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कोरोना मृतकों पर बड़ा आदेश, अब संक्रमित शवों के साथ होगा ऐसा...
मध्य प्रदेश की सरकार ने कोरोना के चलते मौत के बाद शवों के अंतिम संस्कार के लिए कुछ गाइलाइंस जारी कर शवों को छूने-चूमने और नहलाने पर रोक लगा दी है।
भोपाल: देश में तेजी से कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। अब तक कोरोना के चलते 9 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 24 घंटे में रिकॉर्ड 51 मौतें होने से कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 324 हो गई है। वहीं इस बीच मध्य प्रदेश की सरकार ने कोरोना के चलते मौत के बाद शवों के अंतिम संस्कार के लिए कुछ गाइलाइंस जारी की है।
शवों के अंतिम संस्कार के लिए जारी की गई गाइजलाइंस
शिवराज सिंह चौहान सरकार ने अंतिम संस्कार के लिए जलाने और दफनाने के लिए गाइडलाइन जारी कर शवों को छूने-चूमने और नहलाने पर रोक लगा दी है। साथ ही सरकार ने मुक्तिधामों और कब्रिस्तान पहुंचने वालों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सैनिटाइज करने जैसे आवश्यक उपाय करने के निर्देश दिए हैं।
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प्रोटोकॉल के तहत ही होगा अंतिम संस्कार
मध्य प्रदेश सरकार ने जो निर्देश दिए हैं, उसमें साफ किया गया है कि कोरोना संदिग्ध मरीजों की मौत के बाद शव को उसकी रिपोर्ट न आने तक सुरक्षित रखा जाए। अगर व्यक्ति की रिपोर्ट निगेटिव आती है यानि अगर उस शख्स की मौत कोरोना की वजह से नहीं हुई है तो शव को परिवार वालों को सौंप दिया जाएगा। वहीं अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आती है यानि उसको कोरोना पॉजिटिव पाया गया तो शव का अंतिम संस्कार जारी किए गए प्रोटोकॉल के तहत ही किया जाएगा।
अन्य जिले या शहर में ले जाने की अनुमति नहीं
सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के मुताबिक, कोरोना के चलते हुई मौत के बाद शव को शहर से बाहर नहीं ले जा सकते हैं। गाइडलाइन में साफ किया गया है कि किसी भी स्थिति में कोरोना से हुई मौत के बाद शव को शहर से बाहर किसी अन्य जिले या शहर में नहीं ले जाया जाएगा।
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रस्म व परम्पराओं पर लगी रोक
इसके अलावा शव के अंतिम संस्कार से पहले अनेक धर्मावलंबियों और समाजों में अदा की जाने वाली जरूरी रस्म व परम्पराओं पर रोक लगा दी गई है। हालांकि ऐसी परम्पराएं जिनमें शवों को छूने की आवश्यकता नहीं होती है, वो परंपरा और रस्म करने की छूट रहेगी। उस स्थिति में परिवार वाले भी शव के अंतिम दर्शन कर सकते हैं।
अंतिम संस्कार के समय ज्यादा लोग नहीं हो सकेंगे इकट्ठा
वह अंतिम संस्कार के बाद राख (अस्थियों) या मृतक के फूलों का संग्रह सावधानियों और कोरोना के जरूरी प्रोटोकॉल के तहत किया जा सकेगा। इसके अलावा शव को जलाने या दफनाने के बाद स्वास्थ्यकर्मियों, मैदानी कर्मचारियों और परिजनों को अच्छे से हाथों की सफाई करनी होगी। वहीं अंतिम संस्कार के समय श्मशान घाट और कब्रिस्तान में ज्यादा लोगों के एकत्रित नहीं हो सकेंगे, इसके लिए भी निर्देश जारी किए गए हैं।
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आइसोलेशन वार्ड को करना होगा सैनिटाइज
इसके अलावा मरीज की मृत्यु के बाद वह जिस आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था उस पूरे आइसोलेशन वार्ड और वहां रखे सभी सामानों को सैनिटाइज करना अनिवार्य है। ऐसा करने के दौरान वहां पर किसी को भी 30 मिनट तक वहां जाने की इजाजत नहीं दी जाए। साथ ही शव को पोस्टमॉर्टम हाउस में 4 डिग्री सेल्सियस तापमान में रखे जाने के निर्देश हैं।
इलाज में इस्तेमाल किए गए सामान को करना होगा नष्ट
वहीं कोरोना के चलते मरने वाले मरीज के संपर्क में आने वाले पैरामैडिकल स्टाफ, एंबुलेंस संचालन, श्मशान-कब्रिस्तान के कर्मचारियों, मुर्दाघर के कर्मचारियों को जरुरी निर्देशों का पालन करने के आदेश दिए गए हैं। इन सभी लोगों को ऐप्रन, ग्लव्स, मास्क, चश्मा जैसे आवश्यक सामग्री का उपयोग करना होगा। साथ ही मरीज के इलाज में इस्तेमाल किए गए सामान को नष्ट और डिसइन्फेक्ट यानी विषाणु मुक्त करने के निर्देश हैं।
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बता दें कि देश में कोरोना वायरस (Corona virus) के मामलों की संख्या कम नहीं हो रही है। अब तक कोरोना से 9,352 लोग संक्रमित हो चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, 24 घंटे में रिकॉर्ड 51 मौतें होने से कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 324 हो गई है। मंत्रालय के अनुसार रविवार शाम से संक्रमण के मामलों में 905 की वृद्धि हुई है। अब तक करीब 980 लोग पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।