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जारी हुई नई गाइडलाइंस: इन नियमों का सख्ती से पालन, 31 दिसंबर तक लागू

कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले अब तेजी से बढ़ने लगे हैं। ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को ताजा दिशानिर्देश जारी किए है। जिसके चलते कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए जारी किए गए ये ताजा दिशानिर्देश 1 दिसंबर से 31 दिसंबर तक लागू रहेंगे।

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Published on: 28 Nov 2020 10:21 AM GMT
जारी हुई नई गाइडलाइंस: इन नियमों का सख्ती से पालन, 31 दिसंबर तक लागू
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जिन पुलिसकर्मियों- अधिकारियों के मोबाइल नंबर पुलिस इंफॉर्मेशन सिस्टम में मौजूद नहीं हैं, उनको तमाम जिले के डीसीपी और आईटी सेल के जरिए ईमेल किया जाएगा।

नई दिल्ली। देश के तमाम राज्यों में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले अब तेजी से बढ़ने लगे हैं। ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को ताजा दिशानिर्देश जारी किए है। जिसके चलते कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए जारी किए गए ये ताजा दिशानिर्देश 1 दिसंबर से 31 दिसंबर तक लागू रहेंगे। इन राज्यों को अपने यहां के संक्रमण से बिगड़ते हालातों को काबू में लाने के लिए नाइट कर्फ्यू जैसे फैसले लेने के अधिकार तो होंगे। हालाकिं केंद्र की पूर्व चर्चा के बगैर वे कंटेनमेंट जोन्स से बाहर लॉकडाउन का फैसला नहीं ले पाएंगे।

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गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस

सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन्स के अनुसार, कंटेनमेंट जोन्स में सभी एहतियातों के पालन कराने की जिम्मेदारी जिला प्रशासनों की होगी। कंटेनमेंट जोन्स की सूची को डिस्ट्रिक्ट कलेक्टरों और संबंधित राज्यों की वेबसाइटों पर प्रकाशित करना होगा। कंटेनमेंट जोन्स के लिए बनाए गए नियमों का पालन सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस, निगम और जिला प्रशासन की होगी। राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारें इस बारे में अफसरों की जवाबदेही तय करेंगी।

जारी की गई नई गाइडलाइंस में भी सिनेमा हॉल्स, थिअटर्स, स्विमिंग पूल्स आदि को लेकर पाबंदिया जारी हैं। सिनेमा हॉल अभी भी 50 प्रतिशत दर्शक क्षमता के साथ चलेंगे। वहीं स्विमिंग पूल्स का इस्तेमाल सिर्फ स्पोर्ट्स पर्सन्स की ट्रेनिंग के लिए हो सकेगा।

इसके साथ ही गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस के अनुसार, किसी भी तरह के कार्यक्रम हो या तो धार्मिक हों, सामाजिक हों, खेल से हों, मनोरंजन या शैक्षणिक हों, उसमें 200 से ज्यादा लोग शामिल नहीं हो सकते हैं। वहीं अगर राज्य सरकारें चाहें तो इस संख्या को 100 या उससे भी कम पर सीमित कर सकते हैं।

unlock फोटो-सोशल मीडिया

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परमिट/ई-परमिट की जरूरत नहीं

ऐसे में राज्यों को अपने यहां के हालात के हिसाब से नाइट कर्फ्यू जैसे फैसले लेने की छूट है। गाइडलाइन में जिन शहरों में साप्ताहिक केस पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत से ऊपर रहेगी, वहां दफ्तरों, फैक्ट्रियों, दुकानों आदि में वर्किंग ऑवर अलग-अलग समय पर करने की सलाह दी गई है जिससे एक ही समय में बहुत ज्यादा इम्प्लॉयी न आएं।

लेकिन राज्यों को कंटेनमेंट जोन्स से बाहर स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन (राज्य/जिला/सब डिविजन/शहर स्तर पर) लागू करने से पहले केंद्र के साथ चर्चा करनी होगी। बिना पूर्व चर्चा के स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लागू नहीं किए जा सकेंगे।

इसके अलावा एक राज्य से दूसरे राज्य या किसी राज्य के ही अंदर लोगों और सामानों की आवाजाही पर कोई रोक नहीं रहेगी। आवाजाही के लिए अलग से किसी भी तरह के परमिट/ई-परमिट की जरूरत नहीं होगी।

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बच्चों को घरों में ही रहने की सलाह

दूसरी तरफ ज्यादा खतरा लेने वाले लोगों जैसे 65 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों, पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों, गर्भवती महिलाओं, 10 साल से कम उम्र के बच्चों को घरों में ही रहने की सलाह दी गई है। जब तक बहुत ही ज्यादा जरूरी न हो, उन्हें बाहर निकलने से बचना चाहिए।

इसके साथ ही राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि लोग मास्क लगाएं, हैंड सैनिटाइज करें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। मास्क न लगाने वालों पर राज्य सरकार अपने हिसाब से जुर्माना तय कर सकती हैं।

वहीं भीड़भाड़ वाले इलाकों खासकर बाजारों, साप्ताहिक बाजारों और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सोशल डिस्टेंसिंग के पालन की निगरानी होगी। लोगों पर सार्वजनिक जगहों पर थूकने पर जुर्माना लगेगा। जितना संभव हो, वर्क फ्रॉम होम पर जोर रहना चाहिए।

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