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इस फर्म ने भारत में बनाई कोरोना जांच की किट, एक हफ्ते में एक करोड़ टेस्ट

कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच एक अच्छी खबर है। इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कोरोना वायरस के टेस्ट के लिए भारत निर्मित पहली टेस्ट किट को मंजूरी दे दी है।

Dharmendra kumar
Published on: 24 March 2020 3:57 AM GMT
इस फर्म ने भारत में बनाई कोरोना जांच की किट, एक हफ्ते में एक करोड़ टेस्ट
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मुंबई: कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच एक अच्छी खबर है। इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कोरोना वायरस के टेस्ट के लिए भारत निर्मित पहली टेस्ट किट को मंजूरी दे दी है। पुणे की फर्म मायलैब को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। मायलैब ने एक सप्ताह में 1 लाख किट तैयार करने का वादा किया है। कंपनी ने कहा है कि एक किट से 100 मरीजों का टेस्ट किया जा सकता है।

पुणे की कंपनी मायलैब ने 6 हफ्तों में स्वदेशी किट विकसित की है। इस लैब के माध्यम से हर हफ्ते 1 लाख किट का निर्माण किया जा सकता है। मायलैब जो किट तैयार करेगी उसकी लागत विदेश से आने वाली किट से एक चौथाई होगी।

मिली जानकारी के मुताबिक प्रत्येक किट से 100 मरीजों का टेस्ट किया जा सकता है। मायलैब पैथोडिटेक्ट कोविड-19 क्वालिटेटिव पीसीआर किट वह पहली किट है जिसे व्यावसायिक तौर पर मंजूरी दी गई है।

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इस किट को इंडियन एफडीए/केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने मंजूरी दी है। इसके अलावा, मायलैब एकमात्र भारतीय कंपनी है जिसने ICMR मूल्यांकन में 100 प्रतिशत संवेदनशीलता और विशिष्टता हासिल की है।

मायलैब डिस्कवरी सॉल्यूंसन्स के महानिदेशक हसमुख रावल ने बताया कि मेक इन इंडिया के तहत राज्य और केंद्र सरकार के समर्थन से COVID-19 टेस्ट के लिए किट को रिकॉर्ड समय में विकसित किया गया है। इसे केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की मंजूरी हासिल है।

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हसमुख रावल ने यह भी कहा कि इस ऐसे मुश्किल समय में आईसीएमआर, एनआईवी, जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) और केंद्र और राज्य सरकारों के मूल्यांकन केंद्रों (सीडीएससीओ/एफडीए) से मिला सपोर्ट सराहनीय है।

फिलहाल, प्रति मिलियन आबादी पर होने वाले टेस्ट के लिहाज से भारत सबसे निचले पायदान पर है। इस लिहाज से देखें तो दक्षिण कोरिया और सिंगापुर जैसे देश भारत से आगे हैं जिन्होंने कोरोना वायरस के मामलों को टेस्ट किट की मदद से पहचान करने और रोकने में सफलता हासिल की है।

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अब तक भारत सरकार जर्मनी से लाखों टेस्टिंग किट मंगाती रही है ताकि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का मेडिकल टेस्ट किया जा सके। हालांकि, विदेशी किट पर निर्भरता परेशान करने वाली बात है और हवाई उड़ानों पर पांबदियां विदेश से टेस्ट किट आयात करने के रास्ते में बाधा बन रही थीं। मगर अब इसकी मंजूरी मिलने से कोरोना वायरस संक्रमितों की जांच की तस्वीर बदल जाएगी।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

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