TRENDING TAGS :
अब कोरोना का सामुदायिक संक्रमण रोकने पर जोर, हर जिले में पड़ताल की बड़ी तैयारी
स्वास्थ्य स्वास्थ्य मंत्रालय की इस तैयारी का मकसद पूरे देश में कोरोना के संक्रमण के स्तर का पता लगाना है। साथ ही यह पता लगाने की कोशिश भी की जाएगी कि यह संक्रमण किस तरीके से फैल रहा है।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस की बढ़ती रफ्तार पर लगाम लगाने के लिए अब इस महामारी के सामुदायिक संक्रमण की पड़ताल पर जोर दिया जा रहा है। देश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 67 हजार के ऊपर पहुंच गई है। अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने सामुदायिक संक्रमण की जांच के लिए व्यापक रूपरेखा बनाई है। इस योजना के तहत अब देश के हर जिले में साप्ताहिक आधार पर 200 नमूनों की जांच की जाएगी। इस बाबत स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से राज्य सरकारों के जरिए जिला प्रशासन को दिशा निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।
संक्रमण के फैलाव की होगी पड़ताल
स्वास्थ्य स्वास्थ्य मंत्रालय की इस तैयारी का मकसद पूरे देश में कोरोना के संक्रमण के स्तर का पता लगाना है। साथ ही यह पता लगाने की कोशिश भी की जाएगी कि यह संक्रमण किस तरीके से फैल रहा है। कई विशेषज्ञों ने भी चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में कोरोना के संक्रमण की रफ्तार तेज हो सकती है। इसके साथ ही प्रवासियों के आवागमन की शुरुआत के बाद सरकार संक्रमण की रफ्तार पर पैनी नजर रखना चाहती है। आईसीएमआर का कहना है कि वायरस को लेकर देश में सुव्यवस्थित ढंग से सर्विलांस की जरूरत है।
ये भी पढ़ेंः PM मोदी ने दिया ये नया नारा, राज्य सरकारों से 15 मई तक मांगे सुझाव
हर जिले में होगी 800 नमूनों की जांच
स्वास्थ्य मंत्रालय की योजना है कि संक्रमण की जांच दो समूहों में बांटकर की जाएगी। पहले समूह में हर जिले में कम से कम 10 अस्पतालों को चुना जाएगा और वहां के स्वास्थ्य कर्मचारियों की जांच होगी। इन अस्पतालों में 6 सरकारी और 4 प्राइवेट अस्पताल होंगे। दूसरा समूह आबादी से जुड़ा हुआ है। इसमें भी कम और अधिक रिस्क आबादी के दो समूह बनाए गए हैं। हर सप्ताह 200 नमूनों की जांच के साथ हर महीने 800 नमूनों की पड़ताल की जाएगी।
रिपोर्ट मिलने के बाद बनेगी आगे की रणनीति
स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सैंपल पूलिंग सिस्टम के तहत सरकार के पास जो भी जानकारी पहुंचेगी, उसका इस्तेमाल सिर्फ सर्विलांस के लिए किया जाएगा। इस अध्ययन के दौरान एलाइजा किट का इस्तेमाल भी किया जाएगा जिसमें रक्त की जांच के लिए एंटीबॉडी का पता लगाया जाता है। पूरी जानकारी केंद्र सरकार के पास पहुंचने के बाद आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। सरकार का मानना है कि इसके आधार पर ही सामुदायिक फैलाव की स्थिति के बारे में सही तस्वीर पता लग सकेगी।
ये भी पढ़ेंः लॉकडाउन से पहले हवाई यात्रा: बनी इनके लिए मुसीबत, लगा तगड़ा झटका
तेजी से बढ़ रहे हैं कोरोना के केस
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक सोमवार को पहली बार एक ही दिन में 4000 से अधिक मरीज सामने आए हैं। अब तक 24 घंटे में सबसे ज्यादा मरीजों का आंकड़ा 3900 था मगर सोमवार को 4213 नए केस दर्ज किए गए। फिलहाल 31.2 रिकवरी दर के साथ मरीज स्वस्थ होकर घर लौट रहे हैं। अब नमूनों की जांच में तेजी लाई गई है और पिछले 24 घंटे में 64000 से ज्यादा नमूनों की जांच की गई है। जहां तक उत्तर प्रदेश का सवाल है तो यहां कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या साढ़े तीन हजार से ऊपर पहुंच चुकी है।
प्रवासी मजदूरों की वापसी से बढ़ी समस्या
इस बीच देश भर से अपने गृह राज्यों की ओर लौट रहे प्रवासी श्रमिकों से भी संक्रमण फैलने का खतरा मंडरा रहा है। यही कारण है कि बिहार और झारखंड की सरकारों ने अपने श्रमिकों कों वापस लेने इनकार कर दिया है। विभिन्न राज्यों से बिहार पहुंचे कई मजदूर कोरोना पॉजिटिव मिले हैं है और यही कारण है कि बिहार सरकार इसे लेकर सतर्क हो गई है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी से लॉकडाउन की समय सीमा को और बढ़ाने का भी अनुरोध किया है।
दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।