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'बुलबुल' तबाही मचाने चला बंगलादेश, जारी हुआ हाई अलर्ट
चक्रवाती तूफान बुलबुल के बंगाल में पूर्वी तटों से टकराने के बाद अब पड़ोसी बांग्लादेश में तबाही मचा रहा है।
नई दिल्ली: चक्रवाती तूफान बुलबुल के बंगाल में पूर्वी तटों से टकराने के बाद अब पड़ोसी बांग्लादेश में तबाही मचा रहा है। हवाएं 120 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल रही है। भीषण बारिश हो रही है। बांग्लादेश की मीडिया के मुताबिक इससे अब तक वहां पर 22 लोगों की मौत हुई है लेकिन बांग्लादेश के आपदा प्रबंधन मंत्रालय के मुताबिक सिर्फ 8 लोग मारे गए हैं।
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बांग्लादेश के आपदा प्रबंधन मंत्रालय के मुताबिक तटीय और निचले इलाकों में रहने वाले 21 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था। लेकिन ज्यादातर लोगों की मौतें तटीय इलाकों में घर और पेड़ों से गिरने की वजह से हुई है। चक्रवात की वजह से सैकड़ों घरों को भी नुकसान पहुंचा है। बंगाल की खाड़ी में न तो बांग्लादेश की नौकाएं जा रही हैं, न ही पश्चिम बंगाल की। इसके साथ ही ट्रॉलरों पर भी रोक लगा दी गई है।
— India Met.Dept.
अभी कहां पहुंचा है तूफान बुलबुल? क्या तूफान कमजोर पड़ रहा है?
चक्रवाती तूफान बुलबुल अभी बांग्लादेश के खेपूपाड़ा से 125 किलोमीटर दूर है। जबकि, पश्चिम बंगाल के सुंदरबन नेशनल पार्क से 255 किलोमीटर दूर पहुंच गया है। कोलकाता से 295 और अगरतला से 130 किलोमीटर दूर है। लेकिन, ऐसा बताया जा रहा है कि अब बुलबुल तूफान कमजोर पड़ रहा है। अभी इसकी वजह से हवाएं करीब 40 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल रही हैं।
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भारतीय मौसम विभाग की चेतावनी
अगले 24 घंटे में 'बुलबुल' की वजह से असम के दक्षिणी हिस्से, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम हल्की की बारिश होने का अंदाजा है। अलर्ट जारी किया गया है कि बंगाल की खाड़ी में हवाएं 50 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल सकती हैं। जबकि, बांग्लादेश में हवाओं की गति 40 से 50 किलोमीटर होगी।
पूर्णिमा के चलते भयावह हो सकता है तूफान का स्वरूप
चक्रवाती तूफान बुलबुल की वजह से बांग्लादेश के दिघालिया, डाकोप और पतुआखाली में सैकड़ों मकान और कई हेक्टेयर फसल तबाह हो गई है। अब तूफान बुलबुल बांग्लादेश के दक्षिण-पश्चिम तट से गुजर रहा है। बांग्लादेश के 5000 राहत केंद्रों में 14 लाख लोगों को रखने की योजना बनाई गई थी, लेकिन रविवार आधी रात तक संख्या बढ़कर 21 लाख हो गई। चक्रवात ऐसे समय में आया है जब पूर्णिमा आने वाली है। पूर्णिमा में समुद्र का जलस्तर बढ़ जाता है। ऐसे में अगर चक्रवात बुलबुल कमजोर नहीं हुआ तो अगले 24 घंटे में भयानक तबाही होगी।