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लाशों के बीच हो रहा कोरोना मरीजों का इलाज, दिल दहलाने वाली घटना से मचा हड़कंप

मुंबई के सायन अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड का जो वीडियो वायरल हुआ है, उससे पता चलता है कि मरीजों के बीच में ही काले प्लास्टिक के बैगों में कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के शव भी बेड पर पड़े हुए हैं।

Shivani Awasthi
Published on: 7 May 2020 3:10 PM GMT
लाशों के बीच हो रहा कोरोना मरीजों का इलाज, दिल दहलाने वाली घटना से मचा हड़कंप
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अंशुमान तिवारी

मुंबई। कोरोना से संक्रमित मरीजों के इलाज में एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। मुंबई के सायन अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में लाशों के बीच कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज का मामला उजागर होने के बाद हड़कंप मच गया है। मरीजों और उनके परिजनों ने इस मामले में अस्पताल के प्रबंधन से शिकायत भी की मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई और अब इसका वीडियो वायरल होने के बाद मामला गरमा गया है। भाजपा ने इसे लेकर महाराष्ट्र की उद्धव सरकार पर बड़ा हमला बोला है।

सायन अस्पताल का वीडियो वायरल

मुंबई के सायन अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड का जो वीडियो वायरल हुआ है, उससे पता चलता है कि मरीजों के बीच में ही काले प्लास्टिक के बैगों में कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के शव भी बेड पर पड़े हुए हैं। इनमें से कुछ लोगों को कपड़ों से तो कुछ को कंबल से ढका गया है। वार्ड में मरीजों के बीच ऐसे उन्नीस शव बेडों पर पड़े दिखे।

अस्पताल के डीन ने की मामले की पुष्टि

सायन अस्पताल से जुड़ा यह वीडियो पूरी तरह सच है क्योंकि अस्पताल के डीन डॉ प्रमोद इंगले ने भी वायरल वीडियो की पुष्टि की है। डॉक्टर इंगले का कहना है कि अस्पताल में स्टाफ की काफी कमी है और कोरोना वायरस से जान गंवाने वाले लोगों के रिश्तेदार शवों को ले जाने के लिए नहीं आ रहे हैं। इस कारण इन शवों को वार्ड में ही रखा गया है। उनकी दलील है कि मार्चुरी में जो 15 शेल्फ हैं, उनमें से 11 भरे हुए हैं।

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अस्पताल में हो रहा धारावी के मरीजों का इलाज

सायन अस्पताल के प्रबंधन ने बड़ी आसानी से इस मामले को टाल दिया मगर इस मामले के उजागर होने से लोगों का गुस्सा बढ़ गया है। एशिया के सबसे बड़े स्लम माने जाने वाले धारावी में मिले कोरोना के संदिग्ध मरीजों की जांच सायन अस्पताल में ही होती है। धारावी में कोरोना का संक्रमण बुरी तरह फैल गया है और ताजा आंकड़ों के मुताबिक यहां अब तक 700 से अधिक लोग इस वायरस का शिकार हो चुके हैं।

रिपोर्ट आने तक पड़ा रहता है शव

जानकारों के मुताबिक सायन अस्पताल में कोरोना की रिपोर्ट आने में 15 से 20 घंटे का समय लगता है। यहां के इमरजेंसी वार्ड में कोरोना मरीजों के अलावा दूसरे अन्य मरीजों को भी रखा गया है। ऐसे में अगर किसी मरीज की कोरोना से मौत भी हो जाती है तो उसकी लाश टेस्ट की रिपोर्ट आने तक वहीं पड़ी रहती है। अस्पताल प्रबंधन का रवैया इतना बेहद लापरवाही भरा है कि इन शवों के बगल में ही मरीजों के बेड भी हैं।

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फडणवीस ने की तत्काल कार्रवाई की मांग

पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे गंभीर मामला बताते हुए इस मामले में तत्काल कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने कहा कि शव के बगल में कोरोना मरीजों का इलाज करना एक गंभीर मामला है। सरकार को सोचना चाहिए कि क्या मुंबई में रहने वालों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। सरकार को इस मामले में तत्काल कदम उठाने चाहिए ताकि आगे से ऐसी घटना ना हो सके।

राणे ने भी घटना को शर्मनाक बताया

भाजपा नेता नीतीश राणे ने भी घटना को शर्मनाक बताते हुए कार्रवाई की मांग की है। राणे ने वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा है कि सायन अस्पताल में शवों के बीच कोरोना मरीज भी रह रहे हैं। यह काफी शर्मनाक बात है।

कम्युनिटी वर्कर ने खोला अस्पताल का कच्चा चिट्ठा

इस बाबत जानकारी देते हुए एक कम्युनिटी वर्कर मतिउर रहमान ने बताया कि वह अपने चाचा तालिब शेख को सायन अस्पताल ले गए थे। उन्होंने वहां पर एक शव रात से ही वार्ड में बेड पर पड़ा देखा। उन्होंने कहा कि कोरोना से एक मरीज की मौत सुबह दस बजे हुई थी और उसका शव भी शाम पांच बजे तक वहीं पड़ा रहा। आसपास के बेडों पर दूसरे अन्य मरीज थे मगर फिर भी बेडों से शव नहीं हटाए गए। उन्होंने कहा कि अस्पताल में किसी की मौत हो जाने पर उसकी कोरोना की रिपोर्ट आने तक कोई शव को हाथ नहीं लगाता है।

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शुरू से ही किया जा रहा इस तरह इलाज

धारावी के नगर पार्षद बाबू खान ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि कोरोना मरीजों की लाशों के बीच अन्य मरीजों को रखा जा रहा है। उनका कहना है कि भले ही लोगों को अब इस मामले की जानकारी हो रही हो मगर यहां शुरू से ही ऐसा किया जा रहा है। उन्होंने भी घटना को शर्मनाक बताते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की है।

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