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भारत के लिए गर्व की बात: Oxford के कोरोना वैक्सीन ट्रायल में 1500 भारतीय शामिल

कोरोना वैक्सीन तैयार करने का काम भारत में तेजी के साथ चल रहा है। इसके जल्द से जल्द आने की उम्मीद लगाई जा रही है। भारत कोरोना वैक्सीन के लिए दुनिया के अन्य शोध संस्थानों के साथ भी मिलकर रिसर्च में साझेदारी निभा रहा है।

Newstrack
Published on: 23 July 2020 3:15 PM GMT
भारत के लिए गर्व की बात: Oxford के कोरोना वैक्सीन ट्रायल में 1500 भारतीय शामिल
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नई दिल्ली: कोरोना वैक्सीन तैयार करने का काम भारत में तेजी के साथ चल रहा है। इसके जल्द से जल्द आने की उम्मीद लगाई जा रही है। भारत कोरोना वैक्सीन के लिए दुनिया के अन्य शोध संस्थानों के साथ भी मिलकर रिसर्च में साझेदारी निभा रहा है। जिसमें से एक ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी भी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैक्सीन प्रोजेक्ट के तीसरे फेज के ट्रायल भारत में भी किए जाएंगे। देश के अलग-अलग हिस्सों के अस्पतालों में 1500 से ज्यादा भारतीय नागरिकों पर इस वैक्सीन का परीक्षण किया जाएगा। अगस्त महीने के पहले सप्ताह से इस ट्रायल की शुरुआत हो सकती है। इस वैक्सीन प्रोजेक्ट का नाम AZD1222 रखा गया है।

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कोरोना वायरस के खिलाफ पूरी दुनिया जंग लड़ रही हैं। इस पर जल्द से जल्द काबू पाने के लिए भारत अमेरिका, चीन, रूस समेत तमाम बड़े मुल्क दिन रात वैक्सीन के ट्रायल पर जुटे हुए हैं। रूस के बाद अब चीन ने दावा किया है कि उसने कोरोना वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल का दूसरा चरण भी सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।

वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने दावा किया है कि ये वैक्सीन इंसानों के लिए सुरक्षित है। साथ ही शरीर के इम्यून सिस्टम को और मजबूत कर रही है। इसके दूसरे फेज के नतीजे द लैंसेट मैगजीन में प्रकाशित हुए हैं।

फेज-1 में 108 स्वस्थ्य लोगों पर ट्रायल

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक पहले फेज के मुकाबले में चीन की वैक्सीन को दूसरे फेज में ज्यादा लोगों पर परीक्षण किया गया। फेज-1 में 108 स्वस्थ्य लोगों पर ये परीक्षण किया गया था। जबकि, दूसरे फेज में इस वैक्सीन को 508 लोगों पर परीक्षण किया गया है। जिसके नतीजे अच्छे रहे हैं।

वही द लैंसेट में छपी रिपोर्ट के अनुसार , चीन की वैक्सीन Ad5 का परीक्षण वुहान शहर में किया गया। इस वैक्सीन का प्रभाव सभी उम्र के समूहों पर जांचा गया। जांच में पता चला कि यह हर उम्र के कोरोना मरीजों के लिए फायदेमंद है।

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18 से 55 साल से अधिक उम्र के लोगों पर ट्रायल

जबकि चीन के जियांशु प्रोविंशियल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के प्रोफेसर फेंगकाई झू के अनुसार हमने इन 508 लोगों में 18 से लेकर 55 साल से अधिक तक की उम्र के लोगों को शामिल किया था। यह फेज-1 के परीक्षण से पांच गुना ज्यादा बड़ा फेज था।

उधर बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी की प्रोफेसर वेई चेन ने कहा कि कोरोना का सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्ग लोगों को है। लेकिन हमारी इस वैक्सीन ने दूसरे फेज में शानदार नतीजे दिए हैं। इसकी वजह से कई बुजुर्ग स्वस्थ हो गए। इन सभी लोगों के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी हुई है।

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