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ये 40 दिन भारत के: जानें क्या कुछ हुआ नया, मिले कई नए शब्द
लॉकडाउन को तकरीबन 40 दिन हो चुके हैं और इन 40 दिनों में भारत ने ऐसा बहुत कुछ किया, जो कि पहले कभी नहीं हुआ। इस दौरान हमें कई नए शब्द और उनके अर्थ जानने का मौका मिला।
नई दिल्ली: इस वक्त पूरा देश कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। भारत में कोरोना वायरस का पहला मामला 30 जनवरी को केरल में आया। भले ही इस महामारी को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय 6 जनवरी से सतर्क हो गया हो, लेकिन जब देश में कोरोना के मामले मार्च में तेजी से बढ़ने लगे तब सरकार इस पर सक्रिय हुई। उसके बाद मार्च में ही देश में लॉकडाउन लागू किया गया।
40 दिनों के लॉकडाउन में क्या कुछ हुआ?
लॉकडाउन को तकरीबन 40 दिन हो चुके हैं और इन 40 दिनों में भारत ने ऐसा बहुत कुछ किया, जो कि पहले कभी नहीं हुआ। इस दौरान हमें कई ऐसे नए शब्द और उनके अर्थ जानने का मौका मिला, जो कि हमने पहले कभी नहीं सुना था और ना ही हमें इन शब्दों के मतलब पता थे। तो चलिए जानते हैं कि इन 40 दिनों के सख्त लॉकडाउन में क्या-क्या नया हुआ।
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भारत को अब तक हासिल हुआ यह सब
लॉकडाउन के दौरान भारत में लंबे वक्त से ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं खरीदे गए और ना ही हॉस्पिटल्स में औद्योगिक सिलिंडरों का उपयोग हुआ। पहली बार देश में अब 1.02 लाख नए सिलेंडर खरीदे जा रहे।
हर साल एन- 95/एन- 90 मास्क के अलावा 50 से 70 हजार तक PPE किट्स यानि पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्वीपमेंट्स आयात होती थीं। लेकिन अब हर दिन करीब डेढ़ लाख PPE किट्स और 2.30 लाख मास्क बन रहे।
महामारी से पहले तक देश में हर महीने 5 हजार वेंटिलेटर बनते थे, लेकिन अब कोरोना काल में एक महीने में 9 हजार वेंटिलेटर का निर्माण किया गया।
देश में 23 मार्च से ICU बेड की संख्या 41 हजार 974 से बढ़कर 1 लाख 94 हजार 26 हो गई है।
इन 40 दिनों के लॉकडाउन में 1741 केयर सेंटर, 1297 COVID- 19 स्वास्थ्य केंद्र और 738 अस्पताल तैयार किए गए।
एक महीने के अंदर ही एचसीक्यू उत्पादन प्रति माह 12.13 करोड़ से 30 करोड़ हो गया।
लोगों को मिले ये नए शब्द
हॉटस्पॉट, कंटेनमेंट जोन, बफर जोन, आरटी पीसीआर, रैपिड एंटीबॉडी किट्स, प्लाज्मा थेरपी, बैट कोरोना वायरस, रेड, ऑरेंज, ग्रीन जोन।
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