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Karnataka Cow Slaughter Ban: कर्नाटक में गोहत्या पर लगे प्रतिबंध को किया जा सकता है खत्म, पशुपालन मंत्री ने दिए संकेत

Karnataka Cow Slaughter Ban: गोहत्या कानून पास होने के बाद कर्नाटक भी उन राज्यों में शुमार हो गया, जहां गो हत्या प्रतिबंधित है। लेकिन अब इस कानून में बदलाव देखने को मिल सकता है। इसका इशारा राज्य के पशुपालन मंत्री के वेंकटेश ने कर दिया है।

Krishna Chaudhary
Published on: 4 Jun 2023 2:17 PM GMT
Karnataka Cow Slaughter Ban: कर्नाटक में गोहत्या पर लगे प्रतिबंध को किया जा सकता है खत्म, पशुपालन मंत्री ने दिए संकेत
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गोहत्या पर लगे प्रतिबंध, कर्नाटक(फोटो: सोशल मीडिया)

Bangalore: कर्नाटक में भारी जनादेश के साथ सत्ता में वापसी करने वाली कांग्रेस लगातार पिछली भाजपा सरकार के फैसलों को या तो पलट रही है और या उनपर रोक लगाकर उनकी समीक्षा करा रही है। इसी कड़ी में पिछली सरकार के एक और कानून के बदलने की चर्चा जोरों पर है। ये कानून गोहत्या से जुड़ा हुआ है, जिसे साल 2021 में बीएस येदियुरप्पा सरकार ने विधानसभा से पारित कराया था। इस कानून पास होने के बाद कर्नाटक भी उन राज्यों में शुमार हो गया, जहां गो हत्या प्रतिबंधित है। लेकिन अब इस कानून में बदलाव देखने को मिल सकता है। इसका इशारा राज्य के पशुपालन मंत्री के वेंकटेश ने कर दिया है। वेंकटेश ने कहा कि जब भैंसों को काटा जा सकता है तो गायों को क्यों नहीं। उनके इस बयान से स्पष्ट हो गया है कि सिद्धारमैया सरकार गोहत्या पर रोकथाम और मवेशियों के संरक्षण विधेयक, 2020 में संशोधन करने पर विचार कर रही है।

पशुपालन मंत्री ने गो हत्या को किसानों के हित में बताया

पशुपालन मंत्री के वेंकटेश ने गो हत्या के समर्थन में अपना तर्क पेश करते हुए कहा कि किसान के पास बूढ़े हो चुके मवेशियों को रखने और मृत पशुओं को ले जाने की समस्या होती है। उन्होंने अपना व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए कहा कि हाल ही में उन्हें अपने फॉर्महाउस से एक मरी हुई गाय को निकालने में कुछ कठिनाई का सामना करना पड़ा था। मंत्री वेंकटेश के इस बयान पर फिलहाल मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। गो हत्या पर सख्त प्रतिबंध की मांग करने वाली भाजपा कांग्रेस सरकार के ऐसे किसी फैसले का निश्चित तौर पर विरोध करेगी।

2020 में लाया गया था कड़ा कानून

बीएस येदियुरप्पा की पिछली सरकार ने कर्नाटक गोवध निवारण और मवेशी संरक्षण (संशोधन) विधेयक साल 2020 में लाया था। विधान परिषद में ध्वनिमत से बिल को पास कराने के बाद अगले साल यानी 2021 में इसे विधानसभा में पेश किया गया। जहां विपक्ष के कड़े विरोध के बीच इसे पारित करा लिया गया। मौजूदा कानून में गो हत्या को लेकर बेहद सख्त कानूनी प्रावधान है। दोषी को तीन से लेकर सात साल तक की जेल और 50 हजार से लेकर 5 लाख तक जुर्माना देना पड़ सकता है। इस कानून में पुलिस अधिकारियों को काफी पॉवर दिए गए हैं।

पहल भी कांग्रेस सरकार ने वापस ले लिए थे कानून

ऐसा नहीं है कि कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार पहली बार गोहत्या पर बीजेपी शासनकाल में बने किसी कानून को वापस लेने जा रही है। अपने पिछले कार्यकाल के दौरान भी सीएम सिद्धारमैया ने ऐसा ही किया था। तत्कालीन भाजपाई सीएम बीएस येदियुरप्पा ने 2010 और 2012 में गोवध के खिलाफ दो कड़े विधेयक लाए थे। जिसे 2014 में कांग्रेस की तत्कालीन सिद्धारमैया सरकार ने वापस ले लिया था।
बता दें कि वर्तमान में देश के कुल 29 में से 21 राज्यों में गो हत्या पर प्रतिबंध है। अगर कर्नाटक में बैन हटाया जाता है तो संख्या घटकर 20 हो जाएगी।

Krishna Chaudhary

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