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दवा का कर्ज चुका रहा अमेरिका! भारत को दे रहा ये मदद
सोमवार को ट्रंप सरकार ने अमेरिकी संसद को इस बारे में जानकारी दी कि वह भारत को 155 मिलियन डॉलर के एक सौदे में हारपून ब्लॉक 2 एयर लॉन्च मिसाइल और टॉरपीडो देगा।
नई दिल्ली: पूरी दुनिया में इस वक्त कोरोना वायरस की महामारी के चलते हाहाकार मचा हुआ है। अमेरिका तो मानो जैसे कोरोना वायरस का गढ़ बन गया है। अमेरिका में तेजी से न सिर्फ संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ी है, बल्कि कोरोना के चलते मृतकों की भी संख्या तेजी से बढ़ी है। अमेरिका बुरी तरह से संकट से जूझ रहा है।
अमेरिका, भारत को देगा करोड़ों की मिसाइलें
वहीं इस मुश्किल घड़ी में भारत में बीते दिनों अमेरिका की मदद की थी। जिसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने PM मोदी का शुक्रिया भी अदा किया था। PM मोदी की तारीफ करते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि भारत की इस मदद को हम कभी नहीं भूलेंगे। राष्ट्रपति ट्रंप का ये कहा अब सच होते हुए भी दिख रहा है। कल यानि सोमवार को ट्रंप सरकार ने अमेरिकी संसद को इस बारे में जानकारी दी कि वह भारत को 155 मिलियन डॉलर के एक सौदे में हारपून ब्लॉक 2 एयर लॉन्च मिसाइल और टॉरपीडो देगा।
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समझौते के तहत भारत को मिलेंगी ये मिसाइल
आपको बता दें कि अमेरिका, भारत को इस समझौते के तहत 10 AGM-84L हारपून एयर लॉन्च मिसाइलें, जिसकी कीमत करीब 92 मिलियन डॉलर है और 64 मिलियन डॉलर की 16 ML 54 राउंड टॉरपीडो-3 MK 54 एक्ससाइज़ टॉरपीडो दी जाएगी।
अमेरिका हमेशा भारत का करेगा समर्थन
अमेरिकी रक्षा विभाग ने जानकारी दी कि भारत सरकार की ओर से इसे लेकर अपील की गई थी, जिसके लिए अमेरिका ने अब मंजूरी दे दी है। पेंटागन के मुताबिक, हारपूर मिसाइल सिस्टम के जरिए समुद्री क्षेत्रों में सुरक्षा को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। अमेरिका की तरफ से कई मोर्चों पर इसका इस्तेमाल किया जाता रहा है। पेंटागन के मुताबिक, भारत हारपूर मिसाइल सिस्टम का इस्तेमाल क्षेत्रीय संकटों से निपटने में करेगा। अमेरिका की तरफ से लगातार भारत को समर्थन दिया जाता रहेगा।
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ये कंपनी निर्मित करेंगी मिसाइल
जानकारी के लिए आपको बता दें कि भारत को मिलने वाली हारपून मिसाइल को बोइंग द्वारा निर्मित किया जाएगा। जबकि रेथियॉन कंपनी टॉरपीडो को देगी। पेंटागन का कहना है कि भारत और अमेरिका पिछले लंबे असार से अच्छे दोस्त रहे हैं। दोनों देश सुरक्षा की दृष्टि से भी आगे इसी दोस्ती को बढ़ावा देते रहेंगे।
अमेरिका ने भारत से मांगी थी हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दवा
गौरतलब है कि अमेरिका ने कोरोना वायरस के इस मुश्किल समंय में भारत से हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दवा मुहैया कराने का अनुरोध किया था। जिसे भारत ने स्वीकार कर लिया था और अमेरिका को भारी मात्रा में इस दवाई की सप्लाई की गई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मदद के लिए PM मोदी का शुक्रिया अदा करते हुए कहा था कि हम भारत की इस मदद को कभी नहीं भूलेंगे।
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