कोरोना की ये दवा हुई सस्ती, इन मरीजों के लिए भी है कारगर, जानें नई कीमत

कोरोना के मामूली लक्षण वाले मरीजों को पहले दिन फैबिफ्लू की 1800 एमजी की दो खुराक लेनी होती है और उसके बाद 14 दिन तक 800 एमजी की दो खुराक लेनी होती है...

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Published on: 17 July 2020 5:16 PM GMT
कोरोना की ये दवा हुई सस्ती, इन मरीजों के लिए भी है कारगर, जानें नई कीमत
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मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए वैक्सीन बनाने में देश और विदेश के तमाम विशेषज्ञ और दवा कंपनियां जुटी हुई हैं। इसी बीच हल्के कोरोना संक्रमण के लिए ग्लेनमार्क फार्मा कंपनी की एंटीवायरल दवा फैबिफ्लू का अच्छा असर देखने में सामने आया है।

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ये होगी नई कीमत

अच्छी बात यह है कि कंपनी ने अपनी इस एंटीवायरल ड्रग फैबिफ्लू की कीमत में 27 फीसदी कम कर दी है। अब फैबिफ्लू के प्रति टेबलेट की कीमत 75 रुपये हो गई है। ग्लेनमार्क फार्मा ने पिछले महीने से फैबिफ्लू टेबलेट को 103 रुपये प्रति टेबलेट के भाव से लांच किया था। ग्लेनमार्क फार्मा ने शेयर बाजार नियामक को बताया है कि फैबिफ्लू के टेबलेट की नई एमआरपी 75 रुपये प्रति टेबलेट होगी।

नियामक को दी गई जानकारी में कहा गया है कि कोरोना वायरस की दवा की कीमत में कमी इसलिए की गई है क्योंकि अब इसका उत्पादन बड़े स्तर पर हो रहा है और इसका कच्चा माल भी ग्लेनमार्क के भारत संयत्र में ही बनाया जा रहा है।

मरीजों के लिए आसानी से होगी उपलब्ध

इस वजह से दवा की लागत कम होने का फायदा और उनके मरीजों को दिया जा रहा है। कंपनी ने कहा है कि भारत में फैबिफ्लू बहुत ही कम कीमत पर लांच की गई थी और अब इसकी कीमत में 27 फीसदी कमी से देशभर के मरीजों के लिए यह आसानी से उपलब्ध हो पाएगा। कोरोना के मामूली लक्षण वाले मरीजों के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली फैबिफ्लू के साथ सबसे अच्छी बात यह है कि यह खाने वाली दवा है जो इलाज का एक सुविधाजनक विकल्प है।

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डायबिटीज व हार्ट पेशेंट भी खा सकते है यह दवा

कोरोना के मामूली लक्षण वाले मरीजों को पहले दिन फैबिफ्लू की 1800 एमजी की दो खुराक लेनी होती है और उसके बाद 14 दिन तक 800 एमजी की दो खुराक लेनी होती है। ग्लेनमार्क फार्मा के मुताबिक मामूली संक्रमण वाले ऐसे मरीज जो मधुमेह या दिल की बीमारी से पीड़ित हैं, उन्हें भी यह दवा दी जा सकती है।

बता दें कि बीती 20 जून को इस दवा की लांचिंग के समय ग्लेनमार्क फार्मा ने कहा था कि फैबिफ्लू कोविड19 के इलाज के लिए फेविपिराविर दवा है, जिसे नियामक की मंजूरी मिली थी। जिसको फैबिफ्लू ब्रांड नाम से पेश किया गया है। क्लिनिकल परीक्षण में फैबिफ्लू ने कोरोना वायरस के हल्के संक्रमण से पीड़ित मरीजों पर काफी अच्छे नतीजे दिखाए हैं।

मुंबई की फार्मा कंपनी ने उस वक्त कहा था कि उसे भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) से फैबिफ्लू दवा के निर्माण और मार्केटिंग की अनुमति मिल गई है।

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