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Supreme Court के फैसले अब हिंदी में भी समझ सकेंगे, CJI चंद्रचूड़ का बड़ा ऐलान...'लाइव स्ट्रीमिंग ने पहुंचाया घर-घर तक'
Supreme Court Live Telecast: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि, उसकी कार्यवाही के सीधे प्रसारण ने कोर्ट को घरों और आम लोगों के दिलों तक पहुंचाया है। वह ये सुनिश्चित करने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग करने की कोशिश कर रहा है कि लाइव टेलीकास्ट की सामग्री इंग्लिश के अलावा हिंदी सहित अन्य भाषाओं में भी उपलब्ध हो।
Supreme Court Live Telecast : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) जनता तक पहुंच बनाने के प्रयास में जुटी है। न्यायालय की कार्यवाही के सीधे प्रसारण ने कोर्ट को आम लोगों के घरों और दिलों तक पहुंचाया है। सर्वोच्च अदालत ने अब हिंदी के अलावा अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में लाइव प्रसारण की तैयारी की है। दरअसल, चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) के नेतृत्व वाली 5 जजों की संविधान पीठ ने समलैंगिक विवाह (Same-sex marriage) के लिए कानूनी मान्यता की मांग वाली याचिकाओं पर 8वें दिन की सुनवाई के दौरान ये बात कही।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कोर्ट कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, 'देश की भाषा की बाधा को हटाने के लिए कोर्ट एक खास मॉड्यूल पर काम कर रहा है।' आपको बता दें, सितम्बर 2022 से ही सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग जारी है। खास बात ये है कि अभी तक ट्रांस्क्रिप्ट केवल इंग्लिश भाषा में ही उपलब्ध है। ट्रांस्क्रिप्ट का अर्थ लिखित या प्रकाशित सामग्री से है, जो पहले किसी अन्य माध्यम से तैयार की गई थी।
अन्य भाषाओं में भी उपलब्ध हो सामग्री
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने आगे कहा, 'शीर्ष अदालत ये सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी (Technology) का उपयोग करने की कोशिश कर रहा है कि, लाइव टेलीकास्ट की सामग्री अंग्रेजी के अलावा समानांतर रूप से अन्य भाषाओं में भी उपलब्ध हो, जिससे अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके।'
CJI- लाइव प्रसारण ने कोर्ट को लोगों के दिलों तक पहुंचाया
संविधान पीठ में जस्टिस एसके कौल (Justice SK Kaul), जस्टिस एसआर भट (Justice SR Bhat), जस्टिस हिमा कोहली (Justice Hima Kohli) और जस्टिस पीएस नरसिम्हा (Justice PS Narasimha) भी शामिल हैं। मध्य प्रदेश की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी (Advocate Rakesh Dwivedi) ने कहा कि, कार्यवाही का एक महत्वपूर्ण नतीजा ये है कि समाज में मंथन हो रहा है। देश के कोने-कोने में इस बहस और सीधे प्रसारण के कारण लोग मुद्दे के बारे में सोच रहे हैं। इस पर प्रधान न्यायाधीश ने सुनवाई के दौरान कहा, 'अदालती कार्यवाही के लाइव टेलीकास्ट ने वास्तव में हमारी अदालत को पूरी तरह से घरों और आम लोगों के दिलों तक पहुंचाया है। मुझे लगता है कि यह प्रक्रिया का हिस्सा है।'
ऐसे उठी मांग
इस पर वरिष्ठ वकील द्विवेदी ने कहा, 'लोगों तक पहुंच में एकमात्र बाधा ये है कि अदालत में बहस अंग्रेजी में होती है। गांवों में रहने वाले अधिकांश लोग इस भाषा को नहीं समझते हैं।' जिस पर चीफ जस्टिस ने कहा, 'आपको आश्चर्य होगा कि हम उस पर भी काम कर रहे हैं।'
लाइव टेलीकास्ट की सामग्री अन्य भाषाओं में उपलब्ध हो
सीजेआई ने आगे कहा, 'हम इस पर काम कर रहे हैं, आपके पास जो प्रतिलेख (Transcript) हैं, हम अब यह सुनिश्चित करने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं कि लाइव टेलीकास्ट की सामग्री को समानांतर रूप से अन्य भाषाओं में उपलब्ध कराया जाए। ताकि इसका लाभ लोग उठा सकें।'