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16 लाख की इनामी महिला: सेना ने गोलियों से भूना, नक्सलियों की थी सरदार

शनिवार को नक्सलियों से मुठभेड़ की घटना सामने आई। इस नक्सली मुठभेड़ में पुलिस ने एक इनामी नक्सली को मार गिराया। पुलिस को ऐसे में बड़ी कामयाबी हासिल हुई है।

Vidushi Mishra
Published on: 3 May 2020 7:20 AM GMT
16 लाख की इनामी महिला: सेना ने गोलियों से भूना, नक्सलियों की थी सरदार
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नई दिल्ली। पूरे देश में कोरोना महामारी का सबसे ज्यादा संक्रमण महाराष्ट्र में है। हर दिन यहां संक्रमित की संख्या तेजी से बढ़ रही है और मरने वालों की भी संख्या में इजाफा हो रहा है। वहीं स्वास्थ्य के मोर्चे पर जूझ रहे प्रदेश में शनिवार को नक्सलियों से मुठभेड़ की घटना सामने आई। इस नक्सली मुठभेड़ में पुलिस ने एक इनामी नक्सली को मार गिराया। पुलिस को ऐसे में बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। ये नक्सली कई दिनों से पुलिस की नजर से बच रहा था। ये घटना प्रदेश के गढ़चिरौली जिले के पेंड्री के सिभट्टी के जंगलों में हुई।

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पुलिस की सी 60 कमांडो टीम

ऐसा बताया जा रहा है कि सिभट्टी के जंगल से शनिवार की शाम पुलिस टीम जा रही थी। पुलिस की सी60 कमांडो टीम पर नक्सलियों ने हमला कर दिया। तभी पुलिस की सी 60 कमांडो टीम ने भी नक्सलियों पर फायरिंग शुरू कर दी।

करीब घंटे भर तक दोनों तरफ से गोलीबारी चलती रही। लेकिन मुठभेड़ के बाद नक्सली वहां से भाग निकले। मुठभेड़ से नक्सलियों के भाग जाने के बाद कमांडो टीम ने मौके से एक महिला नक्सली का शव मिला।

साथ ही ये भी बताया जा रहा है कि मृतक महिला की पहचान नक्सल कमांडर सुजानका उर्फ चिनक्का उर्फ जैनी के रूप में हुई है। 48 साल की जैनी को महाराष्ट्र के साथ ही छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की पुलिस ने भी वांछित घोषित किया हुआ था।

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144 गंभीर आपराधिक केस दर्ज

महाराष्ट्र में नक्सली कमांडर के खिलाफ 144 गंभीर आपराधिक केस दर्ज थे। महाराष्ट्र सरकार ने जैनी पर 16 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। ये एक बहुत खतरनाक नक्सली थी।

मुठभेंड में कमांडो ने मुठभेड़ स्थल से एके 47 राइफल, क्लेडमोर माइंस, प्रेशर कुकर, बाल्टी, चप्पलें अन्य सामानों के साथ ही नक्सल साहित्य भी मिला है। जैनी के मारे जाने को गढ़चिरौली पुलिस बड़ी सफलता बता रही है।

ये भी कहा जा रहा है कि जैनी ने सुरक्षाबलों पर कई हमलों में नक्सलियों का नेतृत्व किया था। बताया जाता है कि जैनी साल 1988 में भामरागड दलम के साथ नक्सल समूह में शामिल हो गई थी और तभी से ये नक्सलियों में एक्टिव थी।

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Vidushi Mishra

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