटः होश उड़ाता कम्युनिटी संक्रमण, एक दिन में 39 हजार

इन्होंने भी प्रदेश के अंदरूनी इलाकों तक संक्रमण पहुंचा दिया है।यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ करीब करीब रोज़ ही कोरोना को लेकर बैठकें कर रहे हैं। सरकार का दावा है कि टेस्ट की संख्या बढ़ाई गई है इसलिए कोरोना केसेज़ बढ़े हुए मिल रहे हैं।

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Published on: 19 July 2020 11:03 AM GMT
कोरोना विस्फोटः होश उड़ाता कम्युनिटी संक्रमण, एक दिन में 39 हजार
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कोरोना और लॉक डाउन कितना कारगर, यूपी में क्या है खतरा। यूपी में सामुदायिक संक्रमण शुरू हो चुका है हालांकि सरकार ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है लेकिन हालात देखते हुए सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें हैं तो वहीं लोग भी डरे हुए हैं। क्योंकि यूपी जैसे बड़े राज्य में अगर संक्रमण विस्फोट हुआ तो हालात क्या होंगे इसका अंदाज़ा लगा पाना फिलहाल मुश्किल है।

महाराष्ट्र में 144 तो यूपी में 24 मौतें

दुनिया भर में कोरोना की गिरफ्त का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। भारत में भी अब संक्रमण तेज़ी पकड़ चुका है। पिछले 24 घंटों में देश में कोरोना संक्रमण के एक दिन में सबसे अधिक 38,902 मामले सामने आए हैं, जबकि अब तक 6.77 लाख मरीज ठीक हुए हैं। पिछले 24 घंटों में 543 लोगों की मौत हुई है। इनमें महाराष्ट्र में 144, कर्नाटक में 93, तमिलनाडु में 88, आंध्र प्रदेश में 52, पश्चिम बंगाल 27, दिल्ली 26, उत्तर प्रदेश 24, हरियाणा 17, गुजरात 16 और मध्य प्रदेश में 9 की मौत हुई है।

संक्रमण का औसतन आंकड़ा प्रतिदिन 30,000 के ऊपर पहुंच गया है। इस आंकड़े का एक बड़ा हिस्सा महाराष्ट्र और दिल्ली के बाद उत्तर प्रदेश से आता है। पिछले 24 घंटों में यूपी में करीब 2000 लोग कोरोना पॉज़िटिव निकले हैं। 24 लोगों कोरोना से जंग हार भी गए।

कोरोना की इस दहशत के बीच एक बार फिर यूपी वीकेंड लॉकडाउन की राह पर चल पड़ा है। मुख्यमंत्री ने स्थिति का आंकलन करते हुए प्रदेश में हर हफ्ते 55 घंटे का लाकडाउन घोषित कर दिया है। यानी हर शुक्रवार रात 10 बजे से सोमवार सुबह 5 बजे तक सभी शहरों में पूरी तरह से लाकडाउन जारी है। राजधानी में तो हालात को बदतर होते देख ज्यादा संक्रमण वाले इलाकों में सम्पूर्ण लॉकडाउन कर दिया गया है।

नहीं सुधर रहे हालात-

ल़ाकडाउन के जरिए सरकार का इरादा संक्रमण की चेन तोड़ने और शहरों के सैनिटाइज़ेशन का है जिससे कोरोना के बढ़ते केसेज़ पर काबू पाया जा सके। पर फिलहाल नतीजे सकारातमक नहीं मिल रहे हैं। पहले जहां एक दिन में सौ के करीब मरीज़ मिल रहे थे वहीं अब ये संख्या 200 से 300 के बीच पहुंच गई है।

अस्पतालों में बेड खाली नहीं हैं। ऐसे में मरीज़ों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल रेफर किया जा रहा है। इस समस्या को और गम्भीर बना दिया है एसिम्पटोमैटिक मरीज़ों ने।

दरअसल अब पूरे यूपी में एसिम्पटोमैटिक मरीज़ों की संख्या भी तेज़ी से बढ़ रही है पर सरकार ने उन्हें होम क्वारंटीन करने के बजाय अस्पतालों में भर्ती करने की नीति बना रखी है। यही वजह है कि शहरों के सारे बड़े अस्पताल फुल हो चुके हैं।

क्यों बढ़ गया है खतरा-

बिना लक्षण वाले बढ़ते मरीज़ों ने कोरोना की चुनौती को और मुश्किल बना दिया है। ये एसिम्पटोमैटिक मरीज़ बीमारी के सुपर स्प्रैडर बन चुके हैं। ये सुपर स्प्रैडर अपने पूरे परिवार और जानने वालों तक वायरस पहुंचा रहे हैं।

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एक ही परिवार के 10 से लेकर 17 तक मरीज़ मिलने से हड़कम्प मच गया है। स्वाय्थ्य विभाग के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं और चुनौती लगातार बढ़ रही है।

यूपी क्यों है संवेदनशील-

आबादी के लिहाज़ से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। शहरों के अलावा यहां गांवों में भी संक्रमण पहुंच चुका है। दरअसल देश के सभी बड़े शहरों से लौटे मज़दूरों में एक बड़ा हिस्सा यूपी से ताल्लुक रखता था।

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इन्होंने भी प्रदेश के अंदरूनी इलाकों तक संक्रमण पहुंचा दिया है।यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ करीब करीब रोज़ ही कोरोना को लेकर बैठकें कर रहे हैं। सरकार का दावा है कि टेस्ट की संख्या बढ़ाई गई है इसलिए कोरोना केसेज़ बढ़े हुए मिल रहे हैं।

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