×

वित्त मंत्रालय का एलान: कोरोना के खिलाफ जंग में किया गया दान CSR में शामिल, जानिए ये क्या है

दान देने वालों के मन में अभी भी सीएसआर को लेकर कई तरह के सवाल हैं, जैसे क्या पीएम केयर्स फंड में दान को ही सीएसआर माना जाएगा या किसी अन्य तरह के दान या राज्य सरकारों के राहत कोष में दान को भी सीएसआर माना जाएगा।

suman
Published on: 11 April 2020 2:35 PM GMT
वित्त मंत्रालय का एलान: कोरोना के खिलाफ जंग में किया गया दान CSR में शामिल, जानिए ये क्या है
X

नई दिल्ली : पूरे देश और दुनिया में कोरोना पूरी तरह से फैल चुका है। सब अपने अपने तरह से इसमें अपना योगदान दे रहे हैं। घरों में रहने के साथ देश की सहायता के लिए भी लोग आगे आ रहे है। सभी पीएम राहत कोष में दान कर रहे हैं। वित्त मंत्रालय ने इस दान को सीएसआर में शामिल किया है।

क्या है सीएसआर

कोरोना के बढ़ते प्रकोप के लिए सरकार की तरफ से मदद की अपील की गई है और देश के तमाम कॉर्पोरेट मदद के लिए सामने भी आए हैं और दिल खोलकर सरकार की मदद कर रहे हैं। कॉर्पोरेट को राहत देते हुए वित्त मंत्रालय ने एलान किया कि कोरोना के खिलाफ जंग में दान को सीएसआर ( Corporate Social Responsibility) में शामिल किया जाएगा। सभी कॉर्पोरेट को नेट प्रॉफिट का कुछ हिस्सा सामाजिक कार्यों पर खर्च करना होता है जिसे सीएसआर कहते हैं।

दान देने वालों के मन में अभी भी सीएसआर को लेकर कई तरह के सवाल हैं, जैसे क्या पीएम केयर्स फंड में दान को ही सीएसआर माना जाएगा या किसी अन्य तरह के दान या राज्य सरकारों के राहत कोष में दान को भी सीएसआर माना जाएगा। इन तमाम सवालों को ध्यान में रखते हुए वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने पूरी लिस्ट को ट्वीट किया है।

यह पढ़ें...लाॅकडाउन: प्राइवेट नर्सिंग होम्स में लटका ताला, मोबाइल बंद कर घरों में छिपे डाॅक्टर



यह पढ़ें...यूपी में जियो लॉकडाउन की चुनौतियों के बीच हाईस्पीड ब्रॉडबैंड सेवा देने में प्रतिबद्ध

इसमें क्या-क्या शामिल

*पीएम केयर फंड में दान सीएसआर माना जाएगा।

* किसी राज्य के चीफ मिनिस्टर रिलीफ फंड में दान को सीएसआर का हिस्सा नहीं माना जाएगा।

* कोरोना के खिलाफ स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी में किसी तरह के दान को सीएसआर का हिस्सा माना जाएगा।

*कोविड-19 से जुड़े किसी तरह की ऐक्टिविटी में खर्च को सीएसआर का हिस्सा माना जाएगा। जैसे हेल्थ केयर को प्रोमोट करना, सैनिटाइजेशन प्रोग्राम चलाना।

* लॉकडाउन के कारण जो वर्कर्स, दिहाड़ी मजदूर और अन्य स्टॉफ काम नहीं कर रहे हैं, उन्हें सैलरी सीएसआर का हिस्सा नहीं माना जाएगा। यह एंप्लॉयर की नैतिक जिम्मेदारी है।

* अगर कोई कंपनी टेम्पररी और दिहाड़ी मजदूर को मजदूरी के अलावा अलग से कोरोना-19 को लेकर Ex-gratia देती है तो यह सीएसआर का हिस्सा माना जाएगा।

suman

suman

Next Story