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कोरोना से एक कदम आगे है देश, हर स्थिति के लिए तैयार, ऐसे है इंतजाम

देश में कोरोना वायरस का कहर एक युध्द बन कर सामने आया है। जहां एक तरफ इस पर काबू पाने की कवायद की जा रही है, वहीं दूसरी तरफ फिर कोई बूरी खबर सुनने को मिलती है। भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 80 फीसदी से ज्यादा मरीज ऐसे हैं।

Vidushi Mishra
Published on: 13 April 2020 2:24 PM IST
कोरोना से एक कदम आगे है देश, हर स्थिति के लिए तैयार, ऐसे है इंतजाम
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कोरोना से एक कदम आगे है देश, हर स्थिति के लिए तैयार, ऐसे है इंतजाम

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस का कहर एक युध्द बन कर सामने आया है। जहां एक तरफ इस पर काबू पाने की कवायद की जा रही है, वहीं दूसरी तरफ फिर कोई बूरी खबर सुनने को मिलती है। भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 80 फीसदी से ज्यादा मरीज ऐसे हैं जिनमें अभी वायरस के संक्रमण का मामूली असर देखने को मिल रहा है। लगभग 20 फीसदी (1689) मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत महसूस हो रही है, जबकि देश में 601 कोविड अस्पतालों में 1.05 लाख बेड उपलब्ध हैं। हालांकि, पर्याप्त इंतजाम होने की वजह से अभी सभी मरीजों को भर्ती किया जा रहा है और उन्हें अच्छी से अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध कराई जा रही है।

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इस खतरनाक वायरस से एक कदम आगे चल रहे

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि महामारी से पूरी दुनिया जूझ रही है। हम तैयारियों के मामले में इस खतरनाक वायरस से एक कदम आगे चल रहे हैं। आप सभी इसमें सहयोग करें। देश हर स्थिति से लड़ने के लिए तैयार है। इस लड़ाई में सरकार और निजी क्षेत्र भी शामिल हैं। मगर, सबसे अहम है आम लोगों का सहयोग। यह बेहद जरूरी है कि हम सामाजिक दूरी का पालन करें।

ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में रविवार तक कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 8,447 पहुंच गई। इनमें से 764 को अस्पतालों से छुट्टी मिल चुकी है, जबकि 273 लोगों की मृत्यु हो गई है।

लव अग्रवाल ने बताया कि 29 मार्च को 979 पॉजिटिव केस थे। आज 8,000 से ज्यादा केस हैं। इसमें से करीब 20 प्रतिशत मामलों में ही आईसीयू सपोर्ट की जरूरत है। इन्हें आइसोलेशन में डॉक्टरों की निगरानी में रखकर भी काम चलाया जा सकता है।

संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने राज्य व केंद्रशासित राज्यों की स्थिति पर तैयार रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, अगर कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से वृद्धि होती है तो सरकार उसके लिए पूरी तरह तैयार है। 29 मार्च को 163 अस्पताल में 41,900 बिस्तर थे। 4 अप्रैल को 67,000 बेड थे। 9 अप्रैल को 1,000 बेड की जरूरत थी तो 85 हजार बिस्तर उपलब्ध थे। आज हमारे पास एक लाख से ज्यादा बेड उपलब्ध हैं।

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डॉक्टरों को दिया जा रहा ऑनलाइन प्रशिक्षण

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, शनिवार सुबह से रविवार सुबह तक 24 घंटे के दौरान कोरोना संक्रमित 909 मामले सामने आए, जबकि इसी दौरान 34 मरीजों की जान चली गई। इस समय देश में कुल मामले 8,356 ही हुए थे। जबकि 716 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं।

साथ ही भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक अधिकारी ने बताया देश में 129 जांच सुविधा केंद्र है। रविवार दोपहर 1,86,906 नमूने जांचे गए, जिनमें से टेस्ट किए गए जिनमें से 7,953 यानी 4.3 प्रतिशत पॉजिटिव केस मिले।

ऐसे में सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में कोविड-19 परीक्षण की क्षमता का विस्तार करने के लिए तत्काल आधार पर काम जारी है। कोरोना वायरस परीक्षण क्षमता का विस्तार करने के लिए एम्स, निमहंस सहित 14 संस्थानों को मेडिकल कॉलेजों के संरक्षक के तौर पर तैयार किया गया है।

ये मेडिकल कॉलेजों को कोरोना जांच में सहयोग करेंगे। कोरोना वायरस का इलाज करने वाले कोविड अस्पतालों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। संक्रमण नियंत्रण से लेकर वेंटिलेटर प्रबंधन तक के बारे में दिल्ली एम्स के डॉक्टर ऑनलाइन प्रशिक्षण दे रहे हैं।

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जैसा मरीज वैसा उसको इलाज

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कोरोना वायरस का असर मरीजों में तीन तरह से देखने को मिल रहा है। माइल्ड, मॉडेरेट और क्रिटिकल। इन तीनों ही तरह के मरीजों के लिए अलग अलग तरह के अस्पतालों की व्यवस्था है। अगर किसी व्यक्ति में कोरोना का असर हल्का है तो उसे कोविड केयर सेंटर में रखा जा रहा है। जहां डॉक्टर मरीजों को इनकी शारिरिक स्थिति के आधार पर इलाज कर रहे हैं।

किसी में कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे हैं लेकिन उसकी तबीयत काबू में है तो उसे कोविड हेल्थ सेंटर में रखा जा रहा है। गंभीर मरीजों के लिए कोविड अस्पताल हैं। इन तीनों के लिए एंबुलेंस सेवा उपलब्ध है जिससे मरीज के मौजूदा लक्षणों में बदलाव होने पर उसे संबंधित अस्पताल या सेंटर भेजा जा सके।

देश के कोविड अस्पताल के ये इंतजाम

दिल्ली एम्स 260 में से 50 आईसीयू, 40 हाई डिपेंडेंसी और 70 वेंटिलेटर बेड तैयार हैं।

सफदरजंग अस्पताल में 400 आईसोलेशन, 100 आईसीयू बेड हैं।

आंध्रप्रदेश के चार बड़े अस्पतालों में 1680 बेड हैं। यहां 444 वेंटिलेटर हैं।

चेन्नई में 500 बेड का कोविड अस्पताल।

केरल में 1 हजार से ज्यादा बेड का अस्पताल।

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अहमदाबाद में 1200, भुवनेश्वर में 700, मुंबई में 100 बेड की व्यवस्था।

प्राइवेट अस्पतालो में अपोलो 450 और मैक्स के दो अस्पताल में 200 बेड की व्यवस्था।

भारतीय सेना भी है तैयार

भारतीय सेना के 51 अस्पतालों को कोरोना विशेष के लिए तैयार किया है। कोलकाता, विशाखापट्टनम, कोच्चि, हैदराबाद, बैंग्लोर, कानपुर, जैसलमेर, गोरखपुर सहित कई जगहों पर 9 हजार बिस्तरों की व्यवस्था है। 7000 बिस्तरों को स्टैंडबाई पर रखा है। अरुणाचल प्रदेश में आयुध कारखाना बोर्ड (ओएफबी) ने वॉटरप्रूफ 50 टेंट लगाए हैं।

हर टेंट में दो मरीजों को भर्ती करने का बंदोबस्त है। भेल, हेल और इंडियन ऑर्डनेंस फैक्टरी ने अब तक 10 अस्पतालों में 280 बिस्तरों का इंतजाम कर लिया है। हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड ने आइसोलेशन वार्ड तैयार किया है जिसमें 90 बेड हैं। यहां आईसीयू केयर व्यवस्था भी है।

20 हजार रेल बोगियों को आइसोलेशन वार्ड

लव अग्रवाल ने बताया कि 20 हजार रेल बोगियों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया जा रहा है जिसमें से पहले फेज में पांच हजार बोगियों में वार्ड तैयार हो चुके हैं। यहां डॉक्टर, नर्स व पैरामेडिकल स्टाफ इत्यादि तैनात होंगे।

अन्य 13 देशों के लिए भी दवाई

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इस बीच, सरकार के प्रवक्ता केएस धतवालिया ने बताया कि मंत्रिसमूह ने अपने पास पर्याप्त भंडार के बाद 13 देशों को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन की गोलियां जारी करने के लिए मंजूरी दे दी है। भारत के पास तीन करोड़ से ज्यादा इस दवा की गोलियां हैं, जबकि जरूरत फिलहाल एक करोड़ की ही है।

साइबर दोस्त करेगा मदद

गृह मंत्रालय की प्रवक्ता पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा, अंतरराज्यीय और राज्य के भीतर परिवहन के जरिए वस्तुओं को ले जाने पर कोई रोक नहीं है। गोदाम में भंडार कर सकते हैं। राज्य प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि जरूरी वस्तुएं बनाने वाले मजदूरों को सुचारु रूप से पास मिले जिससे इन यूनिटों में बाधा न आए।

उन्होंने कहा कि हॉटस्पॉट वाले इलाकों में सभी राज्य होम डिलिवरी सुनिश्चित कराएं। वर्क फ्रॉम होम हो रहा है। ऑनलाइन लेनदेन भी हो रहा है। गृह मंत्रालय ‘साइबर दोस्त’ के जरिए आपको उपयोगी राय दे रहा है। साइबर दोस्त ट्विटर हैंडल को फॉलो करें। cybercrime.gov.in पर साइबर अपराध दर्ज करा सकते हैं। इसके जरिए उनकी मदद की जा सकेगी।

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Vidushi Mishra

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