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कोरोना इन पर भारी: ISRO के बजट पर चली कटौती की कैंची, अब होगी देरी

कोरोना के चलते भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो (ISRO) का काम तो कम हो ही गया है, साथ ही अब कोरोना के कहर के चलते ISRO के बजट पर कटौती की कैंची चल गई है।

Shreya
Published on: 9 April 2020 7:03 AM GMT
कोरोना इन पर भारी: ISRO के बजट पर चली कटौती की कैंची, अब होगी देरी
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कोरोना इन पर भारी: ISRO के बचट पर चली कटौती की कैंची, अब होगी देरी

नई दिल्ली: कोरोना वायरस ने इस वक्त पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रखा है। कोरोना वायरस की महामारी के रोकथाम के लिए देश को 21 दिनों तक लॉकडाउन रखा गया है। जिसके चलते भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो (ISRO) का काम तो कम हो ही गया है, साथ ही अब कोरोना के कहर के चलते ISRO के बजट पर कटौती की कैंची चल गई है। इसरो के वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही यानि अप्रैल से जून के बजट में बड़ी कटौती की गई है।

इसरो के कई प्रोजेक्ट्स में हो सकती है देरी

हालांकि बचट में इस कटौती के चलते इसरो की कार्यप्रणाली पर कितना असर होगा, यह कहना काफी मुश्किल है। लेकिन लॉकडाउन और बजट में कटौती के चलते इसरो के कई प्रोजेक्ट्स में देरी हो सकती है। यानि इस साल कई मिशन में देरी हो सकती है या फिर प्रोजेक्ट्स अगले साल तक के लिए टल सकता है।

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ऑफिस मेमोरेंडम दी गई जानकारी

वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) के अधीन आने वाले इकोनॉमिक अफेयर्स विभाग के बजट डिविजन ने एक ऑफिस मेमोरेंडम जारी करते हुए अंतरिक्ष विभाग (Department of Space) को कहा है कि वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही (अप्रैल से जून) में 15 फीसदी की कटौती की जा रही है। ऑफिस मेमोरेंडम में कहा गया है कि आपको दिए गए निर्देशानुसार ही खर्च चलाना होगा।

इसरो के ज्यादातर वैज्ञानिक घरों से कर रहे काम

जैसा कि भारत को 21 दिनों तक लॉकडाउन रखा गया है तो इस दौरान इसरो के ज्यादातर वैज्ञानिक (Scientist) अपने-अपने घरों से ही काम कर रहे हैं। सभी मिशन को होल्ड पर रखा गया है। कुछ मिशन के काम पूरे भी हो गए थे। लेकिन सभी अभी सभी प्रोजेक्टस और मिशन को यथास्थिति में रखने के लिए कहा गया है। इसरो के करीब 17 हजार साइंटिस्ट और टेक्नीशियन अपने-अपने घरों से ही डेवलपमेंट वर्क पर काम कर रहे हैं, जो कि अगले मिशन के लिए हैं।

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बजट में कटौती से नहीं रूकेगा कोई मिशन

बजट में कटौती करने पर इसरो के पूर्व वैज्ञानिक विनोद कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि इसरो के पास हर मिशन के लिए अलग बजट रहता है। आमतौर पर ISRO के पास इतने पैसे होते हैं कि आपातकालीन स्थिति में किसी मिशन को न रोकना पड़े। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में 15 फीसदी की कटौती करने पर मिशन पर असर नहीं पड़ेगा।

क्योंकि इसरो के पास हर मिशन के लिए अलग बजट है। उन्होंने बताया कि जो बजट पहले से रिलीज किया जा चुका है, उसमें कोई कटौती नहीं की जाती। जो पैसे अभी लॉकडाउन में खर्च नहीं होंगे, ये कटौती उन खर्चों की है।

बजट की वजह से नहीं होगी मिशन में देरी

विनोद कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि इसरो के सभी मिशन का एक शेड्यूल तैयार किया जाता है और उसी के मुताबिक काम किया जाता है। अगर किसी कारण किसी मिशन में देरी होती है तो फिर अगला मिशन शुरु कर दिया जाता है। अगर इस साल मिशन में देरी होती है तो वह लॉकडाउन की वजह से होगी। बजट में कटौती करने से इस पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

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इसरो इन मिशन में हो सकती है देरी

ISRO के इस वित्त वर्ष में लगभग 10 मिशन प्रस्तावित थे। अब ये सभी मिशन देरी से होंगे। इनमें- सूर्य के लिए जाने वाला मिशन आदित्य-एल 1, चंद्रयान-3 और गगनयान मुख्य रूप से शामिल थे। इनके अलावा जीसैट-2, रिसोर्ससैट-3 और 3एस, ओशनसैट-3, स्पेडएक्स, आईआरएनएसएस। इसरो ने मानव मिशन गगनयान की इस साल के अंत में अनमैन्ड फ्लाइट तय की थी।

इसके अलावा चंद्रयान- 3 की तैयारी भी चल रही थी। वहीं इसरो पहली बार सूर्य के अध्ययन के लिए आदित्य-एल1 मिशन भेजने वाला था। लेकिन लॉकडाउन के चलते अब इसरो के लगभग सभी मिशन देरी से होंगे।

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